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पेरिस ओलिम्पिक शुरू, ‘ओलिम्पिक सन्धि’ का सम्मान करने का आग्रह

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश (बाएँ) और अन्तरराष्ट्रीय ओलिम्पिक समिति (IOC) के अध्यक्ष थॉमस बैश, पेरिस ओलिम्पिक खेलों के आरम्भ के मौक़े पर.
© IOC/Greg Martin
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश (बाएँ) और अन्तरराष्ट्रीय ओलिम्पिक समिति (IOC) के अध्यक्ष थॉमस बैश, पेरिस ओलिम्पिक खेलों के आरम्भ के मौक़े पर.

पेरिस ओलिम्पिक शुरू, ‘ओलिम्पिक सन्धि’ का सम्मान करने का आग्रह

शान्ति और सुरक्षा

इस वर्ष के ग्रीष्मकालीन ओलिम्पिक खेल, पेरिस में शुक्रवार को आरम्भ हो गए हैं. यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने इस मौक़े पर ‘ओलिम्पिक सन्धि’ को वैश्विक सम्मान दिए जाने का आहवान किया है, जिसे ओलिम्पिक खेलों के आसपास युद्धक गतिविधियों और टकरावों को रोकने की परम्परा माना जाता है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने नवम्बर में, पेरिस में ओलिम्पिक सन्धि पर अमल करने सम्बन्धी एक प्रस्ताव पारित किया था.

एंतोनियो गुटेरेश ने, फ्रांस की राजधानी पेरिस में एक संयुक्त प्रैस वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा, “इस तरह की घड़ी में, यह कहना अहम है कि इतिहास में जो पहली वास्तविक शान्ति पहल दर्ज है वो थी ओलिम्पिक सन्धि.”

इस मौक़े पर, अन्तरराष्ट्रीय ओलिम्पिक समिति (IOC) के अध्यक्ष थॉमस बैश भी मौजूद थे.

यूएन प्रमुख ने कहा कि साथ ही, ओलम्पिक खेलों की शुरुआत के इस मौक़े पर, दुनिया को ओलिम्पिक सन्धि की महत्ता याद दिलाना और यह समझाना भी अहम है कि बन्दूकों को शान्त किया जाना होगा.

एंतोनियो गुटेरेश ने दुनिया भर में जारी अनेक युद्धों व टकरावों का ज़िक्र भी किया जिनमें ग़ाजा, सूडान, काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य व अन्य स्थान शामिल हैं.

उन्होंने कहा कि ओलिम्पिक खेल सहयोग व समर्पण की प्रतिस्पर्धा को दिखाते हैं, नाकि विभाजन व टकराव की प्रतिस्पर्धा.

इसलिए उन्होंने देशों को भी इन खेलों में शिरकत करने वाले खिलाड़ियों की ही तरह, एकजुटता दिखाने के लिए प्रोत्साहित किया.

शरणार्थी ओलिम्पिक टीम

इस बीच संयुक्त राष्ट्र के शरणार्थी मामलों के उच्चायुक्त फ़िलिपो ग्रैंडी ने दुनिया भर के लोगों से, शान्तिपूर्ण सह-अस्तित्व और परस्पर सम्मान को बढ़ावा देने की पुकार लगाई है, जिस तरह कि पेरिस ओलिम्पिक खेलों में शरणार्थी टीमें, शिरकत करते हुए प्रदर्शन कर रही हैं.

यूएन शरणार्थी उच्चायुक्त ने कहा, “खेलकूद आशा व शान्ति का एक प्रतीक हैं, जबकि दुर्भाग्य से आज की दुनिया में इन्हीं दोनों यानि आशा व शान्ति की बहुत क़िल्लत है.”

उन्होंने कहा, “शरणार्थी टीम, हर जगह के लोगों के लिए एक मशाल की तरह है. ये खिलाड़ी दिखाते हैं कि प्रतिभा को अगर पहचान मिले और उसे परवान चढ़ाया जाए, तो क्या कुछ हासिल किया जा सकता है...”

इस साल के ओलिम्पिक खेलों की शरणार्थी टीमि में 37 खिलाड़ी शिरकत कर रहे हैं, जोकि अभी तक की सबसे बड़ी टीम है. ओलिम्पिक खेलों में शरणार्थियों की टीम को सबसे पहले 2016 के रियो खेलों में शामिल किया गया था.

पेरिस ओलिम्पिक खेलों में, शरणार्थियों की टीम में 37 खिलाड़ी शामिल हैं.
© IOC/Greg Martin

इस बार लैंगिक समानता

य्एन महिला संगठन – UN Women ने वर्ष 2024 के पेरिस ओलिम्पिक खेलों को, इतिहास में ऐसे पहले खेलों के रूप में दर्ज किया है जिनमें शिरकत करने वाले पुरुष और महिला खिलाड़ियों की संख्या बराबर है.

संगठन ने कहा है, “खिलाड़ियों में 50:50 के प्रतिनिधित्व ने, ग्रीष्मकालीन खेलों को, लैंगिक समानता हासिल करने में, प्रथम खेल बना दिया है.”

यूएन महिला एजेंसी का कहना है कि पेरिस ओलिम्पिक खेल ये सुनिश्चित करने वाले हैं कि खेलकूद घटनाओं व कार्यक्रमों की और अधिक सन्तुलित कवरेज की जाए, जिसमें सभी खिलाड़ियों पर भरपूर ध्यान हो.

यूएन वीमैन ने अलबत्ता ये भी माना है कि खेलकूद कार्यक्रमों में अब भी बहुत सी लैंगिक खाइयाँ मौजूद हैं और पेरिस ओलिम्पिक खेलों में हासिल की गई लैंगिक समानता की प्रगति, यहीं नहीं रुकनी चाहिए.