मारियुपोल से लोगों की सुरक्षित निकासी में, यूएन व रैडक्रॉस की भूमिका पर रूस की ‘सैद्धान्तिक सहमति’

रूस ने मारियूपोल शहर में यूक्रेनी नियंत्रण वाले अन्तिम इलाक़े में फँसे नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाले जाने में संयुक्त राष्ट्र की भूमिका पर “सैद्धान्तिक रूप से” सहमति जताई है. यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश और रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन के बीच मंगलवार को मॉस्को में हुई मुलाक़ात के बाद इस आशय की जानकारी दी गई है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव, यूक्रेन में युद्ध के मुद्दे पर बातचीत के लिये रूस की राजधानी में हैं, जहाँ उन्होंने विदेश मंत्री सर्गेई लैवरोफ़ से भी मुलाक़ात की है.
यूएन प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने बैठक के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रपति पुतिन के साथ आमने-सामने हुई बातचीत में, महासचिव गुटेरेश ने यूक्रेन पर संयुक्त राष्ट्र के रुख़ को दोहराया है.
In Moscow, Secretary-General @antonioguterres met with Russian president Vladimir Putin and reiterated the UN’s position on Ukraine. They discussed proposals for humanitarian assistance & evacuation of civilians from conflict zones. Full readout: https://t.co/GqlxzmGYCT pic.twitter.com/trlqMwZsNX
UN_Spokesperson
साथ ही, मानवीय सहायता और हिंसा प्रभावित इलाक़ों से आम नागरिकों सुरक्षित बाहर निकाले जाने के विषय में भी प्रस्तावों पर चर्चा हुई है.
इनमें रूसी घेराबन्दी वाले बन्दरगाह शहर मारियुपोल में हालात भी हैं, जहाँ हज़ारों आम नागरिक और यूक्रेनी सैनिक, ऐज़ोवस्टाल स्टील प्लांट में फँसे हैं.
यूएन प्रवक्ता ने बताया कि, “राष्ट्रपति ने, सैद्धान्तिक तौर पर, मारियुपोल के ऐज़ोवस्टाल प्लांट से आम नागरिकों की सुरक्षित निकासी में, संयुक्त राष्ट्र और रैड क्रॉस के लिये अन्तरराष्ट्रीय समिति की भूमिका के लिये सहमति जताई है.”
उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में चर्चा को आगे बढ़ाते हुए, मानवीय राहत मामलों में संयोजन के लिये यूएन कार्यालय (OCHA) और रूस के विदेश मंत्रालय के बीच बैठक होगी.
एंतोनियो गुटेरेश ने पत्रकारों को बताया कि उन्होंने विदेश मंत्री लैवरोफ़ के साथ “खुली बातचीत” की है, और “यह स्पष्ट है कि यूक्रेन में घटनाक्रम के विषय में दो भिन्न-भिन्न मत हैं.”
रूस का कहना है कि वो यूक्रेन में एक “विशेष सैन्य अभियान” चला रहा है, जबकि यूएन के नज़रिये से, 24 फ़रवरी को किया गया आक्रमण, देश की क्षेत्रीय अखण्डता का हनन है और यूएन चार्टर के विरुद्ध है.
“मगर, यह मेरा गहरा विश्वास है कि हम इस युद्ध का अन्त जितनी जल्दी करें, उतना ही बेहतर होगा – यूक्रेन के लोगों के लिये, रूसी महासंघ के लोगों के लिये और उनके लिये जो वहाँ से दूर हैं.”
महासचिव ने “शान्ति दूत” के तौर पर अपनी भूमिका को रेखांकित करते हुए ध्यान दिलाया कि संयुक्त राष्ट्र ने बार-बार आम लोगों की रक्षा के लिये युद्धविराम की पुकार लगाई है.
साथ ही, एक राजनैतिक समाधान की दिशा में सम्वाद की अपील की गई है, जोकि अभी तक नहीं हो पाया है.
उन्होंने पूर्वी यूक्रेन के डोनबास में जारी ‘हिंसक लड़ाई’ का उल्लेख करते हुए कहा कि अनेक आम नागरिक मारे गए हैं, और लाखों लोग हिंसक टकराव में फँसे हुए हैं.
