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ऐंटीगुआ: जलवायु कार्रवाई के लिए, 'संकल्प दीवार' का निर्माण

समोआ के एडिलेड नफोई (बाएँ से दूसरे) समेत, SIDS वैश्विक बाल एवं युवा कार्रवाई सम्मेलन के प्रतिनिधि, "संकल्प दीवार" का अपना हिस्सा पूरा करने के बाद.
UN News/ Matthew Wells
समोआ के एडिलेड नफोई (बाएँ से दूसरे) समेत, SIDS वैश्विक बाल एवं युवा कार्रवाई सम्मेलन के प्रतिनिधि, "संकल्प दीवार" का अपना हिस्सा पूरा करने के बाद.

ऐंटीगुआ: जलवायु कार्रवाई के लिए, 'संकल्प दीवार' का निर्माण

जलवायु और पर्यावरण

भले ही इस अदभुत कृति को री-सायकिल योग्य गत्ते के डब्बों से बनाया गया हो, लेकिन सोमवार को जब विश्व नेताओं ने लघु द्वीपीय देशों पर चौथे अन्तराष्ट्रीय सम्मेलन (SIDS4) का उद्घाटन किया, तो बेहतर भविष्य के लिए युवजन की उम्मीदों की एक अनूठी अभिव्यक्ति ने उनका स्वागत किया. ये है ठोस "संकल्प दीवार," जो नेताओं को जलवायु परिवर्तन के क़हर से निपटने के लिए अधिक कार्रवाई करने हेतु प्रेरित करेगी.

ऐंटीगुआ और बरबूडा के ख़ूबसूरत द्वीपीय देश के वेस्ट इंडीज़ विश्वविद्यालय परिसर में, SIDS वैश्विक बाल एवं युवा कार्रवाई सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है. 3 दिनों तक चलने वाले इस मंथन के लिए, कैरेबियन, प्रशान्त और AIS (हिन्द महासागर व दक्षिण चीन सागर) के तीनों आधिकारिक SIDS क्षेत्रों से, 80 से अधिक युवजन एकजुट हुए हैं.

उत्साहपूर्वक माहौल में शनिवार को ये युवजन, विश्वविद्यालय के एक विशाल हॉल में कार्रवाई के प्रति अपनी व्यक्तिगत प्रतिबद्धताओं को अंकित करने के लिए एकत्रित हुए.

एंटीगुआ और बरबूडा में SIDS4 सम्मेलन से पहले, SIDS वैश्विक बाल एवं युवा कार्रवाई सम्मेलन के प्रतिनिधियों द्वारा बनाई गई "प्रतिबद्धता की दीवार."
UN News/ Matthew Wells

ईंट दर ईंट

गत्ते की "ईंटों" में से एक में प्लास्टिक की एक ख़ाली बोतल भी लगी नज़र आई - जो द्वीपीय देशों के लिए अभिशाप का प्रतीक है. इस बोतल को दीवार के भीतर "प्लास्टिक-मुक्त द्वीप, टिकाऊ द्वीप" के नारे के साथ चिपकाया गया था.

यह अभूतपूर्व आयोजन, कार्यकर्ता एशले लैश्ले के दिमाग़ की उपज थी, जिन्होंने 2018 में मिस वर्ल्ड बारबाडोस का ताज पाने के बाद, ख़ासतौर पर अपने देश जैसे छोटे द्वीपीय देशों के सामाजिक, पर्यावरण और स्वास्थ्य मुद्दों पर जागरूकता फैलाने के लिए ‘एशले लैश्ले फाउंडेशन’ की स्थापना की.

यूनीसेफ़ की युवा पैरोकार, एशले लैश्ली.
UN News/ Matthew Wells

उनके प्रभाव से कुछ शक्तिशाली साझेदार उनके पैरोकारी मिशन में शामिल हुए, जिसमें से संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने, एंटीगुआ और बरबूडा सरकार के साथ मिलकर युवा शिखर सम्मेलन का आयोजन किया.

यूनीसेफ़ की यह प्रभावशाली युवा पैरोकार महीनों से व्यक्तिगत एवं ऑनलाइन परामर्श के ज़रिए "कार्रवाई के प्रति प्रतिबद्धता" पर काम कर रही हैं, जिसका समापन शनिवार की प्रस्तुति व दीवार निर्माण पहल के साथ हुआ. 

उन्होंने यूएन न्यूज़ को बताया, “इसमें चार व्यापक विषयों पर ध्यान केन्द्रित किया गया है, जो SIDS4 सम्मेलन से भी जुड़े हुए हैं: सहनसक्षम पुनर्बहाली; पर्यावरणीय अखंडता एवं ग्रहीय स्थिरता; एक सुरक्षित भविष्य और सुरक्षित एवं समृद्ध समाज.” 

उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र प्रजनन अधिकार एजेंसी UNFPA, कैरेबियन विकास बैंक, माल्टा व ऑस्ट्रेलिया की सरकारों और वैश्विक पर्यावरण सुविधा ने भी शिखर सम्मेलन का समर्थन किया है.

