प्रकृति और मानवता के बीच तालमेल के हालात बनाने होंगे - महासचिव

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने दुनिया में मानवता और प्रकृति के बीच समरसता क़ायम करने के लिए ज़रूरी परिस्थितियों के निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया गया है. जापान के ओसाका शहर में शनिवार, 29 जून को चीन और फ़्रांस के विदेश के मंत्रियों के साथ बैठक के बाद यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने आहवान किया.
जलवायु कार्रवाई की दिशा में क़दम आगे बढ़ाने और जलवायु परिवर्तन से निपटने के प्रयासों में बहुपक्षवाद को बढ़ावा देने में विशेष मदद के लिए उन्होंने दोनों देशों - फ्रांस और चीन का आभार जताया.
महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि हमें पृथ्वी को बचाने की ज़रूरत है.
उन्होंने कहा कि दिसंबर 2018 में पोलैंड के कैटोविचे शहर में हुए जलवायु शिखर सम्मेलन (COP24) की सफलता के लिए यह बेहद ज़रूरी है.
हालांकि उन्होंने माना कि हाल ही में जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर बॉन में हुई बैठ सफल नहीं रही है.
दुनिया के कुछ हिस्सों में राजनैतिक विफलता की वजह से ज़मीनी धरातल पर स्थिति और मुश्किल होती जा रही है.
“हमें राजनैतिक इच्छाशक्ति को मज़बूत बनाना होगा. इसके लिए मैं चीन और फ़्रांस की दृढ़ता पर भरोसा कर रहा हूं – पेरिस समझौते के लिए, जलवायु कार्रवाई और बहुपक्षवाद के लिए, ताकि मौजूदा मुश्किलों का सामना करने में हम सफल हो सकें.”
इससे पहले शुक्रवार को विज्ञान में अपना विश्वास दोहराते हुए उन्होंने ‘इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाईमेट चेंज’ की रिपोर्ट का हवाला देते हुए आगाह किया था कि 21वीं सदी के अंत तक वैश्विक तापमान में 1.5 डिग्री सेल्सियस से ज़्यादा बढ़ोत्तरी नहीं होनी चाहिए.
इस लक्ष्य को पाने के लिए 2050 तक ‘कार्बन न्यूट्रैलिटी’ की आवश्यकता है और उसके लिए सरकारों और अर्थव्यवस्था के अन्य हिस्सेदारों को जलवायु कार्रवाई के लिए और अधिक महत्वाकांक्षा प्रदर्शित करनी होगी.
साथ ही उन्होंने आशा जताई है कि ‘ग्रीन क्लाइमेट फंड’ को बेहतर बनाने और उसे संसाधन मुहैया कराए जा सकेंगे.
जलवायु कार्रवाई के लिए वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराने में इस फंड को एक अहम ज़रिया बताया गया है.
यूएन प्रमुख ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर ‘इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाईमेट चेंज’ की ताज़ा रिपोर्ट एक रेड अलर्ट है लेकिन कार्रवाई को तेज़ करने का प्रेरक भी है.
इसी मुद्दे पर सितंबर 2019 में न्यूयॉर्क में जलवायु शिखर वार्ता होनी है जिसके ज़रिए यूएन प्रमुख वैश्विक जलवायु कार्रवाई में तेज़ी लाने का प्रयास कर रहे हैं.
इन प्रयासों के तहत कार्बन पर टैक्स लगाए जाने, जीवाश्म ईंधनों की सब्सिडी समाप्त किए जाने और कोयले से चलने वाले ऊर्जा संयंत्रों पर रोक लगाने के प्रस्ताव हैं.
महासचिव गुटेरेश ने स्वीकार किया कि इन महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को हासिल करने में सभी देशों को मुश्किलें पेश आएंगी.
लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई कि बहुपक्षवाद और आपसी सहयोग के ज़रिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय इन चुनौतियों से पार पाने में सफल हो सकेगा.