यूएन प्रमुख के मुताबिक़, मानवाधिकार हनन और सम्भवत: युद्ध अपराध के मामलों की बार-बार ख़बरें मिली हैं, जिनकी कारगर ढंग से जवाबदेही तय करने के लिये एक स्वतंत्र जाँच की आवश्यकता होगी.
“हमें तत्काल मानवीय राहत गलियारे की आवश्यकता है, जोकि वास्तव में सुरक्षित और कारगर हो, और जिसका सम्मान, आम लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने और अति-आवश्यक सहायता पहुँचाने के लिये सभी पक्ष करें.”
यूएन महासचिव ने एक ‘मानवीय सम्पर्क समूह’ (Humanitarian Contact Group) स्थापित किये जाने का प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें रूस, यूक्रेन और संयुक्त राष्ट्र शामिल होंगे, ताकि टकराव में स्थानीय स्तर पर विराम देकर, सुरक्षित गलियारों को खोले जाने के अवसरों की तलाश की जा सके, और उनके वास्तव में कारगर होने की गारण्टी हो.
यूएन प्रमुख ने मारियुपोल को एक ‘संकट के भीतर संकट’ क़रार दिया है, जहाँ हज़ारों लोगों को जीवनरक्षक सहायता, और बड़ी संख्या में लोगों को सुरक्षित बाहर निकाले जाने की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि ज़िन्दगियों की रक्षा के लिये, संयुक्त राष्ट्र अपने मानवीय, और साजोसामान व संचालन (logistical) सम्बन्धी संसाधनों के पूर्ण रूप से संगठित इस्तेमाल के लिये तैयार है.
महासचिव गुटेरेश ने अपने प्रस्ताव मे कहा है कि संयुक्त राष्ट्र, रैड क्रॉस की अन्तरराष्ट्रीय समिति और यूक्रेनी व रूसी सुरक्षा बलों को, मारियुपोल से बाहर जाने के इच्छुक लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के कार्य को सम्भव बनाने के लिये आपस में समन्वय स्थापित करना होगा.
ऐज़ोवस्टाल स्टील प्लांट के भीतर और शहर में फँसे लोगों को बाहर निकालने के लिये - चाहे वे किसी भी दिशा को चुनना चाहें, और मानवीय राहत वितरण के लिये भी.
यूएन प्रमुख ने युद्ध के व्यापक प्रभावों का ज़िक्र करते हुए कहा कि इसके झटके दुनिया भर में महसूस किये जा रहे हैं. जैसेकि, खाद्य व ऊर्जा क़ीमतों में बहुत तेज़ी से उछाल आया है, जिसका विश्व में लाखों-करोड़ों निर्बल लोगों पर सर्वाधिक असर हुआ है.
“यह कोविड-19 महामारी के जारी रहने के झटके और पुनर्बहाली के लिये संसाधनों की विषमतापूर्ण सुलभता के बाद हुआ है, जिसका दुनिया भर में विकासशील देशों को विशेष रूप से दण्ड भुगतना पड़ता है.”
“इसलिये, जितनी जल्दी शान्ति स्थापित हो, उतना ही बेहतर है – यूक्रेन, रूस और दुनिया की ख़ातिर.”
“और यह बहुत महत्वपूर्ण है, इस मुश्किल भरे क्षण में भी, बहुपक्षवाद के मूल्यों को जीवित रखने के लिये.”
महासचिव ने एक ऐसे विश्व की आवश्यकता को रेखांकित किया है, जोकि बहुध्रुवीय हो, जहाँ यूएन चार्टर और अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का पालन किया जाए, और जहाँ देशों के बीच पूर्ण समानता को मान्यता मिले.
उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे मानवता, एक बार फिर एकजुट होकर जलवायु परिवर्तन जैसी साझा चुनौतियों का मुक़ाबला कर पाएगी.
महासचिव गुटेरेश, गुरूवार को यूक्रेन के दौरे पर होंगे जहाँ उनकी विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा के साथ बैठक होगी और वह राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की से भी मिलेंगे.