ग़ाज़ा: इसराइल से रफ़ाह पर हमला रोकने की अपील, राहत सामग्री की भीषण क़िल्लत
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने दक्षिणी ग़ाज़ा के रफ़ाह शहर में पूर्ण स्तर पर सैन्य हमले के विरुद्ध अपनी चेतावनी फिर जारी की है. रफ़ाह में मानवीय सहायताकर्मी सुरक्षित मार्ग मुहैया कराए जाने की अपील कर रहे हैं, ताकि ज़रूरतमन्दों के लिए जीवनरक्षक आपूर्ति की व्यवस्था की जा सके.
इस बीच, अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में गुरूवार को दक्षिण अफ़्रीका के एक नए अनुरोध पर सुनवाई होगी, जिसमें ग़ाज़ा में इसराइली सैन्य कार्रवाई पर पाबन्दियाँ लगाए जाने की बात कही गई है.
यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने बहरीन में अरब लीग नेताओं की एक शिखर बैठक को सम्बोधित करते हुए ग़ाज़ा में तत्काल युद्धविराम लागू किए जाने और सभी बंधकों की बिना शर्त रिहाई का आग्रह किया.
उन्होंने दोहराया कि फ़लस्तीनी आबादी को सामूहिक रूप से दंडित करने को किसी भी प्रकार से न्यायसंगत नहीं ठहराया जा सकता है.
“रफ़ाह पर किसी भी तरह का हमला अस्वीकार्य है. इससे पीड़ा और विपदा में एक और उछाल आएगा, जबकि हमें अभी जीवनरक्षक सहायता में वृद्धि की ज़रूरत है.”
फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी (UNRWA) के प्रमुख फ़िलिपे लज़ारिनी भी इस दौरान उपस्थित थे.
महासचिव ने यूएन एजेंसी के लिए अपना समर्थन नए सिरे से दोहराया और कहा कि UNRWA ग़ाज़ा में राहत अभियानों के लिए एक मज़बूत आधार है और क्षेत्र में फ़लस्तीनियों के लिए एक जीवनरेखा है.
“इसे पूर्ण समर्थन और वित्तीय सहायता की आवश्यकता है.”
इस बीच, विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने ग़ाज़ा में अकाल के मंडराते जोखिम के प्रति आगाह किया है. यूएन एजेंसी ने सोशल मीडिया पर अपने एक सन्देश में कहा कि भोजन और ईंधन के भंडार कुछ ही दिनों में समाप्त हो जाएंगे.
“6 मई के बाद से अब तक, हमारे लिए केरेम शेलॉम सीमा चौकी तक पहुँचना और मदद प्राप्त करना सम्भव नहीं हो पाया है.” यह स्थिति यूँ जारी नहीं रह सकती है.
सहायता प्रयास ठप होने की आशंका
विश्व खाद्य कार्यक्रम ने आशंका जताई है कि यदि हिंसक टकराव में और तेज़ी आती है तो ग़ाज़ा में मानवीय सहायता अभियानों के पूर्ण रूप से ठप हो जाने का ख़तरा बढ़ जाएगा, जोकि मानवीय विनाश का कारण बन सकता है.
WFP द्वारा गर्भवती व स्तनपान करा रही महिलाओं और पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए पौष्टिक आहार की व्यवस्था की गई है.
मगर, 11 मई से राहत सामग्री वितरण व्यवस्था स्थगित है और केवल ख़ान यूनिस और डेयर अल बालाह में ही सीमित क्षमता के साथ सहायता वितरित की जा रही है.
वहीं, उत्तरी ग़ाज़ा में यूएन एजेंसी ने चेतावनी जारी की है कि दो वर्ष से कम आयु के बच्चों में अचानक कुपोषण की दर जनवरी में 15 प्रतिशत से बढ़कर मार्च में 30 प्रतिशत तक पहुँच गई है.
UNRWA का अनुमान है कि बुधवार देर रात तक, पिछले एक सप्ताह में छह लाख फ़लस्तीनी, यानि ग़ाज़ा की कुल आबादी का करीब एक चौथाई, मजबूरन रफ़ाह छोड़कर जा चुके हैं.
जगह ख़ाली करने के आदेश
इसराइली सेना के हमले की तैयारी और बेदख़ली आदेश जारी किए जाने के बाद लोग सुरक्षा की तलाश में अन्य स्थानों का रुख़ कर रहे हैं. उत्तरी ग़ाज़ा से भी इसराइली सेना के आदेश के बाद एक लाख लोगों के विस्थापित होने की ख़बर है, जबकि भीषण गोलीबारी हो रही है.
मानवीय सहायता मामलों में समन्वय के लिए यूएन कार्यालय (OCHA) ने बताया कि ग़ाज़ा पट्टी में 285 वर्ग किलोमीटर, या क़रीब 78 प्रतिशत हिस्सा, अब इसराइली सेना के आदेश के प्रभाव में है.
OCHA के अनुसार, हवाई, भूमि व समुद्री मार्ग से बमबारी निरन्तर जारी है जिसमें आम फ़लस्तीनी हताहत, मजबूरन विस्थापित हुए हैं, और घरों व नागरिक प्रतिष्ठानों को क्षति पहुँची है.
यूएन कार्यालय ने उत्तरी ग़ाज़ा के जबालिया, मध्य ग़ाज़ा के डेयर अल बालाह और दक्षिणी ग़ाज़ा में स्थित रफ़ाह के पूर्वी हिस्से में ज़मीनी हमलों और भारी लड़ाई की ख़बरों की पुष्टि की है.