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रासायनिक युद्ध से बचने के लिए, ‘आतंकी हथियारों’ के उन्मूलन की पुकार

यूए विशेष आयोग (UNSCOM) के निरीक्षक, इराक़ में 1991 में संक्रमण के नमूने हासिल करते हुए.
UN Photo/Shankar Kunhambu
यूए विशेष आयोग (UNSCOM) के निरीक्षक, इराक़ में 1991 में संक्रमण के नमूने हासिल करते हुए.

रासायनिक युद्ध से बचने के लिए, ‘आतंकी हथियारों’ के उन्मूलन की पुकार

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सोमवार को रासायनिक हथियारों के निरन्तर प्रयोग के बारे में गम्भीर चिन्ताएँ व्यक्त करते हुए कहा है कि विश्व को रासायनिक हथियारों का उन्मूलन करने के लिए हर सम्भव प्रयास करने होंगे.

यूएन प्रमुख ने रासायनिक शस्त्र कन्वेंशन के पक्ष देशों के पाँचवें विशेष सत्र को एक वीडियो सन्देश के माध्यम से सम्बोधित करते हुए कहा, “हम पीछे की ओर नहीं जा सकते.”

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‘आतंक के बेतुके हथियार’

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, “रासायनिक हथियारों का प्रयोग लगातार होता रहा है; हर प्रयोग से, बहुत कठिनाई से हासिल की गई उपलब्धियों के पलट जाने का जोखिम उत्पन्न होता है.”

“हमें आतंक के इन बेतुके हथियारों को ख़त्म करने के लिए सभी प्रयास करने होंगे.”

यूएन प्रमुख ने इस तरह के हमलों के पीड़ितों का हवाला देते हुए, और भविष्य में किसी भी देश या अन्य पक्ष को रासायनिक हथियारों के सम्भावित प्रयोग से रोकने के सन्दर्भ में कहा कि जो भी पक्ष इनके प्रयोग के लिए ज़िम्मेदार होंगे, उनकी पहचान की जाए और उन्हें उनके अपराधों के लिए जवाबदेह ठहराया जाए.

‘हमारी दुनिया में कोई स्थान नहीं’

उन्होंने रासायनिक शस्त्र कन्वेंशन की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि रासायनिक हथियारों की हमारी दुनिया में कोई जगह नहीं और कहीं भी, किसी भी पक्ष द्वारा, किसी भी कारण से, उनका प्रयोग अस्वीकार्य है.

ये कन्वेंशन 1997 में वजूद में आई थी, और उसका उद्देश्य, व्यापक जनसंहार वाले हथियारों की पूर्ण श्रेणी को, उनके विकास, निर्माण, ख़रीद, भंडार, हस्तान्तरण और प्रयोग पर पाबन्दी लगाकर, उनका पूर्ण उन्मूलन सुनिश्चित करना है. इस समय 193 देश, इस कन्वेंशन के पक्ष हैं.

इस कन्वेंशन पर दस्तख़त करने वाले पक्षों को ये पाबन्दी मज़बूती से लागू करने और मौजूदा भंडारों का सुरक्षित तरीक़े से उन्मूलन करने के लिए आवश्यक क़दम उठाने होंगे.

रासायनिक शस्त्र निषिद्धता संगठन (OPCW) का कहना है कि दुनिया की लगभग 98 प्रतिशत आबादी, इस कन्वेंशन के संरक्षण के दायरे में बसती है, और रासायनिक हथियारों के घोषित भंडारों का 99 प्रतिशत हिस्सा, पुष्ट तरीक़े से नष्ट कर दिया गया है. ये संगठन ही इस कन्वेंशन को लागू करने की ज़िम्मेदारी निभाता है.

‘निरस्त्रीकरण का अहम पड़ाव’

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, “निरस्त्रीकरण का अहम पड़ाव, दुनिया के एकजुट होकर खड़े होने और रासायनिक शस्त्रों के प्रयोग पर मानवता की तकलीफ़ों को एक सुर में बयान करने का नतीजा है.”

“उसके बाद से, इस कन्वेंशन ने, हम सभी के लिए, एक अधिक सुरक्षित दुनिया बनाने में मदद की है.”

उन्होंने कहा, “आइए, हम उसी भावना को पुनःजागृत करें, जिसने तीन दशक पहले, इस कन्वेंशन के सृजन की अगुवाई की थी.”

उन्होंने तमाम देशों से, रासायनिक शस्त्र कन्वेंशन के लिए अपनी प्रतिबद्धता का नवीनीकरण करने व इसे और ज़्यादा मज़बूत करने का आग्रह किया.

“आइए, हम दुनिया को, सभी की ख़ातिर एक अधिक सुरक्षित और महफ़ूज़ दुनिया के हमारे लक्ष्य के पीछे एकजुट करें: रासायनिक शस्त्रों से रहित एक दुनिया.”

रासायनिक शस्त्रों के उन्मूलन के लिए, OPCW किस तरह वैश्विक प्रयासों की अगुवाई करता है, इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें.