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पाकिस्तान से अफ़ग़ान शरणार्थियों की बेदख़ली रोकने का आग्रह

पाकिस्तान के बेदख़ली आदेश के बाद, अफ़ग़ान शरणार्थी स्वदेश वापसी के लिए. (2023)
Mehrab Afridi
पाकिस्तान के बेदख़ली आदेश के बाद, अफ़ग़ान शरणार्थी स्वदेश वापसी के लिए. (2023)

पाकिस्तान से अफ़ग़ान शरणार्थियों की बेदख़ली रोकने का आग्रह

प्रवासी और शरणार्थी

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने, पाकिस्तान से अफ़ग़ान शरणार्थियों की बेदख़ली स्थगित करने का आग्रह किया है. उन्होंने बुधवार को, उन अफ़ग़ान नागरिकों के लिए संरक्षण सुनिश्चित करने का भी आहवान किया है जिन्हें अफ़ग़ानिस्तान वापिस लौटने पर अत्याचार या उत्पीड़न का सामना करना पड़ सकता है.

ग़ौरतलब है कि पाकिस्तान ने, देश में रहने वाले ऐसे विदेशियों को, 1 नवम्बर 2023 तक देश से बाहर निकल जाने का आदेश जारी किया हुआ है, जिनके पास दस्तावेज़ नहीं हैं. इनमें बहुत से अफ़ग़ान नागरिक भी हैं.

यूएन मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर टर्क ने ऐसी ख़बरों पर गहन चिन्ता व्यक्त की है, जिनमें कहा गया है कि ये बेदख़ली किए जाते समय, लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है, मनमाने तरीक़े से उनकी गिरफ़्तारियाँ की जा रही हैं और उन्हें बन्दी बनाया जा रहा है, सम्पत्ति को नुक़सान पहुँचाया जा रहा है और धन की जबरन वसूली भी की जा रही है.

वोल्कर टर्क ने कहा, "ये नए घटनाक्रम, पाकिस्तान की दशकों से चली आ रही, अफ़ग़ान शरणार्थियों की मेज़बानी और उनके लिए दरियादिली की परम्परा के विपरीत है, जिसमें लाखों अफ़ग़ान शरणार्थियों को देश में पनाह मिली हुई थी."

यूएन मानवाधिकार प्रमुख ने, बेदख़ली का शिकार होने वाले लोगों के साथ दुर्व्यहार के आरोपों की जाँच, क़ानून प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा कराए जाने का आहवान किया है.

उन्होंने साथ ही, ऐसे अफ़ग़ान नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, निर्धारित सिद्धान्तों का पालन करने की भी पुकार लगाई है जो अफ़ग़ानिस्तान में लौटकर, ख़तरे का सामना करें. इन सिद्धान्तों के तहत, शरणार्थियों को उनके मूल देशों को वापिस नहीं भेजा जाना चाहिए, जहाँ उनके वापिस लौटने पर, उनके लिए ख़तरा हो.

विशेष रूप में, अफ़ग़ान महिलाएँ व लड़कियाँ, पूर्व सरकारी अधिकारी और सुरक्षा कर्मचारि, जातीय व धार्मिक अल्पसंख्यक, मानवाधिकार पैरोकार, सिविल सोसायटी कार्यकर्ता और मीडिया कर्मी जोखिम के दायरे में हैं.

वोल्कर टर्क ने यह भी ज़ोर दिया कि अफ़ग़ानिस्तान में सत्ताधीन प्रशासन को ये सुनिश्चित करना होगा कि, इन व्यक्तियों को, अफ़ग़ानिस्तान में वापिस लौटने के बाद, निशाना नहीं बनाया जाए.