वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

यूएन पुलिस को, अनेक चुनौतियों के बीच, अधिक समर्थन की दरकार

यूएन पुलिस के अधिकारी, माली के पूर्वोत्तर इलाक़े - मेनका में गश्त लगाते हुए.
UN Photo/Harandane Dicko
यूएन पुलिस के अधिकारी, माली के पूर्वोत्तर इलाक़े - मेनका में गश्त लगाते हुए.

यूएन पुलिस को, अनेक चुनौतियों के बीच, अधिक समर्थन की दरकार

यूएन मामले

संयुक्त राष्ट्र पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने ज़ोर देकर कहा है कि बहुपक्षवाद और शान्तिरक्षा दोनों को दरपेश चुनौतियों के मद्देनज़र, यूएन ध्वज की छाया में काम करने वाले पुलिस अधिकारियों को अधिक तैयार, आधुनिक उपकरणों व संसाधनों से सुसज्जित रखने जाने की ज़रूरत है.

Tweet URL

संयुक्त राष्ट्र के पुलिस प्रभागों के अध्यक्षों ने, मंगलवार को सुरक्षा परिषद में वार्षिक बैठक में ये बात कही है. ये अध्यक्ष विभिन्न मिशनों में सेवारत हैं.

संयुक्त राष्ट्र के शान्ति अभियानों के अवर महासचिव जियाँ पियर लैक्रोआ ने, सुरक्षा परिषद की इस वार्षिक बैठक का आरम्भ, शान्तिरक्षा अभियानों को निरन्तर बदलती परिस्थितियों के अनुरूप ढालने और उन्हें बेहतर बनाने की महत्ता को रेखांकित करते हुए किया. 

विशिष्ट प्रतिक्रियाओं की दरकार

जियाँ पियर लैक्रोआ ने कहा, “वर्तमान में वैश्विक शान्ति, सुरक्षा और विकास के लिए दरपेश अनेक चुनौतियाँ, असाधारण और विशिष्ट पुलिस प्रतिक्रियाओं की ज़रूरत पेश करती हैं.”

“इन चुनौतियों में दुनिया भर में क़ानून के शासन के लिए घटता सम्मान, भ्रष्टाचार, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून की अनदेखी, देशों के दायरे से भी परे सक्रिय संगठित अपराध, मानवाधिकारों पर हमले, और नागरिक स्थान में संकुचन शामिल हैं.”

जियाँ पियर लैक्रोआ ने ध्यान दिलाते हुए कहा कि यूएन शान्ति अभियानों के कुल कार्य प्रदर्शन पर नवीनतम रिपोर्ट में, उनके शासनादेश और उनकी वास्तविक क्षमता के बीच के अन्तर को रेखांकित किया गया है. कुछ मिशनों के लिए तो ये अन्तर, बहुत महत्वपूर्ण बन गया है.

इसके प्रतिक्रियास्वरूप, संयुक्त राष्ट्र, शान्तिरक्षा के लिए कार्रवाई (A4P) एजेंडा के माध्यम से, प्रभावशीलता को मज़बूत करना जारी रखेगा, जिसमें विशेष रूप से, A4P+ रणनीति शामिल है.

सुरक्षा परिषद का समर्थन अहम

जियाँ पियर लैक्रोआ ने हालाँकि आगाह करते हुए ये भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र के शान्तिरक्षा अभियान, केवल अपने दम पर, एक सीमित उपलब्धि ही हासिल कर सकते हैं.

उन्होंने कहा, “विश्व के अनेक हिस्सों में हिंसक टकराव बढ़ रहा है...ये सबकुछ बढ़ते भूराजनैतिक तनावों के बीच हो रहा है, जोकि इस परिषद में भी देखने को मिल रहा है.”

इसके परिणामस्वरूप, यूएन अभियान, शान्तिरक्षा के तत्कालीन लक्ष्य ही प्राप्त कर सकते हैं, जिनमें युद्धविरामों का संरक्षण, आम लोगों की सुरक्षा, स्थानीय टकरावों में मध्यस्थता करना और जहाँ सम्भव हो, संस्थानों को मज़बूत करना शामिल है.

उन्होंने कहा, “स्वभाविक रूप से, ये बहुत अहम लक्ष्य हैं, मगर यूएन शान्तिरक्षा का, वृहद लक्ष्य, टकराव के टिकाऊ राजनैतिक समाधान तलाश करना है.”

“जहाँ हमारे मिशन तैनात हैं, वहाँ राजनैतिक समाधानों के लिए, सदस्य देशों, विशेष रूप में सुरक्षा परिषद के एकजुट राजनैतिक समर्थन के बिना, हम टकरावों असर कुछ कम कर सकते हैं, उन्हें हल नहीं कर सकते.   ”