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मानव तस्करी: अधिकारों, सुरक्षा और गरिमा पर चौतरफ़ा हमला, यूएन प्रमुख

एक शरणार्थी महिला, जिसका परिवार मानव तस्करी का शिकार हुआ, वो सूडान के पूर्वी इलाक़े में, यूएन शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) द्वारा चलाए जा रहे एक - मानव तस्करी विरोधी अभियान को समर्थन व्यक्त करते हुए.
© UNHCR/Osama Idriss
एक शरणार्थी महिला, जिसका परिवार मानव तस्करी का शिकार हुआ, वो सूडान के पूर्वी इलाक़े में, यूएन शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) द्वारा चलाए जा रहे एक - मानव तस्करी विरोधी अभियान को समर्थन व्यक्त करते हुए.

मानव तस्करी: अधिकारों, सुरक्षा और गरिमा पर चौतरफ़ा हमला, यूएन प्रमुख

मानवाधिकार

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने शुक्रवार को, मानव तस्करी निरोधक दिवस पर कहा है कि इनसानों की तस्करी एक भयावह अपराध है और लोगों के अधिकारों, सुरक्षा व गरिमा पर, एक चौतरफ़ा हमला है.

यूएन प्रमुख ने इस मौक़े पर कहा, “बहुत दुखद है कि ये एक ऐसी समस्या है जो लगातार बढ़ रही है – विशेष रूप में महिलाओं व लड़कियों के लिये, जिनकी संख्या दुनिया भर में तस्करी का शिकार होने वाले लोगों में सबसे ज़्यादा हैं.”

अलग-थलग और निर्बल

लड़ाई-झगड़ों, जबरन विस्थापन, जलवायु परिवर्तन, विषमता व निर्धनता ने, दुनिया भर में करोड़ों लोगों को, बेबसी, अलगाव और निर्बल हालात में धकेल दिया है.

उस पर भी तुर्रा ये कि कोविड-19 महामारी ने बच्चों व युवजन को उनके दोस्तों और संगियों से जुदा कर दिया है, जिससे उन्हें और ज़्यादा समय या तो तनहाई में या ऑनलाइन व्यतीत करना पड़ता है.

यूएन प्रमुख ने बताया, “मानव तस्कर, इन निर्बलताओं का शोषण कर रहे हैं, और अपने शिकार की पहचान करने, उन पर नज़र रखने, नियंत्रण और पीड़ितों के शोषण के लिये, अत्याधुनिक टैक्नॉलॉजी का प्रयोग कर रहे हैं.”

साइबर मंचों द्वारा तस्करी

वेनेज़ुएला की इस महिला को त्रिनिदाद में एक शानदार रोज़गार का वादा देकर झाँसे में फाँसा गया, मगर उसके वहाँ पहुँचने के मिनटों बाद ही, एक वैन में बिठाकर किसी अज्ञात स्थान पर पहुँचा दिया गया.
IOM Port of Spain
वेनेज़ुएला की इस महिला को त्रिनिदाद में एक शानदार रोज़गार का वादा देकर झाँसे में फाँसा गया, मगर उसके वहाँ पहुँचने के मिनटों बाद ही, एक वैन में बिठाकर किसी अज्ञात स्थान पर पहुँचा दिया गया.

अक्सर स्याह वेब पुकारे जाने वाले ऑनलाइन मंचों के ज़रिये, अपराधियों को झूठे वादे करके, अपने जाल में फँसाना आसान हो रहा है.

और टैक्नॉलॉजी गुप्त रूप से ऐसी ख़तरनाक और घटिया दर्जे की सामग्री की भी अनुमति देती है जिससे मानव तस्करी को बढ़ावा मिलता है, जिसमें बच्चों का यौन शोषण किया जाना भी शामिल है.

इस वर्ष के इस दिवस की थीम है – टैक्नॉलॉजी का प्रयोग और दुरुपयोग, जिसमें हर किसी को याद दिलाया गया है कि टैक्नॉलॉजी के ज़रिये निसन्देह मानव तस्करी सम्भव है, मगर यही टैक्नॉलॉजी, इसका मुक़ाबला करने में, एक अहम उपकरण या औज़ार भी साबित हो सकती है.

टैक्नॉलॉजी के ख़तरे

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने नीतियों, क़ानूनों और समाधान आधारित टैक्नॉलॉजी में, सरकारों, कारोबारों और सिविल सोसायटी द्वारा संसाधन निवेश किये जाने की ज़रूरत को रेखांकित किया जिनमें पीड़ितों की पहचान करके उन्हें सहारा और मदद दिये जा सकें, अपराधियों को पता लगातर उन्हें दण्डित किया सके, और एक सुरक्षित, मुक्त और सुरक्षित इण्टरनेट सुनिश्चित किया जा सके.

संयुक्त राष्ट्र के ड्रग्स व अपराध निरोध कार्यालय – UNODC की अध्यक्षा ग़ादा वॉली ने इस दिवस पर अपने सन्देश में कहा कि डिजिटल टैक्नॉलॉजी, महामारी के दौरान लगी पाबन्दियों में, एक अति महत्वपूर्ण जीवनरेखा साबित हुई है, मगर उन्होंने आगाह भी किया कि अपराधी, डिजिटल टैक्नॉलॉजी का लगातार दुरुपयोग कर रहे हैं, जो बढ़ोत्तरी पर है.

15 वर्ष से ज़्यादा उम्र के मानव तस्करी के पीड़ितों में, 60 प्रतिशत से ज़्यादा संख्या महिलाओं व लड़कियों की रही है, और उनमें से ज़्यादातर की तस्करी यौन शोषण के लिये की गई.

और संघर्षों व संकटों के कारण जैसे-जैसे कष्ट व तकलीफ़ें बढ़ रहे हैं, अनगिनत अन्य महिलाएँ व लड़कियाँ, अवसरों, रोज़गार और बेहतर जीवन के वादों के साथ, झाँसे में फँस जाने के जोखिम का सामना कर रही हैं.