यूक्रेनी परमाणु ऊर्जा संयंत्रों पर हमले, तुरन्त रोके जाने की मांग
अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के महानिदेशक रफ़ाएल ग्रोस्सी ने दोहराया है कि यूक्रेन में परमाणु ऊर्जा संयत्रों पर हमले करने से हर हाल में बचना होगा. उन्होंने रविवार को ज़ैपोरिझिझिया परमाणु ऊर्जा प्लांट को निशाना बनाकर की गई सैन्य कार्रवाई के बाद यह चेतावनी जारी की है.
यूएन परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख ने कहा कि इस संयंत्र को निशाना बनाया जाना दर्शाता है कि परमाणु प्लांट पर ख़तरे के स्तर में बड़ी वृद्धि हुई है.
फ़रवरी 2022 में, रूस ने यूक्रेन पर पूर्ण रूप से आक्रमण किया था और नवम्बर 2022 के बाद यह पहली बार जब, योरोप के इस सबसे बड़े परमाणु प्लांट को सीधे तौर पर निशाना बनाया गया है.
फ़िलहाल, इस संयंत्र में परमाणु सुरक्षा व बचाव प्रणालियों को हमले से किसी तरह की क्षति पहुँचने का कोई संकेत नहीं मिला है.
IAEA के अनुसार, ये सैन्य कार्रवाई इस युद्ध के दौरान परमाणु प्लांट और अन्य परमाणु केन्द्रों के लिए उपजे जोखिमों के प्रति एक बार फिर से आगाह करती है.
महानिदेशक रफ़ाएल ग्रोस्सी ने कहा, “यूनिट 6 को हुई क्षति से परमाणु बचाव व्यवस्था पर कोई असर नहीं हुआ है, मगर यह एक गम्भीर घटना है जिसकी वजह से रिएक्टर की नियंत्रण प्रणाली कमज़ोर पड़ सकती थी.”
उन्होंने ध्यान दिलाया कि लापरवाही भरे इन हमलों से, एक बड़ी परमाणु दुर्घटना का जोखिम काफ़ी बढ़ जाता है और इन्हें तुरन्त रोका जाना होगा.
यूएन एजेंसी प्रमुख के अनुसार, परमाणु केन्द्रों पर हमलों से किसी भी प्रकार कोई सैन्य या राजनैतिक फ़ायदा नहीं होगा, और ये एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ क़दम रखने से हर हाल में बचा जाना होगा.
“मैं सैन्य निर्णय-निर्धारकों से मज़बूत अपील करता हूँ कि परमाणु केन्द्रों की सुरक्षा के बुनियादी सिद्धान्तों का उल्लंघन करने वाली किसी भी कार्रवाई से परहेज़ किया जाए.”
कम से कम एक हताहत
IAEA को ज़ैपोरिझिझिया प्लांट से ड्रोन हमलों के बारे में जानकारी प्राप्त हुई, जिसके बाद संयंत्र पर तैनात उसके विशेषज्ञों ने तीन प्रभावित स्थलों का जायज़ा लिया.
उन्होंने ड्रोन विस्फोट के कारण हुए असर की पुष्टि करते हुए बताया कि इनमें एक रिएक्टर इमारत पर भी असर हुआ है, जहाँ ऐसा प्रतीत होता है कि निगरानी व संचार उपकरणों को निशाना बनाने की मंशा थी.
IAEA टीम के अनुसार, ड्रोन के अवशेष कुल तीन स्थानों से बरामद हुए हैं. इनमें से एक, प्रयोगशाला के बाहर मिला, जहाँ एक क्षतिग्रस्त सैन्य वाहन के पास ख़ून के धब्बे नज़र आए.
इस वजह से कम से एक व्यक्ति के हताहत होने की आशंका व्यक्त की गई है.
यूएन परमाणु विशेषज्ञों ने इसके बाद भी पूरे दिन विस्फोट होने और गोलीबारी की आवाज़ सुने जाने की बात कही.