युवजन को नेतृत्व करने दें, यूएन कार्यालय की नई मुहिम
युवा मामलों के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने अपनी एक मुहिम शुरू की है, जिसके ज़रिये विश्व नेताओं से आग्रह किया जा रहा है कि सार्वजनिक व निजी सैक्टर, नागरिक समाज, शिक्षा जगत और संयुक्त राष्ट्र में निर्णय-निर्धारण प्रक्रिया में युवजन की हिस्सेदारी को बढ़ाना होगा.
'World Leaders: It’s Time to Let #YouthLead' नामक इस मुहिम का उद्देश्य, एक बेहतर विश्व को साकार करने के प्रयासों में युवाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाना है.
यूएन कार्यालय ने इस मुहिम की शुरुआत करते हुए एक पत्र जारी किया है, जिसके अनुसार संकटों से घिरी दुनिया में सामूहिक भलाई के लिए चुनौतियों का समाधान करने में एकजुटता का अभाव है.
इसके मद्देनज़र, यह ज़रूरी है कि नेतागण और संस्थाओं द्वारा युवाओं को ऐसी भूमिका में अवसर प्रदान किए जाएँ, जिनसे उनकी आवाज़ को सुना जा सके, अन्यथा साझा भविष्य के लिए जोखिम उत्पन्न हो सकता है.
युवजन कार्यालय ने अपने पत्र में लिखा है कि विविध परिप्रेक्ष्यों को निर्णय-निर्धारण प्रक्रिया में शामिल किया जाना, अतीत की ग़लतियों को फिर से ना दोहराने का एकमात्र रास्ता है.
“अन्तर-पीढ़ीगत एकजुटता को मज़बूत समर्थन देकर और बेहद चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में नवाचार समाधानों को ढूँढ कर, युवजन हमें ध्यान दिलाते हैं कि एक बेहतर दुनिया अब भी सम्भव है.”
यूएन कार्यालय ने बताया कि युवाओं के साथ साझेदारी के ज़रिये आशा और भरोसे को फिर से खड़ा किया जा सकता है.
भविष्य की शिखर बैठक
इस वर्ष सितम्बर महीने में यूएन मुख्यालय में भविष्य की शिखर बैठक आयोजित की जाएगी. इस पृष्ठभूमि में यूएन कार्यालय ने दुनिया भर में युवजन के नाम इस ख़त के ज़रिये सन्देश दिया है कि युवाओं के पास विश्व नेताओं के पास अपनी बात लिखकर पहुँचाने का अवसर है.
इस शिखर बैठक में, विश्व नेताओं का ध्यान वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए अन्तरराष्ट्रीय सहमति को आकार देना होगा, ताकि टिकाऊ विकास लक्ष्यों के 2030 एजेंडा के मार्ग पर तेज़ी से आगे बढ़ा जा सके.
यूएन कार्यालय ने उम्मीद जताई है कि युवाओं से सकारात्मक सन्देश प्राप्त होंगे, और शिखर बैठक में शिरकत करने वाले नेता, युवजन को समुचित प्रतिनिधित्व प्रदान करने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त करेंगे.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने इस मुहिम को अपना समर्थन देते हुए कहा कि राजनैतिक निर्णय-निर्धारण प्रक्रिया में युवजन को लाना अहम है. उनके विचारों को ना केवल सुना जाना होगा, बल्कि उन पर अमल भी किया जाना होगा.
युवा मामलों के लिए सहायक महासचिव फ़िलिपे पॉलियर के अनुसार, सभी स्तरों पर निर्णय-निर्धारण भूमिकों में युवाओं को शामिल करना, एक ऐसा शक्तिशाली उपाय है, जिससे हिंसक टकरावों, भूराजनैतिक तनावों और भविष्य के प्रति गहराती अनिश्चितता से निपटने में मदद मिल सकती है.