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सीरिया में शान्ति के लिये, ‘राजनैतिक समाधान ही एकमात्र रास्ता’

सीरिया के राक्का शहर में अस्थाई शिविर में रहता एक परिवार.
© UNICEF/Delil Souleiman
© UNICEF/Delil Souleiman
सीरिया के राक्का शहर में अस्थाई शिविर में रहता एक परिवार.

सीरिया में शान्ति के लिये, ‘राजनैतिक समाधान ही एकमात्र रास्ता’

शान्ति और सुरक्षा

सीरिया के लिये संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गेयर पैडरसन ने मंगलवार को सुरक्षा परिषद में सदस्य देशों से आग्रह किया है कि देश में पिछले 11 वर्षों से जारी क्रूर हिंसक संघर्ष का बातचीत के ज़रिये राजनैतिक समाधान निकालने के लिये उनके प्रयासों को समर्थन दिया जाना होगा.

युद्ध शुरू होने के बाद से सीरिया अपने सबसे ख़राब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, और देश में जानलेवा हैज़ा तेज़ी से फैल रहा है.

विशेष दूत पैडरसन ने सुरक्षा परिषद को बताया कि उन्होंने हाल के समय में, जिनीवा में संवैधानिक समिति की बैठक समेत, सीरियाई और अन्तरराष्ट्रीय हितधारकों के साथ गहन कूटनैतिक प्रयास आगे बढ़ाए हैं. “सतत शान्ति की ओर, राजनैतिक समाधान ही एकमात्र रास्ता है.”

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“यह दुखद है कि हम इस लक्ष्य से फ़िलहाल बहुत दूर हैं, और ऐसी ज़मीनी व कूटनैतिक वास्तविकताएँ हैं, जोकि एक व्यापक समाधान की ओर बढ़ने में मुश्किलें पैदा करती हैं.”

“मगर, यथास्थितिवाद स्वीकार्य नहीं होना चाहिये और आगे बढ़ने के रास्ते मौजूद हैं.”

सात वर्ष पहले, सुरक्षा परिषद ने प्रस्ताव 2254 पारित किया था, जिसमें सीरिया में शान्ति प्रक्रिया का रोडमैप प्रस्तुत किया गया है.

आइसिल से ख़तरा

यूएन दूत ने कहा कि अभी तक राजनैतिक प्रक्रिया ने सीरियाई जनता की उम्मीदों को पूरा नहीं किया है, और देश में हिंसक टकराव अब भी जारी है.

गेयर पैडरसन के अनुसार, आतंकवादी गुट आइसिल अब भी एक गम्भीर ख़तरा है. हाल ही में पूर्वोत्तर क्षेत्र में हथियारों का विशाल ज़ख़ीरा बरामद किया गया था, जोकि दर्शाता है कि विद्रोहियों की हमले करने की क्षमता बरक़रार है.

बताया गया है कि सीरिया के कुछ पश्चिमोत्तर इलाक़ों में सरकार-समर्थक बलों ने हवाई कार्रवाई की है, जहाँ पिछले काफ़ी समय से कोई हमले नहीं हुए थे.

इस बीच, पूर्वोत्तर में सीरियाई लोकतांत्रिक बलों और तुर्कीये व सशस्त्र विरोधी गुटों के बीच ड्रोन हमले, गोलाबारी और टकराव की ख़बरें मिली हैं.

पारस्परिक भरोसे पर बल

विशेष दूत ने कहा कि उन्होंने पिछले कुछ हफ़्तों में सीरिया के विदेश मंत्री और विरोधी सीरियाई राष्ट्रीय परिषद के प्रमुख से मुलाक़ात की है.

साथ ही, गेयर पैडरसन ईरान, रूस और तुर्कीये के विदेश मंत्रियों और मिस्र व जॉर्डन में समकक्षों से भी मिले हैं. उन्होंने अरब देशों अमेरिका, जर्मनी और अन्य योरोपीय देशों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुलाक़ात की है.

विशेष दूत का कहना है कि सभी हितधारकों को क़दम-दर-क़दम भरोसे का निर्माण करने के लिये प्रोत्साहित किया गया है, ताकि सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2254 की ओर बढ़ा जा सके.

उन्होंने कहा कि आपसी सम्पर्क व बातचीत जारी रहेगी. कुछ देशों ने अब तक सम्भावित क़दमों के लिये कुछ ठोस उपायों की शिनाख़्त की है, मगर बातचीत अभी जारी रहेगी.

