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इसराइल-ग़ाज़ा: यूएन प्रमुख की युद्धविराम पुकार; ग़ाज़ा में मानवीय राहत पहुँचाए जाने की अनुमति

 ग़ाज़ा में सहायता आपूर्ति के लिए, यूएन सहायता कर्मी सामान लादते हुए.
© WFP/Amira Moussa
ग़ाज़ा में सहायता आपूर्ति के लिए, यूएन सहायता कर्मी सामान लादते हुए.

इसराइल-ग़ाज़ा: यूएन प्रमुख की युद्धविराम पुकार; ग़ाज़ा में मानवीय राहत पहुँचाए जाने की अनुमति

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने मध्य पूर्व में, मौजूदा इसराइल-ग़ाज़ा युद्ध में, अत्यन्त भीषण मानवीय पीड़ा को कम करने के लिए, बुधवार को तत्काल एक युद्धविराम लागू किए जाने की पुकार लगाई है. विश्व खाद्य संगठन के प्रमुख ने अमेरिका और इसराइल के बीच समझौते की ख़बरों का स्वागत किया है, जिसके बाद ग़ाज़ा पट्टी में मिस्र की सीमा के ज़रिये भोजन, जल और चिकित्सा सहायता पहुँचाई जा सकेगी.

एंतोनियो गुटेरेश ने चीन की राजधानी बीजिंग में कहा कि युद्धविराम लागू होने से, उन दो अपीलों पर अमल करने के लिए पर्याप्त समय और स्थान मिल सकेगा, जो उन्होंने इस सप्ताह के आरम्भ में की थीं: 

"हमास से ये अपील कि वो ग़ाज़ा में बन्धक बनाकर रखे गए लोगों को तत्काल व बिना शर्त रिहा कर दे, और इसराइल से ये अपील कि वो घेराबन्द ग़ाज़ा में, अत्यन्त भीषण मानवीय संकट को देखते हुए, तत्काल मानवीय सहायता का मार्ग उपलब्ध कराए." 

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यूएन महासचिव ने आगाह करते हुए कहा, “क्षेत्र इस समय अन्ध गर्त के मुहाने पर बैठा है.” 

यूएन प्रमुख की इस पुकार, एक दिन पहले ग़ाज़ा सिटी में अल-अहलि अस्पताल पर हुए एक प्रहार में, सैकड़ों लोगों के हताहत होने के एक दिन बाद आई है. उन्होंने उस प्रहार की तीखी निन्दा करते हुए ज़ोर दिया कि अस्पतालों और चिकित्सा कर्मियों को अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के अन्तर्गत संरक्षण प्राप्त है.

इस प्रहार के लिए दोनों पक्षों ने एक दूसर पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए हैं. ग़ाज़ा पर सत्ताधीन हमास ने इसके लिए इसराइली सेना को ज़िम्मेदार ठहराया है, जबकि इसराइली सेना ने प्रत्यारोप में, कहा है कि इस्लामी जेहाद नामक गुट द्वारा इसराइल की तरफ़ दागा गयाय रॉकेट, भटककर इस अस्पताल पर जा गिरा.

संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति जोसेफ़ बाइडेन इसराइल में पहुँच गए हैं, जहाँ उनकी मुलाक़ात प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतान्याहू से हुई है. राष्ट्रपति बाइडेन ने इसराइल को समर्थन का संकल्प व्यक्त किया है और कहा है कि वो ग़ाज़ा सिटी के अस्पताल में हुए घातक विस्फोट पर “बहुत व्यथित और क्रुद्ध” हैं.

ग़ाज़ा के लिए सहायता 

अमेरिकी राष्ट्रपति ने घोषणा की है कि इसराइल ने मिस्र की सीमा के ज़रिये ग़ाज़ा पट्टी में मानवीय राहत सामग्री पहुँचाए जाने की अनुमति दे दी है. समाचार माध्यमों के अनुसार, इसराइली प्रधानमंत्री के कार्यालय ने इसकी पुष्टि की है. 

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने अपने ट्वीट सन्देश में अमेरिकी नेतृत्व और ग़ाज़ा में अति आवश्यक राहत पहुँचाने की अनुमति देने के इसराइली फ़ैसले का स्वागत किया. उन्होंने ध्यान दिलाया कि बड़ी संख्या में लोग इस राहत सामग्री पर निर्भर हैं. 

मानवीय सहायता सामग्रियों से भरे अनेक ट्रक, ग़ाज़ा और मिस्र की सीमा पर स्थित रफ़ाह चौकी पर, क़तार लगाकर अटके खड़े हैं.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी – WHO के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने बुधवार को एक सन्देश में, सहायता सामग्री, सीमा पर चार दिन से अटके पड़े रहने की निन्दा की है.

उन्होंने कहा, “चिकित्सा सामग्री अन्दर पहुँचाने में हर एक क्षण की देरी के साथ, ज़िन्दगियों का नुक़सान हो रहा है.”

ग़ाज़ा में मानवीय सहायता की उपलब्धता के पक्ष में, अथक कूटनैतिक प्रयास जारी हैं, जिनके तहत संगठन के आपदा राहत प्रमुख मार्टिन ग्रिफ़िथ्स मिस्र में मौजूद हैं. यूएन प्रमुख भी गुरूवार को मिस्र की यात्रा करने वाले हैं.

मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने बुधवार को सोशल मीडिया मंचों पर लिखा है कि ग़ाज़ा के लोगों तक मानवीय सहायता पहुँचाया जाना, “ज़िन्दगी और मौत का एक मामला है”.

उन्होंने कहा, “ऐसा एक टिकाऊ, निर्बाध और अनुमानित तरीक़े से किया जाना, एक मानवीय अनिवार्यता है.”

ग़ाज़ा सिटी में इसराइली हमलों से हुई भारी तबाही का एक दृश्य.
© UNICEF/Eyad El Baba

अधर में लटकीं अनगिनत ज़िन्दगियाँ

ग़ाज़ा पट्टी क्षेत्र में भोजन, पानी और अति महत्वपूर्ण दवाएँ व चिकित्सा सामान बहुत तेज़ी से ख़त्म हो रहे हैं, जहाँ मौजूदा टकराव शुरू होने के बाद से, पूरी आबादी के लगभग एक चौथाई हिस्से को विस्थापित होना पड़ा है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंगलवार को कहा कि 35 अस्पतालों में से, चार अस्पताल हमलों में व्यापक विध्वंस के कारण काम करने योग्य नहीं बचे हैं.

फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन सहायता एजेंसी – UNRWA द्वारा संचालित 22 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में से, केवल 8 केन्द्र आंशिक रूप से काम करने योग्य हैं.

एंतोनियो गुटेरेश ने ज़ोर देकर कहा है कि ग़ाज़ा के लोगों की ‘सर्वाधिक बुनियादी ज़रूरतें’ पूरी करने के लिए सहायता सामग्री का तत्काल पहुँचाया जाना बहुत ज़रूरी है, जिनमें बड़ी संख्या महिलाओं और बच्चों की है.

उन्होंने कहा, “विशाल संख्या में ज़िन्दगियाँ – और सम्पूर्ण क्षेत्र का भाग्य – अधर में लटका हुआ है.”