शान्ति की तलाश में ‘अथक’: पोप बेनेडिक्ट को यूएन प्रमुख की श्रद्धांजलि
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने, शनिवार को पोप बेनेडिक्ट 16वें को श्रद्धांजलि अर्पित की है जिनका 95 वर्ष की अवस्था में निधन हो गया. पोप बेनेडिक्ट ने ख़राब स्वास्थ्य के कारण लगभग एक दशक पहले, कैथोलिक चर्च के मुखिया की हैसियत से इस्तीफ़ा दे दिया था.
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि उन्हें पोप बेनेडिक्ट 16वें के देहान्त के समाचार पर बहुत दुख हुआ है, और उन्होंने पोप को “प्रार्थना और अध्ययन” का एक विनम्र व्यक्ति क़रार दिया.
मानवाधिकारों के पैरोकार
यूएन प्रमुख ने कहा है कि अपनी सैद्धान्तिक आस्था, शान्ति की अथक तलाश, और मानवाधिकारों की दृढ़ संकल्पित रक्षा के साथ, पोप दुनिया भर में करोड़ों लोगों के लिए एक आध्यात्मिक दिग्दर्शक, और हमारे समय के एक अग्रणी अकादमिक धर्मशास्त्री थे.
पोप बेनेडिक्ट 16वें ने कैथोलिक चर्च के मुखिया की ज़िम्मेदारी 2005 में संभाली थी और लगभग एक दशक के बाद इस पद से इस्तीफ़ा देने वाले, वो छह सदियों में प्रथम पोप थे.
इस पद के लिये चुने जाने से पहले वो जर्मनी मूल के कार्डिनल जोसेफ़ रैटज़िगर के नाम से जाने जाते थे.
कैथोलिक चर्च के मुख्यालय वैटिकन ने घोषणा कि पोप बेनेडिक्ट 16वें का अन्तिम संस्कार, सेंट पीटर्स चौक में होगा.
पोप बेनेडिक्ट 16वें के उत्तराधिकारी पोप फ्रांसिस ने वैटिकन में शनिवार को नव वर्ष की पूर्व संध्या पर बताया कि बेनेडिक्ट को प्रबल भावनाओं के साथ याद किया जाएगा और सभी को उनका दयालु व्यक्तित्व याद रहेगा. हमारे हृदयों में उनके लिये बहुत प्रबल संवेदना है.
यूएन मुख्यालय की यात्रा
यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने अपने वक्तव्य में याद करते हुए कहा कि पोप बेनेडिक्ट 16वें ने 2008 में यूएन मुख्यालय की यात्रा की थी और अन्तरराष्ट्रीय सम्बन्धों का निर्माण इस तरह से करने की अपील की, जिनसे हर एक व्यक्ति और सभी लोगों को ये महसूस हो कि वो कुछ ख़ास बदलाव ला सकते हैं.
उन्होंने कहा कि हर जगह के निर्बल जन के साथ एकजुटता की प्रबल पुकारों और धनी व निर्धन जन के बीच बढ़ती खाई को पाटने की उनकी तात्कालिक अपीलें, अब भी बहुत प्रासंगिक हैं.
अहिंसा के लिये दृढ़ संकल्प
यूएन महासचिव ने दुनिया भर के सभी कैथोलिक ईसाइयों और पोप के प्रार्थना भरे जीवन व अहिंसा और शान्ति के लिये उनेक दृढ़ संकल्प से प्रेरित तमाम लोगों के साथ अपनी गहन शोक संवेदनाएँ प्रकट की हैं.
समाचारों के अनुसार, बेनेडिक्ट का शव, सोमवार को सेंट पीटर्स चर्च में रखा जाएगा जहाँ कैथोलिक आस्था वाले लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करने का अवसर मिलेगा.
बेनेडिक्ट को ये दर्जा 1951 में मिला और वो 1977 में म्यूनिख़ व फ़्रीज़िंग के आर्कबिशब बने. चार वर्ष बाद उन्होंने वैटिकन में एक शक्तिशाली भूमिका संभाली जिसमें चर्च की परम्परा की रक्षा करना शामिल था.
जब उन्होंने 2013 में अपने स्वास्थ्य की दलील देते हुए इस्तीफ़ा दिया तो कहा था कि उन्होंने ये क़दम चर्च की भलाई के लिये स्वतंत्र इच्छा के साथ उठाया है. उन्होंने अपना बाक़ी जीवन वैटिकन के ही परिसर में स्थित एक मठ में बिताया.