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WFP: अफ़ग़ानिस्तान लौटने वाले शरणार्थियों के लिए मदद मुस्तैदी

पाकिस्तान सरकार के आदेश के बाद, लाखों अफ़ग़ान शरणार्थियों को, स्वदेश वापिस लौटना पड़ रहा है. (अक्टूबर/नवम्बर 2023).
Mehrab Afridi
पाकिस्तान सरकार के आदेश के बाद, लाखों अफ़ग़ान शरणार्थियों को, स्वदेश वापिस लौटना पड़ रहा है. (अक्टूबर/नवम्बर 2023).

WFP: अफ़ग़ानिस्तान लौटने वाले शरणार्थियों के लिए मदद मुस्तैदी

प्रवासी और शरणार्थी

संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने गुरूवार को बताया है कि एजेंसी, पाकिस्तान से वापिस लौटने वाले अफ़ग़ान परिवारों को सीमा पर आपातकालीन सहायता मुहैया करा रही है, अलबत्ता, कड़ाके की सर्दी नज़दीक होने और खाद्य सहायता अभियान के लिए धन की भारी कमी के कारणइन लोगों को सहायता आपूर्ति अधर में लटकी हुई है.

ग़ौरतलब है कि पाकिस्तान सरकार ने अक्टूबर 2023 में घोषणा की थी कि ऐसे विदेशी लोगों को देश से बाहर निकाला जाएगा, जिनके पास ठोस दस्तावेज़ नहीं थे. ये आदेश 1 नवम्बर 2023 से लागू हो चुका है. 

इस आदेश से प्रभावितों में ऐसे लाखों अफ़ग़ान नागरिक भी हैं जो अनेक वर्षों से पाकिस्तान में रह रहे थे.

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सीमा पार करने वाले अधिकांश परिवार भूखे, हताश और तत्काल सहायता की आवश्यकता वाले हैं.

विश्व खाद्य कार्यक्रम, ने आने वाले सभी परिवारों को भोजन या अन्य बुनियादी ज़रूरतों को खरीदने के लिए नक़दी के साथ-साथ, पोषण बिस्कुट इत्यादि की आपूर्ति जारी रखी है. एजेंसी, इस महीने पहले ही, लगभग ढाई लाख लोगों की सहायता कर चुकी है.

WFP की अफगानिस्तान देश निदेशक हसियाओ-वी ली ने कहा है, "अफ़ग़ानिस्तान में डब्ल्यूएफ़पी के कार्यक्रम को पहले से ही धन की क़िल्लत का सामना करना पड़ रहा  है और अतिरिक्त धन उपलब्धता के बिना, हम इन परिवारों को अपना समर्थन जारी नहीं रख पाएंगे, जो केवल कुछ बुनियादी चीज़ों और कुछ अदद रोटियों के साथ अपनी यात्रा करके, सीमा पर पहुँच रहे हैं."

उन्होंने कहा, “ये परिवार सबसे बुरे समय में अफ़ग़ानिस्तान पहुँच रहे हैं और ऐसे देश में अन्धकारमय भविष्य का सामना कर रहे हैं जहाँ एक तिहाई लोगों को नहीं मालूम उनकी अगली भोजन ख़ुराक कहाँ से आएगी.”

“ये परिवार, अपने घरों और आजीविकाओं को छोड़कर, ऐसे देश में दोबारा शुरुआत करने के लिए लौट रहे हैं जहाँ उन्हें बहुत कम आर्थिक अवसर उपलब्ध हैं और जहाँ बहुत से लोग, जीवित रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.”

तोरख़म सीमा चौकी के ज़रिए वापिस लौटने वाले शरणार्थियों में से एक शाहिद ख़ान का कहना था कि वो पाकिस्तान में 14 वर्षों से रह रहे थे. "और अचानक जैसे सभी वहाँ से छोड़कर भागने की जल्दी में नज़र आए. अधिकारियों ने हमें अपने दस्तावेज़ भी साथ रखने की इजाज़त नहीं दी."

तोरख़म सीमा चौकी पर ही एक अन्य अफ़ग़ान शरणार्थी अजमल का कहना था, "अधिकारियों ने हमें, देश छोड़ने के लिए केवल दो घंटे का समय दिया, इसलिए हमने अपना सामान ट्रक पर लादा, और जितना जल्दी हो सका, हम वहाँ से निकल गए."

सहायता सीमित करने की विवशता

यूएन खाद्य कार्यक्रम का कहना है कि धन की इस भारी कमी के कारण, एजेंसी को अपनी आपातकालीन खाद्य सहायता से, एक करोड़ डॉलर, की कटौती करने के लिए मजबूर होना पड़ा, और अब जीवित रहने के लिए सहायता की आवश्यकता वाले, केवल पाँच में से केवल एक ही व्यक्ति को सहायता मिल सकती है.

देश निदेशक हसियाओ-वी ली ने कहा, "कड़ाके की सर्दी बस कुछ ही सप्ताह दूर होने के कारण, स्थिति विशेष रूप से गम्भीर है और देश अब भी, हाल के समय में आए विनाशकारी भूकम्पों, क्षतिग्रस्त अर्थव्यवस्था और बिगड़ते जलवायु संकट से जूझ रहा है."

"हमें पाकिस्तान से अफ़ग़ानिस्तान लौटने वाले दस लाख लोगों की सहायता के लिए और उन्हें सर्दियों में मदद करने के लिए तत्काल 2.75 करोड़ डॉलर की आवश्यकता है.”

विश्व खाद्य कार्यक्रम, पाकिस्तान से लापिस लौटने वाले लोग, जिन क्षेत्रों में पहुँच रहे हैं, वहाँ परिवारों को महीने भर चलने वाला रसद या दो सप्ताह तक के भरण-पोषण के लिए नक़दी मुहैया करा रहा है.

इस सहायता में, शिशुओं व बच्चों व गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए, पोषण सेवाएँ भी शामिल हैं.