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सर्वस्व बलिदान करने वाले यूएन शांतिरक्षकों को श्रृद्धांजलि

संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षकों के अंतरराष्ट्रीय दिवस पर पुष्पांजलि अर्पित करते यूएन महासचिव.
UN Photo/Eskinder Debebe
संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षकों के अंतरराष्ट्रीय दिवस पर पुष्पांजलि अर्पित करते यूएन महासचिव.

सर्वस्व बलिदान करने वाले यूएन शांतिरक्षकों को श्रृद्धांजलि

शान्ति और सुरक्षा

1948 में संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षा अभियानों की शुरुआत के बाद से अब तक 3,800 शांतिरक्षकों ने शांति मिशनों में अपने जीवन का बलिदान दिया है. यूएन अभियानों के ज़रिए शांति और सुरक्षा प्रदान करने वाले साहसिक महिला और पुरुषों की स्मृति के सम्मान में न्यूयॉर्क में आयोजित एक समारोह में महासचिव अंतोनियो गुटेरेश ने उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की है.


शांतिरक्षा की सच्ची क़ीमत को ध्यान दिलाते हुए संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंतोनियो गुटेरेश ने उन लोगों के सम्मान में एक मिनट का मौन धारण किया जिन्होंने हिंसाग्रस्त देशों को शांति और आशा का अवसर प्रदान करने के अपना जीवन बलिदान कर दिया.

“आज विश्व भर में 14 मिशनों में हमारे शांतिरक्षक शांति और स्थिरता को बचाए रखने के लिए वीरतापूर्वक अपनी सेवाएं दे रहे हैं.” महासचिव ने ध्यान दिलाया की उन्हें गंभीर ख़तरों का भी सामना करना पड़ता है.

उन्होंने माली, दक्षिण सूडान, मध्य अफ़्रीकी गणराज्य, लेबनान और कॉन्गो लोकतांत्रिक गणराज्य में यूएन शांतिरक्षा अभियानों को इतिहास में अब तक के सबसे ख़तरनाक मिशनों में गिना. उन्होंने कहा कि 36 देशों के 90 सैन्य और पुलिसकर्मी और

“हम अपने शांतिरक्षकों से बहुत कुछ मांगते हैं. बदले में, जितना संभव हो सके हमें उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रयास करना जारी रखना होगा.”

“आज हम उन शांतिरक्षकों की स्मृति को सम्मान देते हैं जो घर नहीं लौटे और फिर संकल्प लेते हैं कि बेहतर भविष्य के लिए उनके मिशन को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे.”

प्राण बलिदान करने वाले शांतिरक्षकों को पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद महासचिव गुटेरेश ने 119 साहसिक शांतिरक्षकों को मेडल से सम्मानित किया.

“58 साल पहले कॉन्गो में संघर्ष समाप्त करने और शांति समझौते के लिए मध्यस्थता कर रहे महासचिव डैग हैमर्शहोल्ड एक विमान दुर्घटना में मारे गए.” यूएन प्रमुख ने कहा कि उन्होंने शांति के लिए निडरता से अथक प्रयास किए और जब भी कड़े कदमों की ज़रूरत हुई उन्हें लिया.

38 देशों के जिन शांतिरक्षकों को सम्मानित किया गया है उनमें सैन्य और पुलिसकर्मी, असैनिक कर्मचारी, राष्ट्रीय स्टाफ़ और यूएन वॉलंटियर्स हैं जिन्होंने 12 शांतिरक्षा अभियानों में अपनी सेवाएं दी.

“विविध पृष्ठभूमि से आते हुए, यूएन मिशनों में अपनी जान गंवाने वाले संयुक्त राष्ट्र के सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य को पूरा करने का प्रयास कर रहे थे – आने वाली पीढ़ियों को युद्ध की भयावहता से बचाना. जिस मेडल से उन्हें मरणोपरांत सम्मानित किया जा रहा है उस पर महासचिव डैग हैमर्शहोल्ड का नाम लिखा है.” उस पर मृतक सैनिक का भी नाम लिखा गया है और वे “हमेशा हमारी स्मृतियों और दिलों से जुड़े रहेंगे.”

महासचिव डैग हैमर्शहोल्ड को उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा कि “शांति और प्रगति की तलाश में तमाम कोशिशों और ग़लतियों, सफलताओं और विफलताओं के बावजूद प्रयासों को छोड़ा नहीं जा सकता.”

“मैं उन लोगों को श्रृद्धांजलि देता हूं जिन्हें हम याद कर रहे हैं, और उनके परिजनों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करता हूं.”

स्मृति सम्मान समारोह में यूएन महासचिव ने मलावी के शांतिरक्षक प्राइवेट चांसी चिटेटे को श्रृद्धांजलि दी जिन्होंने तंज़ानिया के अपने साथी सैनिक कॉरपोरल ओमारी को बचाते समय अपनी जान गंवा दी थी. प्राइवेट चिटेटे कॉन्गो लोकतांत्रिक गणराज्य में यूएन शांति मिशन में सेवारत थे. 

प्राइवेट चिटेटे को मरणोपरांत उनकी बहादुरी के लिए ‘कैप्टन म्बाये डियाने मेडल फ़ॉर एक्सेप्शनल करेज’ या असाधारण साहस के लिए कैप्टन म्बाये डियाने मेडल से सम्मानित किया गया. यह यूएन शांतिरक्षा का सर्वोच्च सम्मान है. 

इसे 2014 में सिविल और सैन्यकर्मियों के लिए शुरू किया गया था. कैप्टन डियाने संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक थे जिन्होंने 1994 में रवांडा में सैकड़ों लोगों की जान बचाते समय अपनी जान गवां दी थी.