अर्थ आवर: उजले भविष्य के लिये बुझाई गई बत्तियां
आमजन की अगुवाई में पृथ्वी की रक्षा के लिये समाधानों पर ध्यान केंद्रित करने और एक उज्ज्वल, टिकाऊ भविष्य के निर्माण की दिशा में प्रयासों के तहत, संयुक्त राष्ट्र, 26 मार्च को ‘अर्थ आवर’ मुहिम में हिस्सा ले रहा है.
Join #EarthHour tonight - 26 March - at 8:30 PM 🕣 your local time by switching off your lights (where safe to do so) to stand united #ForPeopleForPlanet. #ShapeOurFutureLearn more: https://t.co/oOGVyRyUjO pic.twitter.com/2IPEmI7qNJ
UNEP
‘अर्थ आवर’ पहल के ज़रिये हर वर्ष मार्च महीने के अन्तिम शनिवार को, मुहिम में शिरकत करने वाले व्यक्ति, कम्पनी, संगठन व देश, अपने स्थानीय समयानुसार रात में 8.30 से 9.30 बजे तक, एक घण्टे के लिये बत्तियां बन्द करते हैं.
इस मुहिम का लक्ष्य पर्यावरण के प्रति जागरूकता का प्रसार करना, ऊर्जा की खपत कम करना और पृथ्वी की रक्षा के लिये समाधानों में आमजन की भागीदारी सुनिश्चित करना है.
‘अर्थ आवर’ के दौरान, दुनिया भर में महत्वपूर्ण स्थलों जैसेकि पेरिस में आइफ़िल टावर, लन्दन में बिग बेन, न्यूयॉर्क में ऐम्पायर स्टेट बिल्डिंग, बर्लिन के बैण्डनबुर्ग गेट, दिल्ली में इण्डिया गेट समेत अन्य इमारतों व स्थलों की बत्तियां एक घण्टे के लिये बुझा दी जाती हैं.
न्यूयॉर्क स्थित यूएन मुख्यालय में भी शनिवार रात 8.30 बजे बत्तियां बन्द कर दी जाएंगी.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने पिछले वर्ष ‘अर्थ आवर 2021’ के लिये अपने सन्देश में आगाह किया था कि प्रकृति की मदद के बिना, हम पृथ्वी पर फल-फूल या जीवित नहीं रह सकते हैं.
जलवायु व्यवधान, लुप्त होती जैवविविधता और प्रदूषण के कारण, विश्व भर में ज़िन्दगियों, आजीविकाओं और स्वास्थ्य के लिये जोखिम पैदा हो रहे हैं.
इसके मद्देनज़र, उन्होंने सचेत किया कि यह समय फिर से मौजूदा हालात का आकलन करने और प्रकृति के साथ हमारे रिश्ते को फिर से आकार देने का है.
“हम हर किसी के लिये नवीकरणीय ऊर्जा और टिकाऊ खाद्य प्रणालियाँ प्रदान कर सकते हैं...उत्सर्जन घटा सकते हैं और प्रकृति-आधारित समाधानों का इस्तेमाल कर सकते हैं, ताकि हमें एक अधिक सहनसक्षम, कार्बन तटस्थ विश्व का निर्माण करने में मदद मिले.”
यूएन का मानना है कि ‘अर्थ आवर’ एक ऐसा प्रतीकात्मक आयोजन है, जोकि यह ध्यान दिलाता है कि एक टिकाऊ जगत के लक्ष्य को पाने में, छोटे-छोटे क़दमों, जैसेकि ज़रूरी ना होने पर बत्तियां बुझाने, घर से कार्यालय जाते समय इलैक्ट्रॉनिक उपकरण बन्द करने से भी मदद मिल सकती हैं.
इससे, जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध लड़ाई में एक सकारात्मक योगदान दिया जा सकता है.