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ग़ाज़ा में तत्काल मानवीय सहायता का रास्ता दिए जाने की पुकार

ग़ाज़ा में अल शिफ़ा अस्पताल का एक दृश्य. WHO ने आगाह किया है कि ग़ाज़ा में अस्पताल ठप हो जाने के निकट हैं.
WHO/Occupied Palestinian Territory
ग़ाज़ा में अल शिफ़ा अस्पताल का एक दृश्य. WHO ने आगाह किया है कि ग़ाज़ा में अस्पताल ठप हो जाने के निकट हैं.

ग़ाज़ा में तत्काल मानवीय सहायता का रास्ता दिए जाने की पुकार

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता कर्मियों ने, गुरूवार को चेतावनी जारी की है कि ग़ाज़ा भोजन, पानी, बिजली और अन्य अनिवार्य आपूर्तियाँ ख़त्म होने के कगार पर पहुँचने की स्थिति का सामना कर रहा है.

यूएन एजेंसियों का कहना है कि नाकाबन्दी का सामना कर रहे ग़ाज़ा क्षेत्र में रहने वाले 23 लाख लोगों के लिए, बाहर से सहायता नहीं पहुँच सकती है, और लगभग दो लाख 20 हज़ार विस्थापित जन, फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी – UNRWA द्वारा संचालित स्कूलों में पनाह लिए हुए हैं.

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तेज़ी से ख़त्म होते भंडार

मानवीय सहायता कर्मी ग़ाज़ा की आबादी को, अपनी पूर्ण क्षमता के साथ मदद पहुँचाने की कोशिश कर रहे हैं.

संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने कहा है कि एजेंसी, UNRWA के साथ मिलकर, बुधवार को, सभी 88 आश्रय स्थलों में, विस्थापित पौने दो लाख लोगों तक ब्रैड वग़ैरा पहुँचाए हैं. यूएन एजेंसियों का लक्ष्य, पूरे फ़लस्तीन क्षेत्र में, आठ लाख लोगों तक सहायता पहुँच बनाना है.

यूएन एजेंसियों ने ज़ोर दिया है कि उसके खाद्य भंडार तेज़ी से ख़त्म होते जा रहे हैं और उन्होंने सहायता की उपलब्धता के लिए मार्ग तत्काल मुहैया कराए जाने की पुकार लगाई है.

मानवीय सहायता कर्मियों की मौत

UNRWA ने गुरूवार को बताया कि ग़ाज़ा में, 7 अक्टूबर के बाद से मारे गए उसके सहायता कर्मियों की संख्या 12 हो गई है.

यूए एजेंसी ने अपने X मंच (पूर्ववर्ती ट्विटर) पर लिखा है, “हम इस हानि पर शोक सन्तप्त हैं और हमारे सहयोगियों और परिवारों के साथ मिलकर हम शोक में हैं.”

यूएन एजेंसी ने दोहराया है कि “यूएन स्टाफ़ और आम लोग, हर समय संरक्षित रहने चाहिए.”

हमास से बन्धकों को रिहा करने की पुकार

इस बीच, संयुक्त राष्ट्र द्वारा नियुक्त स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने, हमास से इसराइल पर किए गए हमले के दौरान बनाए गए बन्धकों को रिहा किए जाने की पुकारों में, गुरूवार को अपनी आवाज़ें भी मिलाई हैं.

उन्होंने फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा में भी आम लोगों को निशाना बनाना बन्द किए जाने की पुकारें भी लगाई हैं.

इन यूएन मानवाधिकार विशेषज्ञों ने हमास के भयंकर अपराधों के लिए तत्काल जवाबदेही निर्धारित किए जाने का भी आहवान किया है.

आम लोगों के विरुद्ध हिंसा निराधार

ग़ाज़ा में UNRWA द्वारा संचालित स्कूलों में पनाह लिए हुए लोगों को, खाद्य सामग्री का वितरण.
© WFP/Ali Jadallah

इन मानवाधिकार विशेषज्ञों ने ग़ाज़ा में फ़लस्तीनी आम लोगों पर इसराइल द्वारा किए जा रहे “अन्धाधुन्ध” हमलों और ग़ाज़ा पर पहले से जारी “ग़ैरक़ानूनी नाकाबन्दी” को और भी सख़्त किए जाने की भी तीखी भर्त्सना की है.

मानवाधिकार विशेषज्ञों ने कहा है, “ऐसी हिंसा को किसी भी आधार पर न्यायसंगत नहीं ठहराया जा सकता, जो निर्दोष आम लोगों को निशाना बनाए, चाहे वो हमास द्वारा हो या इसराइल सेनाओं द्वारा. यह अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के तहत बिल्कुल निषिद्ध है, और युद्धापराध की श्रेणी में रखे जा सकती है.”

यूएन मानवाधिकार विशेषज्ञों ने ग़ाज़ा में एक अत्यन्त गम्भीर मानवीय संकट और वहाँ की आबादी के लिए भुखमरी की एक ऐसी स्थिति उत्पन्न होने के बारे में आगाह किया है कि जिससे बचना मुश्किल होगा.

उन्होंने कहा कि “इरादतन भुखमरी की स्थिति उत्पन्न करना, मानवता के विरुद्ध अपराध है”.

गुरूवार को मीडिया ख़बरों के अनुसार, मौजूदा टकराव में अभी तक 2,400 लोगों की मौत हो चुकी है, और टकराव के अभी और भड़कने की आशंका है.

100 से अधिक इसराइली और विदेशी नागरिकों को, ग़ाज़ा में बन्धक बनाकर रखा गया है, जिनमें बच्चे और बुज़ुर्ग भी हैं.