वर्षान्त प्रैस वार्ता में, यूएन प्रमुख ने व्यावहारिक व विश्वसनीय समाधानों की लगाई पुकार
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सोमवार को यूएन मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान, 2023 को शान्ति का वर्ष, कार्रवाई का वर्ष बनाने का संकल्प व्यक्त किया है. उन्होंने इस साल की अपनी अन्तिम पत्रकार वार्ता के दौरान सचेत किया कि विश्व भर में कड़ी चुनौतियों पर पार पाने के लिये व्यावहारिक समाधानों को ढूँढे जाने की आवश्यकता है.
महासचिव गुटेरेश ने कहा, “यह लोगों के प्रति हमारा दायित्व है कि हम समाधानों की तलाश करें, लड़ें और कार्रवाई करें.”
उन्होंने विकराल जलवायु संकट के मद्देनज़र, अगले वर्ष सितम्बर में जलवायु महत्वाकाँक्षा शिखर बैठक आयोजित करने की घोषणा की है, जिसके लिये सरकारों, व्यवसायों, शहरों व क्षेत्रों, नागरिक समाज व वित्त सैक्टर से अतिरिक्त प्रयासों की पुकार लगाई गई है.
.@antonioguterres tells journalists: I end this year with one overriding conviction: This is not a time to sit on the sidelines, it is a time for resolve, determination, and – yes – even hope. https://t.co/auNRLb6jc0
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महासचिव के अनुसार ठोस व विश्वसनीय जलवायु कार्रवाई से कमतर प्रयास कारगर नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि प्रस्तावित शिखर बैठक में हर देश के लिये प्रवेश की क़ीमत होगी, गम्भीर, भरोसेमन्द, नई जलवायु कार्रवाई व प्रकृति-आधारित समाधान, जोकि जलवायु संकट की तात्कालिकता के मद्देनज़र प्रभावी जवाबी उपाय होंगे.
उन्होंने कहा कि पीछे हटने, हरित-लीपापोती करने, दोषारोपण करने या अतीत के वर्षों की घोषणाओं को फिर से नए पैकेज में प्रस्तुत करने का अवसर नहीं होगा.
यूएन प्रमुख के अनुसार, महासभा सत्र के आरम्भिक सप्ताह में यह शिखर बैठक आयोजित की जाएगी, जिस दौरान टिकाऊ विकास लक्ष्यों की दिशा में आधे रास्ते पर पहुँच जाने पर एक बैठक बुलाई गई है.
आशा की वजह
महासचिव गुटेरेश ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध और उसके कारण उपजे जीवन-व्यापन की क़ीमतों के संकट से, निराशा के बहुत से कारण मौजूद हो सकते हैं, मगर व कोई विकल्प नहीं है.
“यह दूर बैठ कर देखने का समय नहीं है, यह संकल्प, दृढ़ता और हाँ, आशा का समय है.”
उन्होंने ध्यान दिलाया कि कठोर चुनौतियो के बावजूद, निराशा को दूर भगाने और वास्तविक समाधानों को ढूँढने का प्रयास किया जा रहा है.
“आदर्श समाधान नहीं – हमेशा सुन्दर दिखने वाले समाधान भी नहीं – लेकिन व्यावहारिक समाधान, जोकि आमजन के जीवन में अर्थपूर्ण बदलाव ला रहे हैं.”
“वे समाधान, जो हमें एक बेहतर, अधिक शान्तिपूर्ण भविष्य की दिशा में आगे बढाएँगे.”
जैवविविधता समझौता
उन्होंने कैनेडा के माँट्रियाल में यूएन जैवविविधता सम्मेलन (कॉप15) का उल्लेख किया, जहाँ कुछ घंटे पहले ही पारिस्थितिकी तंत्रों के विध्वंस पर रोक लगाने के लिये समझौता हुआ है.
