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ईबोला इलाज केंद्र पर हमले की यूएन ने निंदा की

नवजात शिशु की जांच करता एक स्वास्थ्यकर्मी.
UNICEF/Guy Hubbard
नवजात शिशु की जांच करता एक स्वास्थ्यकर्मी.

ईबोला इलाज केंद्र पर हमले की यूएन ने निंदा की

स्वास्थ्य

कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में ईबोला वायरस का इलाज करने वाले एक स्वास्थ्य केंद्र पर शुक्रवार को हुए हमले की संयुक्त राष्ट्र ने निंदा की है. इस हमले में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के लिए काम कर रहे एक डॉक्टर की मौत हो गई और दो अन्य लोग घायल हुए हैं. 

कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के उत्तरी किवु क्षेत्र में पिछले साल अगस्त में ईबोला वायरस फैलने के बाद डॉक्टर रिचर्ड वेलेरी मोज़ुको किबॉन्ग को तैनात किया गया था. इस क्षेत्र में कई हथियारबंद गुट सक्रिय हैं.   

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के प्रशासन से अपील की है कि हमले के लिए ज़िम्मेदार लोगों को पहचानने और उन्हें सज़ा दिलाने में हरसंभव प्रयास किए जाने चाहिए. यूएन प्रमुख ने पीड़ित परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है.

यह हमला बुतेम्बो अस्पताल में हुआ.

यूएन महासचिव ने कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य की जनता और स्थानीय सरकार के प्रति एकजुटता दर्शाते हुए कहा कि ईबोला बीमारी से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र प्रणाली स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम करना जारी रखेगा. 

उधर विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने कहा है कि इस मुश्किल समय में वह डॉ मोज़ोको के परिवार के साथ शोक संतप्त हैं. 

अपने बयान में महानिदेशक टेड्रोस ने कहा कि, “यह मौत त्रासदीपूर्ण ढंग से याद दिलाती है कि स्वास्थ्य कर्मचारियों को दूसरों के जीवन और स्वास्थ्य के लिए हर दिन कैसे जोखिम झेलने पड़ते हैं. इस हमले से हम कुपित हैं: स्वास्थ्य केंद्र और कर्मचारियों को कभी निशाना बनाया जाना चहिए.

स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि जिस समय हमला हुआ उस समय ईबोला बीमारी से लड़ाई से निपटने के प्रयासों में समन्वयन पर बैठक हो रही थी. संगठन महानिदेशक ने बताया कि सभी मरीजों, स्वास्थ्यकर्मियों और अन्य कर्मचारियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए हम सुरक्षा बंदोबस्त की समीक्षा कर रहे हैं. साथ ही देश के स्वास्थ्य मंत्रालय को मदद के लिए भी तैयारी है ताकि बीमारी का अंत जल्द से जल्द हो सके. 

जब से ईबोला का प्रकोप शुरू हुआ है तब से अब तक 1,200 से ज़्यादा ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जिनमें या तो ईबोला होने की पुष्टि हो चुकी है या फिर उसकी आशंका है. 760 लोगों की मौत हो चुकी है.