मानवीय सहायता उड़ानों का काबुल पहुँचना, संकट में एक अहम मोड़: WFP
संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने मंगलवार को कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान में, 15 अगस्त को, सत्ता पर तालेबान का नियंत्रण स्थापित हो जाने के बाद, काबुल के लिये मानवीय सहायता सामग्री ले जाने वाली विमान उड़ानें शुरू होना, संकट काल में एक महत्वपूर्ण मोड़ है.
यूएन खाद्य एजेंसी के प्रवक्ता टॉमसन फ़ीरी ने, जिनीवा से बात करते हुए बताया कि अफ़ग़ानिस्तान में 90 प्रतिशत से ज़्यादा परिवारों को, भरपेट भोजन हासिल करने के लिये जद्दोजहद करनी पड़ रही है.
.@WFP-led United Nations Humanitarian Air Service has resumed flights to #Kabul, enabling humanitarian responders and much-needed relief items to reach desperate Afghans in multiple locations across the country. Over 90% of families are struggling to eat enough.#stayanddeliver pic.twitter.com/4bA2LzewN6
UNGeneva
और सर्दियों का मौसम बहुत जल्द आने वाला है, सहायता एजेंसियाँ, बहुत ज़्यादा देर हो जाने से पहले, विशालकाय ज़रूरतों को पूरा करने के लिये पर्याप्त सहायता सामग्री उपलब्ध कराने के लिये देश भर में सक्रिय है.
12 सितम्बर को काबुल हवाई अड्डा फिर से खुल जाने के बाद, विश्व खाद्य कार्यक्रम के नेतृत्व में यूएन मानवीय वायु सेवा (UNHAS) के मालवाहक विमानों की तीन उड़ानें पूरी हुई हैं.
इन विमानों में, विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मुहैया कराई गई चिकित्सा सामग्री अफ़ग़ानिस्तान पहुँचाई गई है.
यूएन खाद्य एजेंसी के प्रवक्ता टॉमसन फ़ीरी ने कहा कि इन विमान उड़ानों के ज़रिये सहायता सामग्री, अफ़ग़ानिस्तान में पहुँचने के बाद, देश भर में, अनेक स्थानों पर सहायतकर्मियों के लिये, हताश और परेशान लोगों तक सहायता सामग्री पहुँचा पाना आसान हुआ है.
उन्होंने बताया कि इससे पहले, यूएन मानवीय वायु सेवा ने 29 अगस्त के बाद से ही, पाकिस्तान के इस्लामाबाद शहर से, अफ़ग़ानिस्तान के मज़ारे शरीफ़, कन्दाहार और हेरात तक उड़ानें भरी थीं.
त्रासदी टालने के लिये और ज़्यादा की ज़रूरत
अफ़ग़ानिस्तान के विभिन्न इलाक़ों में, विश्व खाद्य कार्यक्रम के छह ठिकाने क़ायम हैं, जिनके ज़रिये, एजेंसी अपने सहायता अभियान तेज़ कर रही है.
खाद्य सामग्री से भरे काफ़िले, देश भर में अनेक स्थानों पर पहुँच रहे हैं और केवल अगस्त महीने में ही, चार लाख से ज़्यादा लोगों को सहायता मुहैया कराई गई.
मगर प्रवक्ता का ये भी कहना है कि एक मानवीय त्रासदी को टालने के लिये, अभी और भी ज़्यादा किये जाने की ज़रूरत है.
“अगर हमें वर्ष 2021 के अन्त तक, एक करोड़ 40 लाख लोगों तक सहायता पहुँचानी है तो उसके लिये, नवम्बर तक, लगभग 90 लाख लोगों तक सहायता के साथ पहुँचना होगा है.”
यूएन खाद्य एजेंसी के प्रवक्ता ने कहा कि मानवीय वायु सेवा जारी रखने के लिये, क़रीब तीन करोड़ डॉलर की रक़म की ज़रूरत होगी.
उसके अलावा, देश भर में सर्दियों का मौसम शुरू होने से पहले, खाद्य सामग्री की आपूर्ति श्रृंखला जारी रखने और परिवहन ज़रूरतें पूरी करने के लिये, लगभग 20 करोड़ डॉलर की रक़म की ज़रूरत होगी.
अभियान तेज़ हुए
प्रवक्ता के अनुसार, एजेंसी ने वर्ष 2021 शुरू होने से लेकर अब तक, 64 लाख से ज़्यादा लोगों की मदद की है जिनमें, देश के भीतर ही विस्थापित हुए, लगभग चार लाख 70 हज़ार ऐसे लोग भी शामिल हैं.
इनमें एक लाख 70 हज़ार ऐसी महिलाएँ है जो या तो गर्भवती हैं या फिर नवजात शिशुओं को अपना दूध पिलाती हैं.
इनमें लगभग साढ़े सात करोड़ ऐसे बच्चे भी हैं जिन्हें कुपोषण से उबरने के लिये इलाज की ज़रूरत है, या जो कुपोषित हो जाने के जोखिम का सामना कर रहे हैं.
यूएन खाद्य एजेंसी ने अगस्त का महीना शुरू होने पर, 34 अतिरिक्त सचल स्वास्थ्य टीमें तैनात की हैं जिन्हें मिलाकर, ऐसे सचल चिकित्सा दलों की कुल संख्या 117 हो गई है.
विश्व खाद्य कार्यक्रम ने, 15 अगस्त से लेकर 7 सितम्बर तक, लगभग 60 हज़ार लोगों को खाद्य और पोषण सहायता मुहैया कराई है.
इनमें साढ़े तेरह हज़ार बच्चों को स्कूल में भोजन ख़ुराक मुहैया कराने का कार्यक्रम भी शामिल हैं. इस सहायता से लाभान्वित होने वालों में, लगभग एक लाख 5 हज़ार माताएँ और छोटे बच्चे भी हैं.
एजेंसी ने इसी अवधि के दौरान, खाद्य और चिकित्सा सामग्री से भरे 29 ट्रक भी अफ़ग़ानिस्तान पहुँचाए हैं. इनमें कुपोषण की रोकथाम व इलाज के लिये सामग्री भी शामिल है.
यूएन खाद्य एजेंसी के प्रवक्ता ने कहा कि उच्च खाद्य ज़रूरत उत्पन्न होने और आपूर्ति श्रृंखला में आगे भी बाधा उत्पन्न होने की आशंका के मद्देनज़र, खाद्य सामग्री व अन्य सामान का भण्डार, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज़बेकिस्तान में, रणनैतिक नज़रिये से महत्वपूर्ण ठिकानों पर तैयार रखे गए हैं.
उज़बेकिस्तान के तरमेज़ इलाक़े में, पाँच हज़ार वर्ग मीटर के दायरे में फैला एक सुविधा केन्द्र भी स्थापित किया जा रहा है.