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सोमालिया में शांति स्थापना के प्रयासों में प्रगति पर चुनौतियां बरक़रार

सोमालिया में संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष प्रतिनिधि निकोलस हेसम सुरक्षा परिषद को जानकारी देते हुए.
UN Photo/Eskinder Debebe
सोमालिया में संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष प्रतिनिधि निकोलस हेसम सुरक्षा परिषद को जानकारी देते हुए.

सोमालिया में शांति स्थापना के प्रयासों में प्रगति पर चुनौतियां बरक़रार

शान्ति और सुरक्षा

सोमालिया में संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष प्रतिनिधि के तौर पर कार्य कर रहे निकोलस हेसम ने कहा है कि स्थायी शांति के लिए सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों में अहम प्रगति हुई है लेकिन राजनीतिक सुधारों और बदलाव की प्रक्रिया को पूरी तरह सफल बनाने के लिए सभी को एक ही दिशा में चलना पड़ेगा. 

निकोलस हेसम ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को सोमालिया की स्थिति से अवगत कराया. भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ लड़ाई की अगुवाई करने और वित्तीय प्रबंधन में सुधार लाने के लिए उन्होंने सोमाली प्रधानमंत्री की प्रशंसा की. वित्त व्यवस्था में सुधार के चलते पिछले साल सितंबर महीने में 80 लाख डॉलर की बचत हुई है. 

लेकिन देश की राजनीति में सभी की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए चल रही सुधार प्रक्रियाओं की जटिलताएं अब भी बनी हुई है. नए चुनाव क़ानून का मसौदा तय करने के लिए दिसंबर 2018 की समय सीमा तय की गई थी जिसे पूरा नहीं किया जा सका.  हालांकि राष्ट्रीय स्वतंत्र चुनाव आयोग ने मतदाताओं के पंजीकरण के काम को सफलता से आगे बढ़ाया है और अब तक 35 राजनीतिक पार्टियां भी पंजीकृत हो चुकी हैं. 

हेसम ने संविधान की समीक्षा, न्याय प्रणाली और संसाधनों के न्यायसंगत वितरण के लिए बनाई जा रही कार्ययोजना में में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने पर ज़ोर दिया. 

उन्होंने बताया कि केंद्रीय सरकार के विभिन्न नेताओं और सोमालिया के अलग अलग प्रांतों के बीच बने गतिरोध से इस प्रक्रिया को चुनौतियां भी मिल रही हैं. इन रूकावटों से राष्ट्रीय सुरक्षा का तंत्र विकसित करने , राज्य प्रणाली स्थापित करने और संघीय ढांचे की रूपरेखा तैयार करने की राह में रोड़े अटक रहे हैं. 

हेसम का मानना है कि सोमालिया में एक नई व्यवस्था आकार ले रही है लेकिन ऐसे गतिरोध पूरी प्रक्रिया को खटाई में डाल सकते हैं. सोमालिया के दक्षिण पश्चिम प्रांत में चुनाव प्रक्रिया में केंद्र सरकार पर हस्तक्षेप करने के आरोप लगे और अल शबाब संगठन के लिए पहले काम कर चुके एक उम्मीदवार को गिरफ़्तार कर लिए जाने के बाद हिंसा भड़क उठी. 

हेसम के अनुसार अल शबाब सोमालिया में असुरक्षा के पीछे सबसे बड़ा कारण है. अफ़्रीकी संघ की ओर से भेजे गए सैनिकों और सरकारी सुरक्षा बलों के मिलकर काम करने से अल शबाब के हमलों में कमी आई है लेकिन हमलों का ख़तरा निरंतर बना हुआ है. मोगादिशु में संयुक्त राष्ट्र परिसर में हाल ही में संगठन ने हमला किया था जिसकी सोमाली सरकार ने निंदा की है. 

सुरक्षा परिषद को जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघर्षों की रोकथाम करने और सुलझाने के लिए निरंतर प्रयासरत है और सहयोगियों के साथ मिल कर काम कर रहा है. 

सोमालिया में मानवीय संकट बना हुआ हैं. क़रीब 42 लाख लोगों को सहायता और सुरक्षा की ज़रूरत है जिसमें क़रीब दो तिहाई बच्चे हैं. 15 लाख से ज़्यादा लोग भरपेट भोजन न मिलने के लिए मुश्किल में हैं जबकि 26 लाख से ज़्यादा लोग विस्थापित हैं.