इसराइल-फ़लस्तीन संकट: यूएन सहायता के लिए धरातल पर निरन्तर मुस्तैद
संयुक्त राष्ट्र, मध्य पूर्व क्षेत्र में इसराइल-फ़लस्तीन के बीच संकट में कमी लाने के लिए चौबीसों घंटे प्रयासरत है. इस क्रम में, सभी अहम पक्षों के साथ सम्पर्क व बातचीत जारी है और ज़मीनी स्तर पर आम नागरिकों को आपात सहायता प्रदान की जा रही है.
हाल के दिनों में यह संकट गहन हुआ है और हिंसा में तेज़ी आई है. इसराइल ने 20 लाख की आबादी वाले ग़ाज़ा में अपने ज़मीनी अभियान के दौरान भोजन, जल और अन्य अहम सेवाओं की नाकेबन्दी कर दी है.
सोमवार रात हुई इसराइली हवाई कार्रवाई में ग़ाज़ा में स्थित संयुक्त राष्ट्र कार्यालयों को बड़ी क्षति पहुँची है. गहराते टकराव के बीच यूएन एजेंसियाँ हिंसा प्रभावित आबादी और अन्य इलाक़ों में सहायता पहुँचाने में जुटी हैं.
इनमें पश्चिमी तट भी है, जोकि आठ लाख 71 हज़ार पंजीकृत शरणार्थियों का घर है.
फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन राहत एवं कार्य एजेंसी (UNRWA) में फ़िलहाल ग़ाज़ा में 13 हज़ार राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय कर्मचारी हैं, जिनमें से अधिकाँश स्वयं शरणार्थी हैं. वहीं पश्चिमी तट में चार हज़ार से अधिक यूएन कर्मचारी अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं.
इसके अतिरिक्त, सैकड़ों कर्मचारी, अन्य यूएन एजेंसियों के लिए काम करते हैं.
इसराइल-लेबनान का सीमावर्ती इलाक़ा अशान्ति से जूझ रहा है, जहाँ संयुक्त राष्ट्र शान्तिरक्षा मिशन (UNIFIL) तैनात है. इनमें नौ हज़ार 400 सैन्यकर्मी, 900 असैनिक स्टाफ़ और 850 नौसेना कर्मचारी हैं, जोकि इस मिशन की समुद्री टास्क फ़ोर्स का हिस्सा हैं.
इन इलाक़ों में ज़रूरतमन्दों तक सहायता पहुँचाने के लिए यूएन द्वारा किए जा रहे सक्रिय प्रयासों की एक झलक:
1. संरक्षण:
शनिवार के बाद से अब तक ग़ाज़ा में भीषण हवाई हमलों के कारण अब तक एक लाख 90 हज़ार से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं.
फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, UNRWA ने एक लाख 37 हज़ार पुरुषों, महिलाओं व बच्चों को अपने 288 में से 83 स्कूलों में शरण दी है.
मंगलवार तक, यूएन एजेंसी के 18 केन्द्रों पर पर हवाई हमलों के दौरान प्रत्यक्ष रूप से क्षति पहुँची हैं, और लोगों के मारे जाने व उनके घायल होने की भी ख़बरें हैं.
2. तनाव व टकराव में कमी
मध्य पूर्व शान्ति प्रक्रिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष समन्वयक समेत यूएन के शीर्ष अधिकारी, सभी सम्बद्ध पक्षों और अहम हितधारकों के साथ सम्पर्क व बातचीत कर रहे हैं. इनमें अमेरिका, क़तर, योरोपीय संघ समेत अन्य पक्ष हैं, ताकि हिंसक टकराव व तनाव में कमी लाई जा सके.
लेबनान में यूएन शान्तिरक्षा मिशन (UNIFIL), इसराइल-लेबनान सीमा के इर्दगिर्द उपज रहे सुरक्षा हालात पर क़रीबी नज़र बनाए हुए है, और आम नागरिकों को सोशल मीडिया के ज़रिये दिशानिर्देश व नवीनतम जानकारी प्रदान की जा रही है.
यूएन मिशन ने बताया कि सभी स्तरों पर सम्पर्क व समन्वय तंत्र सक्रियता से काम कर रहे हैं, ताकि लेबनान और इसराइल के बीच किसी ऐसी ग़लतफ़हमी से बचा जाए, जिससे हिंसा और भड़क उठे.
“हमारा ध्यान इस क्षण मुख्य रूप से इसी पर केन्द्रित है, और इसे हासिल करने के लिए हम 24/7 काम कर रहे हैं.”
