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मानव तस्करी के पीड़ितों में एक तिहाई बच्चे

बुल्गारिया में मानव तस्करी और घरेलू हिंसा से पीड़ितों के लिए एक राहत केंद्र.
UNODC/Alessandro Scotti
बुल्गारिया में मानव तस्करी और घरेलू हिंसा से पीड़ितों के लिए एक राहत केंद्र.

मानव तस्करी के पीड़ितों में एक तिहाई बच्चे

मानवाधिकार

संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक़ दुनिया में मानव तस्करी के मामले भयावह रूप से बढ़ते जा रहे हैं जिसके पीछे पीड़ितों का शारीरिक शोषण होना एक बड़ा कारण है. तस्करी का शिकार होने वालों में एक तिहाई से ज़्यादा बच्चे हैं और लड़कों की तुलना में लड़कियां ज़्यादा पीड़ित हैं. 

नशीले पदार्थों और अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (UNODC) ने 142 देशों से मिली जानकारी का बारीकी से अध्ययन करते हुए एक रिपोर्ट तैयार की है.

कार्यालय निदेशक यूरी फ़ेदोतोफ़ का कहना है कि मानव तस्करी का इस्तेमाल हथियारबंद गुट और आतंकवादी भय फैलाने और नए लड़ाकों को प्रलोभन देने के इरादे से कर रहे हैं जिससे यह समस्या विकराल रूप धारण कर रही है. 

वैश्विक रुझान बताते हैं कि 2010 के बाद से तस्करी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं.

एशिया में ख़ासतौर पर पीड़ितों की संख्या में वृद्धि देखी गई है. माना जा रहा है कि ऐसे मामलों में बेहतर तरीक़े से सूचना के आदान-प्रदान की वजह से  भी ज़्यादा मामलों के पता चलने का कारण हो सकता है.

तस्करी के शिकार लोगों में सबसे बड़ी संख्या पूर्वी एशिया से है जिसके बाद सब-सहारा अफ़्रीका का स्थान आता है.

मानव तस्करी के दोषियों के ख़िलाफ कार्रवाई होने के बावजूद  एशिया और अफ़्रीका के कई इलाक़ों में अब भी धड़ल्ले से तस्करी हो रही है.

पकड़े गए लोगों को दोषी साबित कर पाना भी आसान नहीं है. 

मध्य पूर्व और सब-सहारा अफ़्रीका में जहाँ बंधुआ मज़दूरी के लिए तस्करी की जाती है, यूरोप में अधिकतर मामले यौन शोषण से जुड़े हैं. महिलाएं और बच्चियां इसकी सबसे ज़्यादा शिकार हैं. 

युद्ध और हिंसक संघर्ष से ग्रस्त देशों में क़ानून व्यवस्था के ढह जाने का फ़ायदा हथियारबंद गुट और अपराधी उठा रहे हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि मध्य पूर्व में रह रही लड़कियों की शादी उनकी मर्ज़ी के बिना ही तय कर दी जा रही है और फिर अन्य देशों में उनका शोषण हो रहा है. 

मानव तस्करी की चुनौती से निपटना संयुक्त राष्ट्र टिकाऊ विकास लक्ष्यों का एक महत्वपूर्ण अंग है जिसमें सदस्य देशों पर इस समस्या से निपटने, तस्करी मामलों की संख्या और पीड़ितों  से जुड़ी जानकारी मुहैया कराने की ज़िम्मेदारी है. 

लेकिन चुनौतियां बरक़रार हैं.

दक्षिण एशिया, पूर्वी एशिया और सब-सहारा अफ़्रीका के कई देशों में अब भी तस्करी से जुड़े मामलों पर ज़रूरी सूचना जुटा पाना मुश्किल है.

रिपोर्ट के अनुसार जिन देशों को सहायता की ज़रूरत है उन्हें तकनीकी मदद दी जानी चाहिए, आपसी सहयोग को बढ़ावा मिलना चाहिए और दोषियों को सज़ा होनी चाहिए.