Pakistan

पाकिस्तान में नाइट्रोजन प्रबन्धन से, प्राकृतिक स्थानों को पुनर्जीवित करने की कोशिश.
Tariq Aziz

दक्षिण एशिया में नाइट्रोजन प्रदूषण की रोकथाम ज़रूरी

नाइट्रोजन एक दोधारी तलवार है. यह उर्वरकों का एक प्रमुख तत्व है और गेहूँ व मक्का जैसी आवश्यक फ़सलों के विकास में मदद देता है. मगर, बहुत अधिक नाइट्रोजन से वायु प्रदूषित हो सकती है, मिट्टी नष्ट हो सकती है और समुद्र में बेजान "मृत क्षेत्र" पैदा हो सकता है. पाकिस्तान के फ़ैसलाबाद शहर के कृषि विश्वविद्यालय में खेती में नाइट्रोजन उपयोग के प्रमुख विशेषज्ञ तारिक़ अज़ीज, 'दक्षिण एशिया नाइट्रोजन हब' के मुख्य भागीदार भी हैं, जो आठ देशों में नाइट्रोजन के टिकाऊ उपयोग का समर्थन करता है. यूएन पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने तारिक़ अज़ीज से इस दिशा में उनके प्रयासों और पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली के विषय में विस्तार से बातचीत की.

डेलिन चिमेन्या (बाएँ) पाकिस्तान में एक परिवार के साथ, जहाँ बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई गई है.
© UNICEF Pakistan

पाकिस्तान में पोलियो की चुनौती में अफ़वाहों से भी मुक़ाबला

इन्सान को अपाहिज बना देने वाली, और कभी-कभी तो जानलेवा साबित होने वाली बीमारी पोलियो दुनिया के ज़्यादातर देशों में ख़त्म की जा चुकी है, मगर पाकिस्तान में ये अब भी एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या बनी हुई है. इसका एक बड़ा कारण ये भी है कि पाकिस्तान की आबादी का एक बड़ा हिस्सा पोलियो से बचाने वाली दवा के टीके लगवाने का विरोध करता है. संयुक्त राष्ट्र बाल कोष यूनीसेफ़ ने पाकिस्तान में पोलियो को जड़ से मिटाने और लोगों की ज़िन्दगियाँ बचाने के लिये एक ताज़ा अभियान शुरू किया है. ये अभियान चलाने वाली टीम के एक सदस्य और स्वास्थ्यकर्मी डेनिस चिमेन्या ने यूएन न्यूज़ के साथ ख़ास बातचीत की...