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इसराइल-ग़ाज़ा: सम्बद्ध पक्षों के साथ सम्पर्क में यूएन, सुरक्षा परिषद में विचार-विमर्श

ग़ाज़ा के केन्द्रीय इलाक़े में लपटों में घिरी एक इमारत.
UN News/Ziad Taleb
ग़ाज़ा के केन्द्रीय इलाक़े में लपटों में घिरी एक इमारत.

इसराइल-ग़ाज़ा: सम्बद्ध पक्षों के साथ सम्पर्क में यूएन, सुरक्षा परिषद में विचार-विमर्श

मानवीय सहायता

इसराइल और ग़ाज़ा में तेज़ी से बिगड़ते हालात और हिंसक टकराव के मद्देनज़र, मध्य पूर्व शान्ति प्रक्रिया के लिए विशेष समन्वयक ने बताया है कि वह अमेरिका, योरोपीय संघ, क़तर, मिस्र और लेबनान के साथ नज़दीकी सम्पर्क बनाए हुए हैं. संयुक्त राष्ट्र के ये प्रयास, तेज़ी से बदल रहे घटनाक्रम पर, रविवार को 15 सदस्य देशों वाली सुरक्षा परिषद में विचार-विमर्श के मद्देनज़र रहे जारी रहे.

चरमपंथी संगठन हमास ने शनिवार को ग़ाज़ा पट्टी से इसराइल में पाँच हज़ार से अधिक रॉकेट दागे और इसराइली इलाक़ों में दाख़िल होकर हमले किए, जिसमें सैकड़ों लोगों की मौत हुई है और बड़ी संख्या में लोगों के घायल होने की ख़बर है. 

फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन राहत एवं कार्य एजेंसी के अनुसार इन हमलों के जवाब में, इसराइली सरकार ने देश में युद्ध के हालात होने की घोषणा की है. 

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इसराइली सैन्य बलों ने ‘लौह तलवार’ (Iron Sword) नामक सैन्य अभियान छेड़ दिया है और ग़ाज़ा पट्टी पर हवाई, भूमि और समुद्री मार्ग से हमले किए गए हैं. ग़ाज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इस कार्रवाई में सैकड़ों लोगों की मौत हुई है और हज़ारों घायल हुए हैं.

विशेष समन्वयक टॉर वैनेसलैंड ने कहा कि इस समय प्राथमिकता आम नागरिकों की ज़िन्दगियों को बचाना और ग़ाज़ा पट्टी में मानवीय राहत को पहुँचाना है. संयुक्त राष्ट्र इन प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए सक्रियता से जुटा है.

उन्होंने बताया कि इसराइल और ग़ाज़ा में जारी लड़ाई पर चर्चा के लिए वह अमेरिका, योरोपीय संघ, क़तर, मिस्र और लेबनान के साथ सम्पर्क बनाए हुए हैं. 

खाद्य सुरक्षा हालात पर चिन्ता

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने हिंसक टकराव में तेज़ी आने से परिस्थितियाँ बद से बदतर होने की आशंका जताई है, जिससे बच्चों समेत आम नागरिकों के लिए खाद्य वस्तुओं का प्रबन्ध करना मुश्किल हो जाएगा.

यूएन एजेंसी ने सभी प्रभावित इलाक़ों में मानवीय राहतकर्मियों के लिए सुरक्षित व बिना किसी अवरोध के रास्ता मुहैया कराए जाने की अपील की है. साथ ही, ध्यान दिलाया है कि सभी पक्षों को अन्तरराष्ट्रीय मानवतावादी क़ानून के अनुरूप, आम नागरिकों के जीवन की रक्षा के लिए क़दम उठाने होंगे.

फ़लस्तीन के प्रभावित इलाक़ों में अधिकाँश दुकानों पर फ़िलहाल एक महीने का खाद्य भंडार है, मगर हिंसक टकराव लम्बा खिंचने की स्थिति में उसके जल्द समाप्त होने का जोखिम है. 

बिजली आपूर्ति में कटौती से भी खाद्य वस्तुओं के बर्बाद होने की आशंका है.

हालात पर नज़र

यूएन एजेंसी, 300 स्थानीय दुकानों के अपने नैटवर्क में खाद्य वस्तुओं की उपलब्धता व क़ीमतों की निगरानी कर रही है. 

विश्व खाद्य कार्यक्रम ने बताया है कि विस्थापित और शरण स्थलों पर रह रहे लोगों तक भोजन पैकेट पहुँचाने के लिए संगठन तैयार है, और सम्भव होने पर निर्बलों तक नियमित भोजन व नक़दी-आधारित सेवा भी सुनिश्चित की जा सकती है.

यूएन एजेंसी द्वारा प्रति माह लगभग साढ़े तीन लाख फ़लस्तीनियों को खाद्य सहायता प्रदान की जाती है और अन्य साझेदार संगठनों के साथ मिलकर 10 लाख फ़लस्तीनियों तक नक़दी आधारित हस्तांतरण प्लैटफ़ॉर्म के ज़रिये राहत पहुँचाई जाती है.

जून 2023 के बाद से, यूएन एजेंसी को खाद्य सहायता पाने वाले लोगों की संख्या में 60 प्रतिशत की कटौती के लिए मजबूर होना पड़ा, जिसकी वजह सहायता धनराशि का अभाव बताया गहया है.

इस वजह से, केवल डेढ़ लाख लोगों को ही कम मात्रा में राशन मिल पा रहा है.