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जलवायु कार्रवाई की उम्मीदों पर 'खरे नहीं उतर रहे' विश्व नेता

23 सितंबर को जलवायु शिखर वार्ता के दौरान यूएन महासभा का नज़ारा.
UN Photo/Loey Felipe
23 सितंबर को जलवायु शिखर वार्ता के दौरान यूएन महासभा का नज़ारा.

जलवायु कार्रवाई की उम्मीदों पर 'खरे नहीं उतर रहे' विश्व नेता

जलवायु और पर्यावरण

युवा जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग ने संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर वार्ता को संबोधित करते हुए विश्व नेताओं को खरी-खरी सुनाते हुए कहा कि ठोस जलवायु कार्रवाई से जुड़ी आशाओं पर अगर वे खरे नहीं उतरे तो उन्हें कभी माफ़ नहीं किया जाएगा. थुनबर्ग ने बिना लाग-लपेट के कहा है कि इतने बड़े संकट के सामने खड़े होने के बावजूद नेता परिपक्व ढंग से सीधी-सच्ची बात नहीं कर रहे हैं.

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने न्यूयॉर्क में सोमवार, 23 सितंबर, को एक जलवायु शिखर वार्ता का आयोजन किया. यूएन प्रमुख ने बैठक से पहले विश्व नेताओं से भाषणों के बजाय ठोस समाधान बैठक में लाने की अपील जारी की थी.

जलवायु बैठक में प्रतिनिधियों ने जलवायु अनुकूलन और कार्बन उत्सर्जन में कटौती के लिए उठाए जा रहे क़दमों के बारे में जानकारी साझा कर रहे हैं. वर्ष 2015 में पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते में जो संकल्प लिए  गए थे उन्हें और ज़्यादा बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है.

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थुनबर्ग ने दुनिया भर से न्यूयॉर्क में एकत्र हुए राष्ट्राध्यक्षों, व्यवसाय जगत के नेताओं और नागरिक समाज के प्रतिनिधियों को सीधे संबोधित करते हुए कहा:

“खोखली बातों से तुमने मेरे सपने और मेरा बचपन चुरा लिया है और मैं फिर भी भाग्यशाली लोगों में हूं. लोग मुश्किलों का सामना कर रहे हैं. लोग मर रहे हैं, पारिस्थितिकी तंत्र ढह रहे हैं. हम पूरी तरह लुप्त होने की तरफ़ बढ़ रहे हैं और आप सिर्फ़ धन और निरंतर जारी वाली आर्थिक वृद्धि की परीकथाओं सरीखी बातें करते हैं. आपकी हिम्मत कैसे हुई?“

“आप हमारी उम्मीदों पर खरे नहीं उतर रहे हैं, लेकिन युवा आपके धोख़े को समझने लगे हैं. भावी पीढ़ियों की नज़रें आप पर लगी हैं और अगर आपने हमारी उम्मीदों को पूरा नहीं किया तो हम आपको कक्षी क्षमा नहीं करेंगे.”

शिखर वार्ता से पहले वैश्विक तापमान बढ़ने के विनाशकारी नतीजों की जानकारी देने वाली एक वैज्ञानिक रिपोर्ट जारी की गई थी. इस रिपोर्ट में अभूतपूर्व जलवायु कार्रवाई की ज़रूरत को मज़बूती से रेखांकित किया गया है.

महासचिव गुटेरेश ने बैठक की शुरुआत करते हुए कहा कि बातचीत बहुत हो चुकी है अब कार्रवाई का समय है. “यह शिखर वार्ता बात करने के लिए नहीं है. बातचीत बहुत हो गई है. यह जलवायु के लिए मोलभाव करने के लिए भी बैठक नहीं है. आप प्रकृति के साथ मोलभाव नहीं करते. यह जलवायु कार्रवाई के लिए शिखर वार्ता है.”

स्थिति की तात्कालिकता और अहमियत को रेखांकित करते हुए यूएन प्रमुख ने कहा कि मानवीय गतिविधियों की वजह से जलवायु परिवर्तन अब अस्तित्व के लिए ख़तरा बन गई है.

“अगर हम तत्काल अपनी जीवनशैली नहीं बदलते, तो हम जीवन को ही ख़तरे में डाल रहे हैं.” हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई कि इस वैश्विक चुनौती पर पार पाया जा सकता है.

यूएन प्रमुख ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में सरकारें, शहर और व्यवसायों ने शिखर वार्ता में मज़बूत जलवायु संकल्प वयक्त किए हैं और ये हरित भविष्य में निवेश के लिए उनके नेतृत्व को दर्शाता है.  यह जलवायु के लिए मोलभाव करने के लिए भी बैठक नहीं है. आप प्रकृति के साथ मोलभाव नहीं करते. यह जलवायु कार्रवाई के लिए शिखर वार्ता है.”

उन्होंने माना कि इन समाधानों को प्रभावी ढंग से लागू किया जाना चाहिए जिसके लिए समाज के हर क्षेत्र में बुनियादी बदलावों की आवश्यकता होगी - विशेषकर, खाद्य उत्पादन करने, परिवहन तंत्र और अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए ज़रूरी ईंधन में.

यूएन महासचिव ने जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल के लिए दी जाने वाली सब्सिडियों का अंत करने की पुकार लगाई है. साथ ही देशों से आग्रह किया है कि वेतन के बजाय कार्बन उत्सर्जन पर टैक्स लगाया जाना चाहिए.

चिली के राष्ट्रपति सेबेस्टियन पिनयेरा ने ‘क्लाइमेट एंबीशन एलायंस’ शुरू करने की घोषणा की है जिसके ज़रिए जलवायु कार्रवाई का दायरा और व्यापक बनाए जाने पर ज़ोर है.

इसमें वे सभी देश एक साथ आएंगे जो वर्ष 2050 तक नैट कार्बन डाय ऑक्साइड उत्सर्जन शून्य करने की दिशा में काम कर रहे हैं. इस समूह में 65 देश, 10 राज्य, 93 व्यवसाय और 12 निवेशक शामिल हैं.

अर्थव्यवस्था का मौजूदा ढांचा जीवाश्म ईंधनों पर आधारित है लेकिन उस पर निर्भरता कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं.

ऊर्जा के लिए कोयले से अलग हटकर विकल्प अपनाने के लिए बनाया गया ‘Powering Past Coal Alliance’ में अब 30 देश, 22 राज्य और 31 कॉरपोरेशन शामिल है जो नवीनीकृत ऊर्जा और हरित भविष्य की ओर तेज़ी से क़दम बढ़ा रहे हैं.