महासचिव गुटेरेश ने सभी देशों से अपने वायदों को पूरा करने का आग्रह करते हुए कहा कि, “अन्तत:, हम प्रकृति के साथ एक शान्ति समझौते को आकार देने लगे हैं.”
इससे इतर, विश्व के कुछ गम्भीर रणक्षेत्रों में हिंसक टकराव का अन्त करने के प्रयासों में प्रगति दर्ज की गई है. उन्होंने इथियोपिया में टकराव पर विराम लगाने का उल्लेख किया, जोकि कूटनीति के पुनर्जन्म से सम्भव हुआ, और जिससे फिर आशा पनपी है.
पूर्वी काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य में सशस्त्र गुटों ने सरकारी सुरक्षा बलों के विरुद्ध अपनी लड़ाई तेज़ कर दी थी, मगर वहाँ भी यूएन शान्तिरक्षकों की मदद से प्रगति देखी गई है.
वहीं, यमन में संघर्षविराम होने से लाखों लोगों की पीड़ा पर मरहम लगा है.
कूटनीति से समाधान
यूएन प्रमुख ने कहा कि यूक्रेन में क्रूर युद्ध में भी, प्रतिबद्ध, विवेकशील कूटनीति के ज़रिये आम लोगों तक सहायता पहुँचा पाना, और अभूतपूर्व स्तर पर वैश्विक खाद्य असुरक्षा से निपटना सम्भव हो पाया है.
उन्होंने काला सागर अनाज निर्यात पहल का उल्लेख किया, जिसके फलस्वरूप, यूक्रेन से खाद्य वस्तुओं और उर्वरकों की ज़रूरतमन्द देशों में आपूर्ति की गई है, और रूस से भी खाद्य सामग्री व उर्वरकों की निर्बाध निर्यात आगे बढ़ा है.
बताया गया है कि अब तक, एक करोड़ 40 लाख मीट्रिक टन अनाज व अन्य खाद्य सामग्री को काला सागर में स्थित बन्दरगाहों से रवाना किया जा चुका है, जबकि रूसी गेहूँ निर्यात की मात्रा तीन गुनी हुई है.
“मगर, अभी बहुत सा कार्य किया जाना है. खाद्य क़ीमतें अब भी बहुत अधिक हैं, और उर्वरकों की सुलभता भी काफ़ी हद तक सीमित है.”
चुनौतियाँ बरक़रार
महासचिव गुटेरेश ने आगाह किया कि मिस्र में कॉप27 जलवायु सम्मेलन के दौरान व्यक्त किये गए संकल्पों के बावजूद, वैश्विक तापमान में वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने की लड़ाई ग़लत दिशा में आगे बढ़ रही है.
“राष्ट्रीय जलवायु योजनाएँ भी अपर्याप्त साबित हो रही हैं, मगर हम पीछे नहीं हट रहे हैं. हम डटकर मुक़ाबला कर रहे हैं.”
उन्होंने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय अब विकसित व विकासशील देशों के बीच भरोसे को फिर से बहाल करने के लिये प्रयासों में जुटा है. इस क्रम में, हानि व क्षति के लम्बित मुद्दे पर कॉप27 के दौरान समझौते पर सहमति बनी है.
इसके समानान्तर, वर्ष 2022 में एक कार्ययोजना की शुरुआत की गई, जिसके तहत अगले पाँच वर्षों के भीतर, विश्व में हर एक व्यक्ति तक समय पूर्व चेतावनी प्रणालियों की कवरेज सुनिश्चित की जाएगी.
यूएन प्रमुख ने जलवायु एकजुटता समझौते के लिये भी प्रयास जारी रखने का भरोसा दिलाया है, जिसके ज़रिये सभी बड़े उत्सर्जक देश, इस दशक में उत्सर्जन में कटौती लाने का अतिरिक्त प्रयास करेंगे, और ज़रूरतमन्द देशों को सहायता मुहैया कराएंगे.