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‘एकजुट लीबिया, मतदान पेटी से ही उभरेगा, बन्दूक से नहीं’

लीबिया चुनाव में, बेनग़ाज़ी में मतदान करने के बाद अपनी बेटी की इंक लगी उंगली दिखाती एक महिला.
UNSMIL
लीबिया चुनाव में, बेनग़ाज़ी में मतदान करने के बाद अपनी बेटी की इंक लगी उंगली दिखाती एक महिला.

‘एकजुट लीबिया, मतदान पेटी से ही उभरेगा, बन्दूक से नहीं’

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र के राजनैतिक मामलों की प्रमुख रोज़मैरी डी कार्लो ने सोमवार को सुरक्षा परिषद को बताया है कि लीबिया, एकता और स्थिरता के रास्ते पर, इस समय एक नाज़ुक और भंगुर पड़ाव पर है. उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से लीबिया में राष्ट्रीय चुनावों को समर्थन देने में, एकजुट रहने का आग्रह किया है जो पिछले महीने स्थगित कर दिये गए थे.

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राजनैतिक व शान्तिनिर्माण मामलों की अवर महासचिव रोज़मैरी डी कार्लो ने, लीबिया मुद्दे पर तीन अलग-अलग स्तरों पर हो रहे सम्वादों में सकारात्मक घटनाक्रम का स्वागत किया, मगर ऐसी चुनौतियाँ भी रेखांकित कीं, जिन पर पार पाया जाना ज़रूरी है.

उन्होंने कहा, “बहुत से लीबियाई नागरिकों ने हमें बताया है कि स्थिरता और एकता की दिशा में जाने वाला रास्ता, मतदान पेटी से होकर जाता है, नाकि बन्दूक से होकर. हमें उनके समर्थन में खड़े होना होगा.”

स्थगित चुनाव

ग़ौरतलब है कि काफ़ी लम्बे समय से प्रतीक्षित - 24 दिसम्बर 2021 को होने वाले राष्ट्रपति पद के लिये चुनाव, राजनैतिक हस्तियों के बीच बढ़ते ध्रुवीकरण और मतदान प्रक्रिया के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर उठे विवादों के बीच स्थगित करने पड़े थे.

देश के चुनाव आयोग ने क़ानूनी ढाँचे में कुछ ख़ामियों के साथ-साथ, राजनैतिक व सुरक्षा चिन्ताएँ भी व्यक्त की थीं.

इस मुद्दे का समाधान तलाश करने के लिये, प्रतिनिधि सदन ने एक रोडमैप समिति गठित की है जो, एक चुनाव कार्यक्रम और प्रक्रिया परिभाषित करने का एक नया राजनैतिक रास्ता सुझाएगी.

नई विशेष सलाहकार

स्टैफ़नी विलियम्स को दिसम्बर में, लीबिया के लिये विशेष सलाहकार नियुक्त किया गया था. ध्यान रहे कि स्टैफ़नी विलियम्स वर्ष 2021 के दौरान, लीबिया के लिये विशेष प्रतिनिधि और देश में संयुक्त राष्ट्र के सहायता मिशन – UNSMIL की मुखिया के रूप में काम कर चुकी हैं.

तेल सम्पन्न देश लीबिया, वर्ष 2011 में तत्कालीन शासक मुअम्मार ग़द्दाफ़ी को सत्ता से हटाए जाने के बाद से ही, अनेक तरह के संकटों में घिरा हुआ है. 

देश में, हाल के वर्षों में, विभिन्न प्रतिद्वन्द्वी प्रशासनिक धड़ों के बीच विभाजन देखा गया है. इनमें एक पक्ष है - राष्ट्रीय समझौते वाली सरकार जिसे संयुक्त राष्ट्र का समर्थन हासिल है जो राजधानी त्रिपोली में केन्द्रित है.