3.आपात सेवाएँ
इसराइल ने सोमवार को ग़ाज़ा में भोजन, जल, ईंधन और बिजली आपूर्ति की नाकेबन्दी किए जाने की घोषणा की है. वहीं, यूएन एजेंसियों ने खाद्य वस्तुओं की क़िल्लत और गहराते संकट के प्रति एक चेतावनी जारी की है.
यूएन एजेंसी द्वारा जिन आश्रय स्थलों की व्यवस्था की गई है, वहाँ सचल शौचालयों (mobile toilets) और स्नान की व्यवस्था की गई है.
मानवीय राहत मामलों में संयोजन के लिए यूएन कार्यालय (OCHA) ने बताया कि ग़ाज़ा में फ़लस्तीनियों को प्रतिदिन केवल तीन से चार घंटे ही बिजली आपूर्ति हो पा रही है, जिससे स्वास्थ्य केन्द्रों में कार्य और घायलों का उपचार करने की क्षमता प्रभावित हो रही है.
4. भोजन
विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) और UNRWA ने ग़ाज़ा में विस्थापित लोगों तक आश्रय स्थलों में भोजन वितरित करने के लिए आपस में समन्वय स्थापित किया है.
UNRWA ने बताया कि लगभग पाँच लाख लोगों, या एक लाख 12 हज़ार परिवारों को, इस सप्ताह खाद्य रसद नहीं मिल पाई है, चूँकि यूएन एजेंसी के खाद्य वितरण केन्द्र अभी बन्द हैं.
विश्व खाद्य कार्यक्रम ने मंगलवार को ताज़ी ब्रेड, डिब्बाबन्द भोजन और खाने के लिए तैयार खाद्य सामग्री को UNRWA द्वारा संचालित शिविरों में एक लाख लोगों को वितरित करना शुरू किया है.
इस संख्या को बढ़ाकर, ग़ाज़ा और पश्चिमी तट में आठ लाख प्रभावितों तक राहत पहुँचाए जाने की योजना है.
5. स्वास्थ्य
आपात स्वास्थ्य देख सेवाओं को ग़ाज़ा में निशुल्क हॉटलाइन के ज़रिये मुहैया कराया जा रहा है. यूएन और साझेदार संगठनों ने जीवनरक्षक, आपात दवाओं व चिकित्सा आपूर्ति की व्यवस्था की है, ताकि ग़ाज़ा में स्वास्थ्य प्रणाली को बढ़ती ज़रूरतों को पूरा करने में सक्षम बनाया जा सके.
UNRWA द्वारा संचालित स्वास्थ्य केन्द्रों पर 125 स्वास्थ्यकर्मी अलग-अलग पाली में काम कर रहे हैं. 22 में से 15 क्लीनिक में सुबह 9 बजे से 12 बजे तक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएँ प्रदान की जा रही हैं.
मंगलवार को राहत एवं सामाजिक सेवाओं के लिए हेल्पलाइन का संचालन भी शुरू हो गया है, और मनोसामाजिक समर्थन व मनोचिकित्सकीय प्राथमिक सहायता को दूर से ही प्रदान किया जा रहा है.
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) के मनोसामाजिक विशेषज्ञ तैयार हैं, ताकि ग़ाज़ा और पश्चिमी तट में ज़रूरतमन्दों तक सहायता पहुँचाई जा सके.
यूएन एजेंसी ने बताया कि आवश्यक सेवाओं के लिए भारी मांग को देखते हुए स्थानीय समुदाय ने UNRWA से सभी बन्द स्वास्थ्य केन्द्रों को खोलने की अपील की है.
6. मानवीय राहत गलियारा
ग़ाज़ा में मानवीय सहायताकर्मियों और राहत आपूर्ति के लिए रास्ता इस सप्ताह बन्द हो गया.
क़ाबिज़ फ़लस्तीनी इलाक़े के लिए यूएन मानवीय राहत समन्वयक लिन हेस्टिंग्स ने बताया कि भीषण हिंसक टकराव के कारण मानवीय राहतकर्मियों के लिए ज़रूरतमन्दों तक सहायता पहुँचाने के लिए सीमित उपाय हैं.
इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन, अन्य यूएन एजेंसियों और साझेदार संगठनों ने ग़ाज़ा में प्रभावित आबादी की मानवीय सहायता आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक गलियारा स्थापित करने के अपने प्रयास जारी रखे हैं.