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अर्थ आवर: एक घंटे के लिए बत्तियाँ बन्द, जलवायु कार्रवाई शुरू

अर्थ आवर मुहिम के लिए यूएन मुख्यालय की बत्तियाँ बुझा दी गईं. (25 मार्च 2023)
UN News
अर्थ आवर मुहिम के लिए यूएन मुख्यालय की बत्तियाँ बुझा दी गईं. (25 मार्च 2023)

अर्थ आवर: एक घंटे के लिए बत्तियाँ बन्द, जलवायु कार्रवाई शुरू

एसडीजी

पर्यावरण की रक्षा करने और पृथ्वी पर मंडराते हुए जोखिमों के प्रति जागरूकता फैलाने के इरादे से शनिवार, 23 मार्च, ‘अर्थ आवर’ (Earth Hour) नामक मुहिम का दिन है, जब विश्व भर में लोग एक घंटे के लिए बत्तियाँ बुझा कर टिकाऊ भविष्य के एकजुटता का प्रदर्शन करते हैं. 

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने इस दिवस के लिए अपने सन्देश में कहा, “बत्तियाँ बुझाइए और दुनिया को सर्वजन के लिए एक बेहतर भविष्य की दिशा में आगे ले जाइए.”

‘अर्थ आवर’ पहल के ज़रिये हर वर्ष इस मुहिम में शिरकत करने वाले व्यक्ति, कम्पनी, संगठन व देश, अपने स्थानीय समयानुसार रात 8.30 से 9.30 बजे तक, एक घंटे के लिये बत्तियां बन्द करते हैं. 

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‘अर्थ आवर’ के दौरान, दुनिया भर में महत्वपूर्ण स्थलों जैसेकि पेरिस में आइफ़िल टावर, लन्दन में बिग बेन, न्यूयॉर्क में ऐम्पायर स्टेट बिल्डिंग, बर्लिन के बैंडनबुर्ग गेट, दिल्ली में इंडिया गेट समेत अन्य इमारतों व स्थलों की बत्तियां एक घंटे के लिये बुझा दी जाती हैं. 

न्यूयॉर्क स्थित यूएन मुख्यालय में भी शनिवार रात 8.30 बजे बत्तियां बन्द कर दी जाएंगी.

इस मुहिम का लक्ष्य पर्यावरण के प्रति जागरूकता का प्रसार करना, ऊर्जा की खपत कम करना और पृथ्वी की रक्षा के लिये समाधानों में आमजन की भागीदारी सुनिश्चित करना है.

एकजुट प्रयासों पर ज़ोर

यूएन प्रमुख ने ध्यान दिलाया कि वर्ष 2023, इतिहास में अब तक का सर्वाधिक गर्म साल साबित हुआ है और इस वर्ष ‘अर्थ आवर’ एक अलग मार्ग पर चलने के लिए वैश्विक एकजुटता प्रदर्शित करने का अवसर है.

“अर्थ आवर पर, विश्व भर में करोड़ों लोग हमारे ग्रह की व्यथा पर प्रकाश डालने के लिए बत्तियाँ बुझा देते हैं. इस वर्ष, मैं आपको इनमें शामिल होने का आग्रह करता हूँ.”

‘इसकी तत्काल आवश्यकता है.’

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने कहा कि हमारी जलवायु दरक रही है और अर्थ आवर दर्शाता है कि हमारे भविष्य के लिए लड़ाई में हमारे पास शक्ति है.

“एक साथ मिलकर, आइए हम बत्तियाँ बुझाएं और दुनिया को हम सभी के लिए एक उज्ज्वल भविष्य की दिशा में ले जाएं.”

विश्व मौसम विज्ञान दिवस

संयुक्त राष्ट्र, 23 मार्च को विश्व मौसम विज्ञान दिवस भी मना रहा है. इस वर्ष की थीम, जलवायु कार्रवाई के अग्रिम मोर्चे पर उपस्थिति पर केन्द्रित है.

यह दिवस ध्यान दिलाता है कि जलवायु परिवर्तन वास्तविक है और हमारी पूरी सभ्यता के लिए एक ऐसा ख़तरा है, जिसे नकारा नहीं जा सकता है.

यूएन मौसम विज्ञान एजेंसी की प्रमुख सेलेस्ते साउलो ने कहा कि जलवायु और मौसम संकेतक रिकॉर्ड ध्वस्त कर रहे हैं, मगर मानवता के पास अब भी प्रकृति के साथ समरसतापूर्ण सम्बन्ध क़ायम करने का समय है.

इस क्रम में, उन्होंने निर्णय-निर्धारण प्रक्रिया में नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में आगे बढ़ने और नैट शून्य कार्बन उत्सर्जन पर बल दिया. इस प्रक्रिया में युवजन को साथ लेकर आगे बढ़ना अहम होगा.

यूएन एजेंसी प्रमुख ने कहा समय पूर्व चेतावनी प्रणालियाँ, निर्धनता में कमी लाने के लिए अहम हैं, और इनके ज़रिये चरम मौसम घटनाओं से होने वाले असर को काफ़ी हद तक कम किया जा सकता है.