दूसरा पक्ष है – स्वयंभू लीबियाई राष्ट्रीय सेना LNA), जिसका नेतृत्व जनरल ख़लीफ़ा हफ़्तार करते हैं.

लीबिया की राजधानी त्रिपोली के बाब अल अज़ीज़ियाह के मलबे में खेलता-कूदता एक लड़का.
© UNICEF/Giovanni Diffidenti
लीबिया की राजधानी त्रिपोली के बाब अल अज़ीज़ियाह के मलबे में खेलता-कूदता एक लड़का.

स्टैफ़नी विलियम्स ने दोहराते हुए कहा है कि अब राजनैतिक प्रक्रिया का मुख्य ज़ोर, कम से कम सम्भव समय में - स्वतंत्र, निष्पक्ष, समावेशी और भरोसेमन्द राष्ट्रीय चुनाव कराना होना चाहिये.

संयुक्त राष्ट्र के राजनैतिक मामलों की प्रमुख रोज़मैरी डी कार्लो ने बताया कि विशेष सलाहकार स्टैफ़नी विलियम्स ने, अपनी तमाम बैठकों में ऐसे लगभग 28 लाख लीबियाई नागरिकों को रेखांकित किया है जिन्होंने मतदान के लिये अपना पंजीकरण कराया है.

रोज़मैरी डी कार्लो ने सभी से, लीबियाई लोगों की इच्छा का सम्मान करने की पुकार लगाई और लीबियाई राजनैतिक सम्वाद मंच रोडमैप में सहमत समय सीमा का भी पालन करने का आग्रह किया है. इस रोडमैप को सुरक्षा परिषद मंज़ूर कर चुकी है.

उन्होंने ने कहा कि देश भर से राजनैतिक, सुरक्षा और आर्थिक हस्तियों के बीच जारी सम्वाद, एक महत्वपूर्ण कुंजी है.

सुरक्षा व मानवाधिकार स्थिति

राजनैतिक मामलों की प्रमुख ने सुरक्षा परिषद को बताया कि अलबत्ता युद्धविराम जारी है, मगर चुनावों के नज़दीक आते-आते राजनैतिक अनिश्चितता ने, व्यापक सुरक्षा स्थिति को नकारात्मक रूप में प्रभावित किया है, और इसमें राजधानी त्रिपोली भी शामिल है.

उन्होंने बताया कि इन हालात के कारण, राष्ट्रपति पद के कुछ ख़ास उम्मीदवारों के लिये वफ़ादार सशस्त्र गुटों में, अपनी वफ़ादारियाँ बदलने का चलन देखा गया है.

साथ ही, लीबिया में यूएन सहायता मिशन (UNSMIL) ने सर्टे में, एक युद्धविराम निगरानी हब स्थापित करने का अपना काम, तमाम व्यापक ढाँचागत और सुरक्षा चुनौतियों के बावजूद जारी रखा है. 

उन्होंने कहा कि लीबिया में मानवाधिकार स्थिति बहुत चिन्ताजनक बनी हुई है. उन्होंने चुनाव सम्बन्धी हिंसा और राजनैतिक वफ़ादारियों के आधार पर होने वाली घटनाओं का ज़िक्र किया, जो स्वतंत्र, निष्पक्ष, शान्तिपूर्ण और भरोसेमन्द चुनाव कराने में बाधा हैं.

“हम विशेष रूप से ऐसी महिलाओं और पुरुषों को लेकर चिन्तित हैं जो महिलाधिकारों को बढ़ावा देने के लिये काम कर रहे हैं और उन्हें नफ़रत फैलाव, अपमान व हिंसा का निशाना बनाने के लिये उकसावे का सामना करना पड़ रहा है.“

लीबिया में एक हिरासत केन्द्र में बैठे हुए प्रवासी जन. (फ़ाइल फ़ोटो)
© UNICEF/Alessio Romenzi
लीबिया में एक हिरासत केन्द्र में बैठे हुए प्रवासी जन. (फ़ाइल फ़ोटो)