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क्षति का जायज़ा

शुक्रवार को युवा प्रतिनिधियों ने, ऐंटीगुआ के तटों और पहाड़ियों पर जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाले कुछ पर्यावरणीय नुक़सान का जायज़ा लिया, जिसमें उष्णकटिबंधीय पानी के गर्म होने के कारण प्रवाल भित्तियों की भयावह क्षति भी शामिल थी.

शनिवार को उन्होंने पैरोकारी, संचार, आन्दोलन विस्तार व नीति वार्ताओं से सम्बन्धित मास्टर कक्षाएँ लीं, जिसका समापन स्मारकीय दीवार के साथ हुआ. रविवार को उन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में दस वर्षों की कार्य परियोजनाएँ विकसित कीं.

उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद हैं कि इन परियोजनाओं को तकनीकी और वित्तीय सहायता मिल सकती है...हम अभी मध्य तक पहुँच गए हैं, लेकिन अब भी बहुत लम्बा रास्ता तय करना बाक़ी है."

बोनेयर के छोटे दक्षिणी कैरेबियन देश से आए 17 वर्षीय नोआ हेरलार-हसन ने कहा कि कमज़ोर निचले स्तर के SIDS (देशों) पर "कई चीज़ों का प्रभाव सबसे पहले पड़ता है", ख़ासतौर पर जलवायु संकट का.

"जो लोग SIDS (देशों) में नहीं रहते हैं उन्हें यह समझने की ज़रूरत है कि भले ही उन्हें इसका प्रत्यक्ष असर महसूस न होता हो, लेकिन अन्तिम नतीजों को बदलने में उनकी बड़ी भूमिका है. हमारी पीढ़ी को इसका सर्वाधिक ख़ामियाज़ा भुगतना पड़ेगा और इसीलिए आज हम यहाँ आए हैं, यह देखने के लिए कि हम सामूहिक तौर पर किस तरह मज़बूत हो सकते हैं.”

भविष्य हमारे हाथ में

प्रशान्त द्वीप समोआ की 25 वर्षीय एडिलेड नफोई ने यूएन न्यूज़ को बताया कि वह अपने देश, क्षेत्र और पूरी दुनिया के लिए बेहतर भविष्य की तलाश में, SIDS4 में प्रशान्त क्षेत्र के प्रतिनिधि बनकर आए हैं.

“दुनिया भर के सभी युवजन को बस यह याद रखना चाहिए कि आपकी आवाज़ें, महज़ हवा की गूँज नहीं हैं. आपकी आवाज़ें, आपका, आपके भाई-बहनों, आपके परिवारों और आपके देश का भविष्य बदलने की क्षमता रखती हैं.” 

“मैं आपसे उस अपार शक्ति को पहचानने का आग्रह करता हूँ जो आप में से हर एक के भीतर मौजूद है. यह वो शक्ति है जो बदलाव ला सकती है और हमें बेहतर भविष्य की ओर ले जा सकती है... जो भी लोग आवाज़ उठाने से डरते हैं,  यही समय है बोलने का, क्योंकि यदि आप ऐसा नहीं करेंगे - तो कोई भी आपके युवाओं और आपके देश के लिए नहीं बोलेंगे.”

SIDS वैश्विक बाल एवं युवा कार्रवाई सम्मेलन की प्रतिनिधि, रैनी स्मिथ (बाएँ) SIDS4 सम्मेलन में प्रस्तुत की जाने वाली "प्रतिबद्धता की दीवार" के अपने हिस्से के निर्माण के बाद.
UN News/ Matthew Wells

साझी देखभाल 

कैरेबियाई द्वीप ग्रेनाडा की 28 वर्षीय रैनी स्मिथ ने "युवजन और समुदायों के बीच जागरूकता और ज़िम्मेदार बर्ताव के ज़रिए" समुद्र संरक्षण करने की प्रतिबद्धता जताते हुए दीवार में अपनी ईंट जोड़ दी.

उन्होंने कहा कि वे भी जलवायु परिवर्तन से असंगत रूप से प्रभावित हैं और इसलिए शिखर सम्मेलन में एकजुट हुए, "ताकि विकसित राष्ट्र हमारी चिन्ताएँ सुन सकें और हमारे सामने मौजूद असर को घटाने में मदद कर सकें."

उन्होंने कहा कि सभी पीढ़ियों के बीच जागरूकता फैलाना महत्वपूर्ण है. उन्होंने ख़ासतौर पर युवजन से अपने आसपास के पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित करने के प्रयास जारी रखने का आग्रह किया.

एश्ले लैशली को विश्वास है कि SIDS4 सम्मेलन समाप्त होने के बाद भी युवा शिखर सम्मेलन का काम जारी रहेगा और भविष्य के संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन और COP29 में भी वो अपने प्रयास जारी रखेंगे.

