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'दशकों में हासिल हुई प्रगति कुछ ही घंटों में ख़त्म हो सकती है'

जापान के योकोहामा में सातवें टोकियो अंतरराष्ट्रीय अफ्रीका विकास सम्मेलन के मौक़े पर मीडियो को संबोधित करते हुए - महासचिव एंतोनियो गुटेरेश. (29 अगस्त 2019)
UN Japan/Ichiro Mae
जापान के योकोहामा में सातवें टोकियो अंतरराष्ट्रीय अफ्रीका विकास सम्मेलन के मौक़े पर मीडियो को संबोधित करते हुए - महासचिव एंतोनियो गुटेरेश. (29 अगस्त 2019)

'दशकों में हासिल हुई प्रगति कुछ ही घंटों में ख़त्म हो सकती है'

जलवायु और पर्यावरण

प्राकृतिक आपदाएँ जिस तरह विकास को नकारती हैं, शायद ही कोई और वजह ऐसा करती हो, ये कहना है संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश का जिन्होंने सातवें टोकियो अंतरराष्ट्रीय अफ्रीका विकास सम्मेलन के दूसरे दिन प्रतिभागियों को संबोधित किया. इस सम्मेलन का ये सातवां वर्ष है.

जापान के योकोहामा में आयोजित इस सम्मेलन में उन्होंने कहा कि कई दशकों में हासिल किया जाने वाला विकास सिर्फ़ कुछ ही घंटों की आपदा में तबाह हो सकता है. उनका इशारा साल 2019 के आरंभ में मोज़ाम्बीक में आए समुद्री तूफ़ान, जापान में कुछ ही दिन पहले बाढ़ से हुई तबाही और अमेज़ॉन के जंगलों में भीषण आग से हुई तबाही की तरफ़ था.

ग़ौरतलब है कि जुलाई 2019 को अभी तक का सबसे गर्म महीना दर्ज किया गया है. संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "हम 2015 से लेकर 2019 तक के पाँच साल सबसे ज़्यादा गर्म होने की राह पर हैं. साथ ही विश्व मौसम संगठन के आँकड़े दिखाते हैं कि अभी तक वातावरण में कार्बन डाय ऑक्साइड का जमाव सबसे ज़्यादा है जो मानव इतिहास में एक रिकॉर्ड है."

उन्होंने कहा कि जहाँ तक जलवायु परिवर्तन के इन प्रभावों का नुक़सान उठाने का मुद्दा है तो ग़रीब और कमज़ोर लोगों पर सबसे ज़्यादा असर पड़ता है. वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन में वैसे तो अफ्रीका का बहुत कम योगदान है मगर उसके सबसे ज़्यादा नुक़सान अफ्रीका को ही उठाने पड़ रहे हैं.

उन्होंने कहा कि अफ्रीका के पास ये नैतिक अधिकार है कि वो सबसे ज़्यादा कार्बन डाय ऑक्साइड उत्सर्जित करने वाले चीन, अमरीका, भारत जैसे देशों से सवाल पूछ सके. और ये कह सके कि इन देशों को कार्बन उत्सर्जन पर रोक लगानी चाहिए और 2050 तक कार्बन उत्सर्जन में संतुलन हासिल करने की वैज्ञानिक समुदायों की सिफ़ारिशों पर अमल करना चाहिए. 

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि हमारा व्यापक लक्ष्य है कि हम दुनिया को पृथ्वी पर तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस से ज़्यादा ना जाने दें.  जलवायु परिवर्तन पर अंतरसरकारी पैनल का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि ये लक्ष्य तभी हासिल किया जा सकता है जब विश्व दीर्घकालीन उपाय बहुत तेज़ी से करे. 

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि अमेजॉन जंगलों में भीषण आग के मामले में संयुक्त राष्ट्र के संकल्प को प्राथमिकता देने के लिए क़दम उठाए हैं.

उन्होंने बताया कि अमेज़ॉन को समर्थन जुटाने के लिए क्या सितंबर में महासभा के वार्षिक सत्र के दौरान कोई ख़ास बैठक आयोजित की जा सकती है, ये देखने के लिए कुछ देशों के साथ संपर्क किया है.

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने 23 सितंबर को न्यूयॉर्क स्थित मुख्यालय में जलवायु कार्रवाई सम्मेलन का आयोजन किया है. इसके लिए ग़रीब और कमज़ोर समुदायों व देशों के हितों को बचाने के लिए प्रस्ताव पहले ही शामिल किए जा चुके हैं. इनमें प्राकृतिक आपदाओं का मुक़ाबला करने और एहतियाती उपाय करने के प्रस्ताव भी शामिल हैं.