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इराक़ व सीरिया में अमेरिकी कार्रवाई से गहराया तनाव, सुरक्षा परिषद की बैठक

मध्य पूर्व में उपजे संकट पर सुरक्षा परिषद की बैठक में चर्चा.
UN Photo/Eskinder Debebe
मध्य पूर्व में उपजे संकट पर सुरक्षा परिषद की बैठक में चर्चा.

इराक़ व सीरिया में अमेरिकी कार्रवाई से गहराया तनाव, सुरक्षा परिषद की बैठक

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र में राजनैतिक एवं शान्तिनिर्माण मामलों की प्रमुख रोज़मैरी डीकार्लो ने, सोमवार को सुरक्षा परिषद की बैठक को सम्बोधित करते हुए, मध्य पूर्व में निरन्तर बढ़ते तनाव और इराक़ व सीरिया पर अमेरिकी हमलों के बाद उपजी स्थिति पर चिन्ता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि मध्य पूर्व में मौजूदा घटनाक्रम से, क्षेत्रीय स्थिरता व शान्ति के लिए जोखिम पनपा है, जिसकी रोकथाम की जानी होगी. सुरक्षा परिषद की बैठक की वीडियो रिकॉर्डिंग यहाँ देखी जा सकती है.

हाल ही में एक ड्रोन हमले में अमेरिकी सैनिको के मारे जाने के बाद, अमेरिका द्वारा इराक़ और सीरिया में किए गए सिलसिलेवार हमलों की पृष्ठभूमि में, रूसी महासंघ के अनुरोध पर यह बैठक बुलाई गई है.

इन हमलों के बाद, ग़ाज़ा में इसराइली कार्रवाई से निरन्तर तनाव बढ़ा है. ग़ाज़ा में जारी युद्ध से पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र में संकट गहरा रहा है जिसके क्षेत्रीय शान्ति व सुरक्षा के लिए नाटकीय नतीजे हो सकते हैं.

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यूएन अवर महासचिव रोज़मैरी डीकार्लो ने ध्यान दिलाया कि महासचिव एंतोनियो गुटेरेश, 7 अक्टूबर को इसराइल पर हमास के आतंकी हमलों के बाद से, अनेक अवसरों पर चेतावनी जारी कर चुके हैं कि किसी ग़लत आकलन की वजह से सैन्य टकराव भड़क सकता है.

रोज़मैरी डीकार्लो ने कहा, “हमने लगभग रोज़ ही क्षेत्र में घटनाओं को देखा है. इनमें सीरिया और इराक़ में अमेरिकी केन्द्रों पर हुए लगभग 165 हमले भी है, जिनके बाद, अमेरिका ने इन दो देशों में कार्रवाई की.”

28 जनवरी को, पूर्वोत्तर जॉर्डन में स्थित एक अमेरिकी ठिकाने पर एक ड्रोन हमले में तीन अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई और 40 अन्य घायल हुए.

इसके बाद, अमेरिका ने 2 फ़रवरी को इराक़ और सीरिया में इस्लामी रेवॉल्यूशनरी गार्ड्स कोर, क़ुद्स बलों और अन्य गुटों पर, 85 हवाई हमले किए. अमेरिका का दावा है कि ईरान द्वारा समर्थित गुट, मध्य पूर्व क्षेत्र में उसके सैन्य शिविरों को निशाना बना रहे थे.

वहीं, हाल के दिनों में ब्रिटेन ने भी, कथित तौर पर रक्षात्मक कार्रवाई के तहत, अमेरिका के साथ मिलकर यमन में हूथी लड़ाकों के ठिकानों पर कार्रवाई की है, जहाँ से लाल सागर में जहाज़ों पर हमले किए गए थे.

रोज़मैरी डीकार्लो ने बताया कि अमेरिका के अनुसार, उसने अपनी जवाबी कार्रवाई के दौरान, कमांड व कंट्रोल केन्द्रों, ख़ुफ़िया ठिकानों और हथियार भंडारण केन्द्रों के अलावा, अन्य स्थानों को निशाना बनाया है.

साथ ही, अमेरिका ने कहा है कि वो मध्य पूर्व या अन्य जगहों पर हिंसक टकराव नहीं चाहता है. वहीं, इराक़ और सीरिया ने इस कार्रवाई की निन्दा की है.

दोनों देशों के अनुसार, इन हमलों में आम नागरिक हताहत हुए हैं.

क्षेत्रीय स्थिरता पर ख़तरा

शान्तिनिर्माण मामलों की प्रमुख ने कहा कि इसराइली सैन्य बलों और हिज़बुल्लाह के बीच ब्लू लाइन –- इसराइल और लेबनान की सीमा पर स्थित रेखा – समेत पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र में तनाव ने अपने पाँव पसारे हुए हैं.

इसराइल और हिज़बुल्लाह गुट ने, इसराइल के क़ब्ज़े वाली गोलान पहाड़ियों पर बार-बार रॉकेट दागे हैं, और इसराइल ने सीरिया में अनेक ठिकानों पर हवाई कार्रवाई की है. 

उन्होंने बताया कि लाल सागर क्षेत्र में हूथी लड़ाकों ने, जहाज़ों पर ड्रोन व मिसाइल हमले किए हैं, जिनके बाद अमेरिका और ब्रिटेन ने जवाबी कार्रवाई की है. 

इसके मद्देनज़र, यूएन अवर महासचिव रोज़मैरी डीकार्लो ने सभी पक्षों से 'कगार' से वापसी करने की अपील की है, और कहा कि सम्भावित क्षेत्रीय टकराव की असहनीय मानव व आर्थिक क़ीमत के बारे में सोचा जाना होगा.

उन्होंने सुरक्षा परिषद में सदस्य देशों से आग्रह किया कि सभी सम्बद्ध पक्षों के साथ सक्रियतापूर्वक सम्पर्क व बातचीत की जानी होगी, ताकि हालात को और अधिक भड़कने से रोका जा सके और क्षेत्रीय शान्ति व सुरक्षा को कमज़ोर करने वाली स्थिति से निपटा जा सके.