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लीबिया में जारी राजनैतिक गतिरोध से, देश के भविष्य पर जोखिम

लीबिया के डेरना शहर में बाढ़ से तबाह हुए इलाक़े.
© UNICEF/Abdulsalam Alturki
लीबिया के डेरना शहर में बाढ़ से तबाह हुए इलाक़े.

लीबिया में जारी राजनैतिक गतिरोध से, देश के भविष्य पर जोखिम

शान्ति और सुरक्षा

उत्तर अफ़्रीकी देश लीबिया में संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष दूत अब्दुलाये बाथिली ने गुरूवार को कहा है कि देश की, प्रमुख राजनैतिक हस्तियों के बीच समझौते के बिना, वहाँ विश्वसनीय चुनाव की दिशा में प्रगति असम्भव है.

अब्दुलाये बाथिली ने देश की ताज़ा स्थिति के बारे में सुरक्षा परिषद में राजदूतों को जानकारी देते हुए कहा कि देश की प्रमुख हस्तियों को अपने स्वार्थ को किनारे रखना चाहिए, सदविश्वास के साथ बातचीत करनी चाहिए और एक एकीकृत सरकार के गठन पर एक समझौता करना चाहिए. साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होगा कि राष्ट्रीय चुनाव आगे बढ़ें ताकि देश को "विघटन की ओर जाने" से बचाया जा सके.

उन्होंने कहा, "मैं उनसे अपनी मातृभूमि की गरिमा को बहाल करने के लिए बातचीत करने और समझौता करने के लिए नैतिक कर्तव्य की भावना का पुकार लगाता हूँ."

"ऐसा करने की अनिच्छा, न केवल चुनावों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर सवाल उठाती है, बल्कि उनके देश की एकता और भविष्य पर भी सवाल उठाती है जिसके लिए उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए."

लम्बा गतिरोध

लीबिया में, एक राष्ट्रीय सरकार के लिए चुनाव, मूल रूप से दिसम्बर 2021 में निर्धारित थे, मगर उन चुनावों को स्थगित किए जाने के बाद, देश गहरे संकट में फँसा हुआ है.

जटिलताएँ दो प्रतिद्वंद्वी सरकारॆ की वास्तविकता से जुड़ती हैं, जिनमें अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एकता सरकार (जीएनयू) राजधानी त्रिपोली में स्थित है, और राष्ट्रीय स्थिरता सरकार (जीएनएस) पूर्वी इलाक़े में है.

संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिनिधि बाथिली ने, मौजूदा राजनैतिक गतिरोध को तोड़ने के प्रयासों के तहत, नवम्बर 2023 में, पाँच प्रमुख मौजूदा संस्थानों या पक्षों के नेताओं को बातचीत के लिए आमंत्रित किया था.

उन्होंने कहा, ''मैंने उन प्रमुख हस्तियों से, बुद्धिमत्ता से काम लेने की अपाल करते हुए, उन सभी के साथ अपना सम्पर्क जारी रखा है. 

हालाँकि उन्होंने यह भी बताया कि इन प्रमुख हस्तियों में से, कोई भी, अपनी पूर्व स्थिति से नहीं हटे हैं.

विशेष दूत बाथिली ने कहा, "वो सभी प्रमुख व्यक्ति, यथास्थिति बनाए रखने के तरीक़े के रूप में, बातचीत में अपनी भागेदारी के लिए पूर्व शर्तें रख रहे हैं, जो - मुझे कहना होगा - उनके लिए हितसाधक साथिति है."

लीबिया में संयुक्त राष्ट्र के लिए सहायता मिशन के मुखिया और यूएन महासचिव के विशेष प्रतिनिधि अब्दुलाये बाथिली, सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए.
UN Photo/Eskinder Debebe

सुरक्षा परिषद की 'महत्वपूर्ण भूमिका'

विशेष दूत अब्दुलाये बाथिली ने उन प्रस्तावों पर विचार करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की तत्परता दोहराई जो शान्तिपूर्ण और समावेशी समझौते के आधार पर, समाधान की ओर ले जा सकते हैं.

उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि लीबिया के नेताओं पर रचनात्मक रूप से जुड़ने के लिए दबाव डालने में, सुरक्षा परिषद और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय की "महत्वपूर्ण भूमिका" है.

उन्होंने कहा, "क्षेत्रीय साझीदारों से तालमेल और समर्थन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है."

"समानान्तर पहल केवल तभी उपयोगी हो सकती हैं यदि वे संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों का समर्थन करते हैं, ऐसा न हो कि उन्हें लीबियाई पक्षों द्वारा यथास्थिति बनाए रखने के साधन के रूप में उपयोग किया जाए."

सुरक्षा, मानवीय स्थिति

यूएनएसएमआईएल के प्रमुख और विशेष प्रतिनिधि ने राजदूतों को, लीबिया में मानवीय और मानवाधिकार की स्थिति के बारे में भी जानकारी दी, जिसमें प्रवासियों और शरण चाहने वालों की निरन्तर दुर्दशा और सूडान से शरणार्थियों की वृद्धि पर ध्यान दिया गया.

सुरक्षा के मोर्चे पर, चाड के सैकड़ों भाड़े के सैनिक और विदेशी लड़ाके कथित तौर पर लीबिया से हटकर, चाड लौट गए हैं, हालाँकि, सूडान और विशाल साहेल क्षेत्र में संकट के कारण, लीबिया के दक्षिणी हिस्से में सुरक्षा स्थिति चिन्ताजनक बनी हुई है.

अब्दुलाये बाथिली ने कहा कि राजधानी त्रिपोली में "नाज़ुक सुरक्षा स्थिति" के लिए भी ख़तरा बना हुआ है, क्योंकि सुरक्षा पक्ष, रणनैतिक क्षेत्रों, ऐसे स्थानों पर "क्षेत्रीय नियंत्रण" हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं, जहां सैन्य अड्डे और सरकारी संस्थान स्थित हैं.