“हम यह सुनिश्चित करने के लिए एक युवा कार्रवाई कार्यबल विकसित करेंगे कि कार्रवाई के प्रति प्रतिबद्धता और कार्रवाई परियोजनाओं का विकास तथा निगरानी की जा रही है.” 

उनका कहना है, "युवा होने के नाते हम अक्सर अपने नेताओं की जवाबदेही की बात करते हैं लेकिन इस शिखर सम्मेलन के पीछे का आधार यह है कि हम युवा और बच्चे भी, उन कार्यों के लिए जवाबदेह होने के इच्छुक हैं जो हम आने वाली पीढ़ियों के लिए कर रहे हैं."

संसाधन जुटाने में निजी क्षेत्र की भूमिका 'अनिवार्य': संयुक्त राष्ट्र प्रमुख

रविवार को SIDS4 सम्मेलन के लिए ऐंटीगुआ और बरबूडा पहुँचने के बाद अपने पहले विस्तृत भाषण में, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेश ने कहा कि संवेदनशील द्वीपीय देशों को सहारा देने के लिए अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से निरन्तर प्रतिबद्धता की आवश्यकता है "और इसके लिए सार्वजनिक धन पर्याप्त नहीं है."

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यूएन प्रमुख ने रविवार को SIDS वैश्विक व्यापार नैटवर्क फ़ोरम को सम्बोधित करते हुए कहा, "इसके लिए निजी क्षेत्र समेत अनगिनत साझेदारों की आवश्यकता होगी."

उन्होंने निवेशकों से कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा, टिकाऊ पर्यटन और जलवायु सहनसक्षमता में वित्तपोषण के लिए, निजी क्षेत्र के निवेश, विशेषज्ञता और नवाचार को शामिल करना होगा.

निजी क्षेत्र की योजना

उन्होंने कहा कि इसके लिए निजी क्षेत्र तीन तरीक़ों से अपनी भूमिका निभा सकता है. "सबसे पहले, अपने व्यवसायों के सभी आयामों में अपनी गतिविधियों को सतत विकास लक्ष्यों के साथ संरेखित करने के लिए, सोच-समझकर, समयबद्ध कार्रवाई करके."

दूसरा, विश्वसनीय और सत्यापन योग्य नैट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन कटौती योजनाओं के साथ जलवायु कार्रवाई को प्राथमिकता देकर.

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा, "इसका मतलब समुद्री संरक्षण और जहाज़रानी क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन कम करने की दृष्टि से, सभी क्षेत्रों में उत्सर्जन में कटौती पर ध्यान देना है."

तीसरा, उन्होंने अधिकारियों से महत्वाकांक्षी 17 सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) – ख़ासतौर पर जलवायु कार्रवाई का लक्ष्य हासिल करने के लिए अधिक महत्वाकांक्षा जताने का आहवान किया. 

उन्होंने कहा, SIDS वैश्विक व्यापार नैटवर्क फ़ोरम ने निजी क्षेत्र को एकजुट करने में मदद की है, जो " SIDS एजेंडे में निजी क्षेत्र को एक स्पष्ट प्रवेश बिन्दु प्रदान करता है." 

डिजिटल विस्तार

महासचिव ने कहा कि अब यह नैटवर्क, डिजिटल सम्पर्क का विस्तार व पहुँच एवं सामर्थ्य सुनिश्चित कर सकता है, जो शिक्षा एवं स्वास्थ्य देखभाल तक पहुँच में सुधार तथा आपदा प्रबन्धन, रोकथाम व जवाबी कार्रवाई को आगे बढ़ाने की कुंजी है. "डिजिटल बदलाव" का अर्थ अधिक विविधीकरण भी है, ख़ासतौर पर महिलाओं और युवाओं के लिए. 

उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर छोटे द्वीपीय देशों के सामने मौजूद वित्तीय चुनौतियों से, "विकासशील देशों में भी वित्तीय उथल-पुथल” होती है.

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, "वैश्विक वित्तीय प्रणाली पुरानी, ​​निष्क्रिय और अन्यायपूर्ण है और क़र्ज़ में डूबी कई विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए सुरक्षा जाल प्रदान करने में विफल रही है. संयुक्त राष्ट्र इसे वर्तमान विश्व का प्रतिनिधित्व करने वाला और वर्तमान चुनौतियों के प्रति अधिक संवेदनशील बनाने के लिए, गहन सुधार करने पर बल दे रहा है."

उन्होंने सर्वजन के लिए बेहतर, अधिक सहनसक्षम, अधिक टिकाऊ भविष्य की दिशा में काम करने का आग्रह किया.

"आइए हम सब मिलकर उन सुधारों के लिए अपनी आवाज़ बुलन्द करें, जो एक अधिक निष्पक्ष और अधिक प्रभावी अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय एवं आर्थिक प्रणाली के लिए ज़रूरी हैं, जो SIDS को वे संसाधन तथा क्षमताएँ प्रदान करने में सक्षम हों, जिनके वे हक़दार हैं और जिनकी उन्हें आवश्यकता है."