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बांग्लादेश-म्याँमार: चक्रवाती तूफ़ान मोका के बाद यूएन एजेंसियों के राहत कार्य

संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियाँ, ​​​​बांग्लादेश में आश्रय स्थलों में लोगों को आवश्यक वस्तुएँ वितरित करते हुए.
UNHCR/Kiri Atri
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियाँ, ​​​​बांग्लादेश में आश्रय स्थलों में लोगों को आवश्यक वस्तुएँ वितरित करते हुए.

बांग्लादेश-म्याँमार: चक्रवाती तूफ़ान मोका के बाद यूएन एजेंसियों के राहत कार्य

जलवायु और पर्यावरण

शक्तिशाली तूफ़ान मोका, रविवार को तीव्रता के साथ बांग्लादेश और म्याँमार के तटीय इलाक़ों से टकराया. हालाँकि जिस तरह की आशंका पहले जताई जा रही थी, चक्रवाती तूफ़ान मोका का ज़मीन से टकराव, कॉक्सेस बाज़ार के विशाल शरणार्थी शिविर पर नही हुआ. इसके बावजूद वहाँ, भीषण हवाओं से सैकड़ों अस्थाई आश्रय तहस-नहस हो गए. संयुक्त राष्ट्र एजेंसियाँ सप्ताहान्त से ही, बचाव व राहत कार्यों में जुटी हुई हैं और तटीय इलाक़ों से संवेदनशील आबादी को बचाकर, सुरक्षित शरण स्थलों पर पहुँचाया गया है.

बेहद गम्भीर बताए जा रहे चक्रवाती तूफ़ान मोका ने रविवार लगभग तीन बजे बांग्लादेश-म्याँमार में दस्तक दी.

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म्याँमार के मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक़ लगभग 209 किमी प्रति घंटा की रफ़्तार से आए इस तूफ़ान का, म्याँमार के पश्चिमी राख़ीन प्रान्त में सबसे ज़्यादा प्रभाव देखने को मिला.

राख़ीन प्रान्त की राजधानी सितवे में व्यापक क्षेत्र में विनाश हुआ हुआ है और संचार व्यवस्था ठप हो गई. पूरे राख़ीन प्रान्त को प्राकृतिक आपदा क्षेत्र घोषित कर दिया है और वहाँ बड़े पैमाने पर राहत कार्य चल रहा है.

म्याँमार में मोका तूफ़ान से कम से कम छह लोगों के मारे जाने और अनेक के घायल होने की ख़बरें हैं.

बांग्लादेश में स्थिति

वहीं तूफ़ान के टकराने के बाद, बांग्लादेश में सीमा से लगे तटीय क्षेत्रों में भारी वर्षा, तेज़ हवाएँ और कुछ क्षेत्रों में भूस्खलन हुआ.

भाषण चार में, यूएनएचसीआर के सहायका अन्तर-एजेंसी समन्वय अधिकारी कीरी अत्री ने यूएन न्यूज़ को बताया, “जब तूफ़ान आने वाला था, उससे पहले यहाँ पर हवाएँ काफ़ी तेज़ हो गईं थीं और समुद्र में भी उफान आ रहा था. दो दिन से हो रही बारिश और बढ़ गई और हवाएँ बहुत तीव्र हो गई थीं.”

“तूफ़ान, बांग्लादेश तट से टकराने के बाद भारी वर्षा हुई और हवा की रफ़्तार भी बहुत तेज़ होने से कॉक्सेस बाज़ार में भूस्खलन हुआ.”

उन्होंने बताया, “जहाँ पर मैं बैठा हूँ भाषण चार में, वो बंगाल की खाड़ी में एक छोटा सा द्वीप है. यहाँ तेज़ हवाएँ काफ़ी थी, लेकिन समुद्री उफ़ान का उतना असर नहीं देखने को मिला, क्योंकि द्वीप के चारों तरफ़ बान्ध है. लेकिन तेज़ हवाओं और पानी के तेज़ बहाव का असर कॉक्सेस बाज़ार में ज़्यादा देखने को मिला.”

रविवार रात 8 बजे तक, तूफ़ान कमज़ोर हो गया था, जिससे बांग्लादेश सरकार ने कॉक्सेस बाज़ार के समुद्री बन्दरगाहों के लिए चेतावनी संकेत का स्तर, दस से घटाकर तीन कर दिया था.

शरणार्थियों पर असर

तूफ़ान से प्रभावित क्षेत्र में लगभग 23 लाख बांग्लादेशी और रोहिंज्या शरणार्थी रहते हैं, जिसमें कॉक्सेस बाज़ार, बन्दरबन और रंगमती में 13 लाख 42 हज़ार से अधिक बांग्लादेशी नागरिक और कॉक्सेस बाज़ार और भाषण चार में 9 लाख 60 हज़ार से ज़्यादा रोहिंज्या शरणार्थी शामिल हैं.

तूफ़ान मोका से, टेकनाफ़ स्थित रोहिंज्या शिविरों और समीप के बांग्लादेशी बस्तियों में हज़ारों घर व परिवार प्रभावित हुए हैं और प्रमुख सुविधाओं को हानि पहुँची है.

कीरी अत्री ने बताया, “किसी की भी जान जाने की कोई ख़बर नहीं आई हैं. सभी लोग सुरक्षित हैं. लेकिन कॉक्सेस बाज़ार के जो घर हैं, वो तारपोलीन से निर्मित, अस्थाई आक्ष्य स्थल हैं, इसलिए वो हवाओं की तीव्रता सह नहीं पाते, इसलिए रोहिंज्या शिविर में कई घर टूट गए हैं.”

