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'नींद से जगाने वाली चेतावनी' हैं मोज़ाम्बिक में तबाही लाने वाले तूफ़ान

मोज़ाम्बिक के बेयरा शहर में बने कैंप के पास घरेलू विस्थापित कपड़े सुखाते हुए.
UNICEF/UN0291739/Prinsloo
मोज़ाम्बिक के बेयरा शहर में बने कैंप के पास घरेलू विस्थापित कपड़े सुखाते हुए.

'नींद से जगाने वाली चेतावनी' हैं मोज़ाम्बिक में तबाही लाने वाले तूफ़ान

जलवायु और पर्यावरण

मोज़ाम्बिक में ‘इडाई’ और ‘कैनेथ’ नामक चक्रवाती तूफ़ानों से हुई भयंकर तबाही जलवायु परिवर्तन की दृष्टि से संवेदनशील देशों के लिए नींद से जगाने वाली घंटी है. संयुक्त राष्ट्र की मौसम विज्ञान संस्था (WMO) ने कहा है कि उच्च तीव्रता वाले तूफ़ानों, तटीय क्षेत्रों में बाढ़ और भारी बारिश से होने वाले नुक़सान से बचने के लिए सहनशीलता बढ़ाने की आवश्यकता है.

मौसम विज्ञान संस्था ने आपदाओं के जोखिम को कम करने के लिए जिन प्राथमिकताओं की पहचान की है उनके तहत समय से पहले चेतावनी प्रणाली मज़बूत बनाने और आपदाओं से होने वाले नुक़सान को कम करने के लिए बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ बनाने की अहमियत को समझाया गया है.

यूएन एजेंसी के महासचिव पेटेरी टालस ने बताया कि मोज़ाम्बिक को ‘क्लाइमेट रज़िलिएंस’ या जलवायु सहनशीलता को बढ़ाना होगा. “विश्व भर में चक्रवाती तूफ़ानों की संख्या में भविष्य में कमी आने का अनुमान है, लेकिन अधिक तीव्रता वाले और भारी बारिश लाने वाले तूफ़ानों (श्रेणी 4 और 5) की संख्या गर्म होती जलवायु में बढ़ेगी.”

उन्होंने ज़ोर देकर कहा है कि समुद्री जलस्तर बढ़ने से तटीय क्षेत्रों में तूफ़ानों का असर ज़्यादा होगा और बाढ़ की चिंताएं भी बढ़ जाएंगी. ऐसा बेयरा जैसे निचले तटों वाले शहरों में होगा.

मार्च और अप्रैल में चक्रवाती तूफ़ानों को झेलने वाले मोज़ाम्बिक में निचले इलाक़ों को भीषण बाढ़ का सामना करना पड़ा था. नदियों और समुद्र से बाढ़ का ख़तरा मोज़ाम्बिक के लिए कायम है.

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तथ्य जुटाने के लिए मोज़ाम्बिक का दौरा कर रही टीम का कहना है कि मौसम विज्ञान और जल आपूर्ति सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए 2.7 करोड़ डॉलर के निवेश की ज़रूरत है.

इसके ज़रिए पुनर्निर्माण, पुनर्वास और बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. साथ ही बाढ़ के ख़तरे को मापने के लिए भूमि का सर्वेक्षण होगा, सैटेलाइट के ज़रिए बारिश का अनुमान लगाया जाएगा और मौसम का पूर्वानुमान लगाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा.

मौसम विज्ञान संगठन की टीम अपनी रिपोर्ट मोज़ाम्बिक के बेयरा शहर में शनिवार को हो रही अंतरराष्ट्रीय संकल्प सम्मेलन में प्रस्तुत करेगी.

14 मार्च को तटीय शहर बेयरा में भीषण बारिश और तूफ़ान के चलते कुछ ही घंटों के भीतर शहर जलमग्न हो गया जिससे जानमाल का भारी नुक़सान हुआ है.

चक्रवाती तूफ़ान और उसके बाद बाढ़ से 600 लोगों की मौत हुई, 1600 घायल हुए और 18 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. इमारतों, बुनियादी ढांचे और कृषि को 77.3 करोड़ डॉलर का नुक़सान होने की आशंका है.

यूएन एजेंसी की रिपोर्ट में चक्रवाती तूफ़ानों से निपटने की तैयारी, आपात स्थिति में आपसी समन्वयन, संचार और आपदा चेतावनी प्रणाली में मौजूदा कमियों की ओर इशारा किया गया है.