सीरियाई संवैधानिक समिति

यूएन दूत ने बताया कि सीरियाई संवैधानिक समिति की बैठक फिर से बुलाए जाने के रास्ते में आए अवरोधों को दूर किये जाने की कोशिशें जारी हैं.

इस समिति में सरकार, विरोधी गुट व नागरिक समाज के प्रतिनिधि शामिल हैं. रूस द्वारा आयोजन स्थल के सम्बन्ध में चिन्ता व्यक्त किये जाने के बाद, सरकारी नुमाइन्दे, जिनीवा नहीं पहुँचे हैं.

इसके मद्देनज़र, उन्होंने रूस, स्विट्ज़रलैंड, सीरिया और अन्य हितधारकों के साथ बातचीत की है.

गेयर पैडरसन ने कहा कि सीरिया में लोगों को हिरासत में लिये जाने, उनकी गुमशुदगी व ग़ायब होने के मामलों की निगरानी की जा रही है.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति द्वारा आम माफ़ी दिये जाने की आधिकारिक घोषणा के बाद, बताने के लिये कुछ नया नहीं है. ना तो आधिकारिक सूचना मिल पा रही है और ना ही स्वतंत्र निगरानी की व्यवस्था की गई है.

सीरिया में हिंसक संघर्ष के कारण विस्थापित लोगों के लिये देश के पश्चिमोत्तर में बनाया गया एक शिविर.
© UNOCHA/Ali Haj Suleiman
सीरिया में हिंसक संघर्ष के कारण विस्थापित लोगों के लिये देश के पश्चिमोत्तर में बनाया गया एक शिविर.

हैज़ा, जल संकट

विशेष दूत ने सुरक्षा परिषद को बताया कि बढ़ती असुरक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य व आर्थिक संकट के बीच, सीरियाई नागरिक अपनी गुज़र-बसर के लिये संघर्ष कर रहे हैं.

मानवीय राहत मामलों में संयोजन के लिये यूएन कार्यालय (OCHA) में निदेशक रीना ग़ेलानी ने देश में हैज़ा के प्रकोप पर जानकारी देते हुए कहा कि अब 20 हज़ार से अधिक संदिग्ध मामले सामने आ चुके हैं. 80 लोगों की मौत हो जाने की पुष्ट सूचना प्राप्त हुई है.

उन्होंने कहा कि यह एक बड़ी त्रासदी है, लेकिन सीरिया में लाखों लोगों को पर्याप्त, सुरक्षित जल उपलब्ध नहीं है और एक दशक से जारी हिंसक संघर्ष के कारण सीरिया में स्वास्थ्य तंत्र बर्बाद हो चुका है.

हैज़ा से गहराता संकट देश में अनेक स्थानों पर ख़राब बारिश और सूखे जैसी परिस्थितियों के कारण और गम्भीर हो गया है, और इसके बद से बदतर होने की आशंका है.

मानवीय राहत प्रयास

सीरिया में कठोर सर्दी, बर्फ़ीले तूफ़ानों, जमा देने वाले तापमानों, बारिश और बाढ़ की आशंका के कारण मानवीय राहतकर्मियों ने सहायता प्रयासों के लिये अपनी तैयारी शुरू कर दी है.

रीना ग़ेलानी के अनुसार, सर्दियों के मद्देनज़र, पिछले साल की तुलना में ज़रूरतमन्दों की संख्या देश भर में 30 प्रतिशत बढ़ी है.

उन्होंने बताया कि पश्चिमोत्तर क्षेत्र में 20 लाख लोगों को सर्दी के मौसम में अपनी बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये सहायता की दरकार होगी.

इनमें से अधिकांश महिलाएँ व बच्चे हैं, जोकि बिजली, जल और अपशिष्ट प्रबन्धन की सीमित सुलभता या अभाव में शिविर में जीवन गुज़ार रहे हैं.

सर्दी के मौसम के दौरान राहत प्रयासों के लिये योजना हेतु पर्याप्त धनराशि उपलब्ध नहीं है, और आश्रय व ग़ैर-खाद्य सामग्री के लिये कुल आवश्यक धनराशि का केवल 10 प्रतिशत का ही प्रबन्ध हो पाया है.

यूएन एजेंसी अधिकारी ने सचेत किया कि यदि इस कमी को दूर नहीं किया गया, तो अनेक परिवारों के लिये ईंधन, कम्बल, सर्दी के लिये कपड़ों समेत अनेक ज़रूरी सामान की व्यवस्था नहीं हो पाएगी.