उन्होंने बताया कि अब भाषण चार में मौसम साफ़ है और लोग घरों से निकल आए हैं. यूएन एजेंसियाँ नुक़सान का आकलन कर रही हैं कि कितने घर टूटे हैं, कितने सुविधा केन्द्रों, या बाँस के बने अस्थाई स्कूलों व महिला केन्द्रों को क्षति पहुँची है.   

अधिकारियों ने समुद्र की ख़राब स्थिति के कारण भाषन चार-चटगाँव मार्ग पर 10 मई से सभी समुद्री परिवहन का संचालन रोक दिया है.

आपदा प्रबन्धन

ध्वज चेतावनी के ज़रिए विभिन्न स्थानों पर जानकारी दी गई और लाउडस्पीकरों के माध्यम से शरणार्थियों को ख़तरे के बारे में आगाह किया गया.
© UNHCR/Kiri Atri

बांग्लादेश सरकार ने आपदा पर स्थाई आदेश (SOD) के अनुसार, आने वाले चक्रवात मोका की तैयारी और प्रतिक्रिया के लिए व्यापक क़दम उठाए हैं.

ध्वज चेतावनी के ज़रिए विभिन्न स्थानों पर जानकारी दी गई और लाउडस्पीकरों के माध्यम से शरणार्थियों को ख़तरे के बारे में आगाह किया गया.

कीरी अत्री ने बताया, “मैसेजिंग बहुत पुख़्ता थी, समुदाय इसके लिए तैयार थे. बांग्लादेश में एक सिग्नल प्रणाली चलती है, जिनके अन्तर्गत तीन झंडे फहराए जाते हैं. एक ध्वज का मतलब होता है कि समुद्र में तूफ़ान बन चुका है, सब लोग सतर्क रहें और तीन ध्वजों का मतलब होता है कि समस्त आपदा कार्यक्रम लागू कर दिए जाएँ. इससे जो लोग पढ़ना भी नहीं जानते हैं, वो भी देखकर बता सकते हैं कि ख़तरा कितना बढ़ चुका है.”

12 मई की शाम को, जैसे ही चेतावनी का स्तर 8 पर पहुँचा, भाषन चार में सरकारी अधिकारियों ने तटीय इलाक़े खाली करवाकर, लगभग 30 हज़ार शरणार्थियों को, 53 शरण स्थलों पर पहुँचाया.

यूएन एजेंसियों की कार्रवाई

कॉक्सेस बाज़ार में रोहिंज्या शरणार्थियों के बीच संयुक्त राष्ट्र का राहत कार्य जारी है.

कीरी अत्री ने बताया, “क़रीब 3000 रोहिंज्याओं को पोषक बिस्किट वितरित किए गए हैं. सूखी खाद्य सामग्री बाँटकर लोगों की मदद की जा रही है. पानी की व्यवस्था, नहाने व शौच की व्यवस्था की गई है. काक्सेस बाज़ार में लगभग 33 मोबाइल मेडिकल टीमें सक्रिय हैं और लोगों के स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखा जा रहा है.”

उन्होंने कहा, “महिलाओं व बच्चों के लिए सुरक्षित स्थान बनाए गए थे, सहायता केन्द्र हैं जहाँ लोग जाकर अपनी परेशानियाँ बता सकते हैं. चूँकि भाषन चार में तूफ़ान का ख़ास असर नहीं हुआ है, इसलिए यहाँ कार्रवाई समाप्त हो चुकी है और लोग अपने घरों को वापस चले गए हैं. लेकिन कॉक्सेस बाज़ार में, संयुक्त राष्ट्र की राहत कार्रवाई जारी रहेगी.”

सामान्य जीवन की बहाली के प्रयास

उधर म्यामाँर में समुदायों ने पूरा दिन क्षेत्र की सफ़ाई करने, और नुक़सान का आकलन करने में बिताया है. कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश जारी थी.

संयुक्त राष्ट्र की, आपदा राहत समन्वय एजेंसी - UNOCHA से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सितवे में कुछ ही घर क्षति से बच पाए हैं और विस्थापन शिविरों में बाँस के घरों को व्यापक हानि हुई है.

स्वास्थ्य, राहत सामग्री, आश्रय, और पानी, स्वच्छता एवं साफ़-सफ़ाई की ज़रूरतें बढ़ गई हैं. संघर्ष-प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों में पानी भर जाने के कारण, बारूदी सुरंगों की जगह बदल गई है जिससे, विस्फोटकों का जोखिम भी बढ़ गया है.

दिन में, संचार व्यवस्था आंशिक रूप से बहाल की गई थी, लेकिन दूरसंचार टावरों को व्यापक क्षति पहुँचने के बाद, सम्पर्क सीमित है. पानी और बिजली सेवाएँ पूरे दिन बुरी तरह से बाधित रही हैं, जैनरेटर बिजली का प्राथमिक स्रोत बन गए हैं.

मानवीय सहायता कार्यकर्ता क्षेत्र में, 16 मई से ज़रूरतों का आकलन शुरू करने की तैयारी में जुटे हैं, ताकि चक्रवाती तूफ़ान के असर और तत्काल सहायता ज़रूरतों की पुष्टि की जा सके.

संघर्ष प्रभावित पश्चिमोत्तर क्षेत्र में बाढ़ आने और आवश्यकताओं में बढ़ोत्तरी की ख़बरें आनी शुरू हो गई हैं.

एजेंसी का कहना है कि चक्रवाती तूफ़ान और तत्पश्चात आई बाढ़ के मद्दनेज़र, पूर्ण जवाबी कार्रवाई के लिए धनराशि की तत्काल आवश्यकता है. अभी तक 76 करोड़ 40 लाख डॉलर की मानवीय सहायता योजना का केवल 10 प्रतिशत वित्त पोषित है.

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