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जापान: भूस्खलन के प्रभावितों के प्रति सम्वेदना व राहतकर्मियों के काम की सराहना

जापान का फूजीसन इलाक़ा जिसे प्राकृतिक सुन्दरता के साथ, पवित्र स्थल और कलात्मक अभिप्रेरण का स्रोत समझा जाता है.
Shizuoka Prefectural Tourism Association
जापान का फूजीसन इलाक़ा जिसे प्राकृतिक सुन्दरता के साथ, पवित्र स्थल और कलात्मक अभिप्रेरण का स्रोत समझा जाता है.

जापान: भूस्खलन के प्रभावितों के प्रति सम्वेदना व राहतकर्मियों के काम की सराहना

जलवायु और पर्यावरण

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने सोमवार को जापान में उन परिवारों के साथ सम्वेदना व्यक्त की है जिनके सदस्य सप्ताहान्त के दौरान शिज़ुओका क्षेत्र के तटीय शहर अतामी में समुद्री तूफ़ान और ज़मीन खिसकने के कारण मौत का शिकार हो गए.

इस प्राकृतिक हादसे में कम से कम चार लोगों के मारे जाने और लगभग 80 लोगों के लापता होने की ख़बरे हैं. 

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ये हादसा उस इलाक़े में भीषण बारिश होने के कारण हुआ जब रिहायशी इलाक़ों में भूस्खलन यानी ज़मीन बहनी शुरू हो गई.

तटीय शहर अतामी की आबादी लगभग 36 हज़ार है और फूजी पर्वत के निकट व राजधानी टोकियो से लगभग दक्षिण-पूर्व में क़रीब दो घण्टे के सफ़र पर बसा ये शहर अपने आकर्षक मौसम के लिये मशहूर है.

ख़बरें है कि अधिकारियों ने इस सप्ताह और भी भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की है, और उस इलाक़े में हाई एलर्ट यानि उच्च सतर्कता घोषित की हुई है.

शोक सन्तप्त

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश के प्रवक्ता द्वारा सोमवार को जारी एक वक्तव्य में कहा गया है कि यूएन प्रमुख, जापान में जान-माल की इस तबाही पर बहुत दुखी हैं.

वक्तव्य में यूएन प्रमुख ने हताहत होने वाले लोगों के परिवारों, जापान सरकार और देश के लोगों के प्रति गहरी सम्वेदना व्यक्त की है. 

साथ ही, उन्होंने आपदा राहत कर्मियों के कामकाज की सराहना करते हुए, घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की है.

वक्तव्य में ये भी कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र, जापान के लोगों व वहाँ की सरकार के साथ एकजुटता के साथ मुस्तैद है.

बचाव और राहत कार्य

जापानी अधिकारियों ने कहा कि कि सोमवार को लगभग 1500 राहत और बचाव कर्मी घटनास्थल पर तलाश अभियान चलाए हुए थे. सोमवार को जिन 23 लोगों को जीवित बचाया गया उनमें एक बुज़ुर्ग दम्पति भी शामिल था.

अतामी में जुलाई के पहले केवल तीन दिनों के दौरान इतनी बारिश हुई, जितनी कि पूरे जुलाई महीने में भी नहीं दर्ज की जाती है. 

जापान के अन्य इलाक़ों में भी भारी बारिश से ख़ासा नुक़सान हुआ है. राजधानी टोकियो के नज़दीक के दर्जनों शहर और क़स्बे भी भारी बारिश की चपेट में आए हैं.

जापान में हाल के वर्षों में बाढ़ में बढ़ोत्तरी देखी गई है जोकि वैश्विक तापमान वृद्धि के प्रभावों के नतीजन हो रही बताई गई है. वैश्विक तापमान वृद्धि के कारण औसत बारिश में वृद्धि दर्ज की गई है.