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यूएन मानवधिकार प्रमुख का कॉक्सेस बाज़ार दौरा, सुनीं रोहिंज्या शरणार्थियों की चिन्ताएँ

बांग्लादेश की अपनी यात्रा के दौरान, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाचेलेट ने कॉक्स बाजार में रोहिंग्या छात्रों से मुलाकात की.
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बांग्लादेश की अपनी यात्रा के दौरान, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाचेलेट ने कॉक्स बाजार में रोहिंग्या छात्रों से मुलाकात की.

यूएन मानवधिकार प्रमुख का कॉक्सेस बाज़ार दौरा, सुनीं रोहिंज्या शरणार्थियों की चिन्ताएँ

मानवाधिकार

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट ने बांग्लादेश की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा के दौरान, मंगलवार को अनेक अधिकारियों, नागरिक समाज के प्रतिनिधियों और रोहिज्या शरणार्थियों के साथ मुलाक़ात करके उनकी स्थिति के बारे में ताज़ा जानकारी हासिल की और उनकी चिन्ताएँ सुनीं.

यूएन मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बाशेलेट कॉक्सेस बाज़ार में उन रोहिंज्या शरणार्थियों के आवास शिविरों का दौरा किया, जो म्याँमार में 2017 में, भयानक दबाव और मानवाधिकारों के गम्भीर हनन के बाद, "कुछ सुरक्षा पाने के लिये" भागकर बांग्लादेश पहुँचे थे.

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मिशेल बाशेलेट ने एक शिविर के अन्दर कई स्थानों का दौरा किया और कहा, “अनुमानित 11 लाख रोहिंज्या लोग अभी बांग्लादेश में हैं, यानि कॉक्सेस बाज़ार में, उनमें से कुछ भाषान चार में हैं."

महिलाओं ने अपनी व्यथा व्यक्त की

संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष मानवाधिकार अधिकारी ने धार्मिक नेताओं के साथ-साथ महिलाओं और युवा समूहों से भी मुलाकात की, जिन्होंने अपनी चिन्ताएँ और आशाएँ बताईं.

मिशेल बाशेलेट ने कॉक्सेस बाजार शिविर के अन्दर महिलाओं के लिये एक सुरक्षित स्थान पर उनके अनुभव सुने और समझे.

बाशेलेट ने कहा, "उन्होंने अपनी शिकायतों, अपनी पीड़ा कि कैसे उन्होंने अपना सब कुछ खो दिया, उनकी आजीविका, उनके प्रियजन; और ये भी कि सब कुछ छोड़ कर यहाँ आना पड़ा" उसका वर्णन किया.

उन्होंने बांग्लादेश के कॉक्सेस बाजा़ा शिविर में शरणार्थियों को प्रदान किये गए आश्रय के बारे में, और साथ ही संयुक्त राष्ट्र की उनके भागीदारों और ग़ैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर दी गई सेवाओं के बारे में बात की.

घर वापसी के इच्छुक 15 से 18 वर्ष की आयु के युवा स्वयंसेवकों ने शिक्षा के लिये और नागरिक के दर्जे के साथ म्याँमार लौटने की अपनी इच्छा ज़ाहिर की.

मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट ने उनसे हुई अपनी बातचीत को याद करते हुए कहा, “जब हमारे अधिकारों का सम्मान किया जाता है, तो हम अपनी आजीविका फिर से पा सकते हैं, हमारे पास कुछ ज़मीन हो सकती है, और हम फिर से ख़ुद को देश का हिस्सा मान सकते हैं.”

यूक्रेन में युद्ध के प्रभाव

फ़िलहाल मौजूदा आर्थिक संकट और यूक्रेन में युद्ध ने खाद्य लागत को और बढ़ा दिया है.

संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार प्रमुख ने कहा, "दुनिया के कई अन्य स्थानों की तरह, वो यहाँ जो समस्याएँ देख रही हैं, उनमें से एक है भोजन की क़ीमतें बढ़ना, और पहले जिस राशि में अधिक सामान ख़रीद सकते थे, अब उस राशि में कम सामान मिलता है."

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि ये हालात कॉक्सेस बाज़ार में लोगों के लिये समस्या खड़ी कर रहे हैं, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को रोहिंज्या लोगों का परित्याग नहीं करना चाहिये.

बाशेलेट ने कहा कि विश्व को अपना समर्थन जारी रखना चाहिये और यह सुनिश्चित करना होगा कि मौजुदा हालात को देखते हुए क्या वे अधिक सहायता कर सकते हैं.

यूएन मानवधिकार प्रमुख ने राजधानी ढाका में इस दौरे के दौरान, सरकारी गेस्ट हाउस में विदेश मंत्री ए. के अब्दुल मोमेन, कई मंत्रियों और नागरिक समाज संगठनों के प्रतिनिधियों के अलावा, अन्य लोगों के साथ मुलाक़ात की.

उन्होंने सोमवार को रेखांकित करते हुए कहा था कि देश में मानवाधिकार चुनौतियों की पहचान करने में और उन्हें हल करने में समाज की महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिये, नागरिक स्थान और सक्षम परिस्थितियाँ महत्वपूर्ण हैं.

मिशेल बाशेलेट, बुधवार को प्रधानमंत्री शेख़ हसीना वाजेद के साथ मुलाक़ात करने और प्रैस सम्मेलन करने के साथ अपनी यात्रा सामाप्त करेंगी.