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UNGA78: जनरल डिबेट सम्पन्न, संयुक्त राष्ट्र की प्रधानता पुष्ट

यूएन महासभा अध्यक्ष डेनिस फ़्रांसिस, 78वें सत्र की उच्च स्तरीय जनरल डिबेट की समापन बैठक को सम्बोधित करते हुए (26 सितम्बर 2023).
UN Photo/Cia Pak
यूएन महासभा अध्यक्ष डेनिस फ़्रांसिस, 78वें सत्र की उच्च स्तरीय जनरल डिबेट की समापन बैठक को सम्बोधित करते हुए (26 सितम्बर 2023).

UNGA78: जनरल डिबेट सम्पन्न, संयुक्त राष्ट्र की प्रधानता पुष्ट

यूएन मामले

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र की उच्च स्तरीय जनरल डिबेट, मंगलवार 26 सितम्बर को सम्पन्न हो गई, जिसमें विश्व नेताओं ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के सामने अलबत्ता संस्थागत चुनौतियाँ दरपेश हैं, मगर फिर भी ये विश्व संगठन, मानवता की चुनौतियों के सामूहिक समाधानों को आकार देने के लिए, एक प्रधान मंच बना हुआ है.

बीते सप्ताह के दौरान, वैश्विक सदस्यता वालली संयुक्त राष्ट्र की इस प्रधान संस्था में, देशों व सरकारों के प्रमुखों और प्रतिनिधियों ने, अनेक चुनौतियों का ख़ाका पेश किया. 

उनमें जलवायु परिवर्तन जैसे अस्तित्व सम्बन्धी जोखिम से लेकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के दुरुपयोग जैसी चुनौतियाँ शामिल थीं.

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अध्यक्ष डेनिस फ़्रांसिस ने, उच्च स्तरीय जनरल डिबेट को अपने समापन सम्बोधन में, दुनिया भर में लोगों के लिए, शान्ति, समृद्धि, प्रगति, और सततता सुनिश्चित करने में, यूएन महासभा और संयुक्त राष्ट्र की लगातार प्रासंगिकता को रेखांकित किया.

उन्होंने ज़ोर देकर कहा, “ये घटनाक्रम इस बात के स्वागत योग्य अनुस्मारक हैं कि संयुक्त राष्ट्र, हमारे दौर की सामूहिक चुनौतियों पर अपना ध्यान केन्द्रित किए हुए है.”

डेनिस फ़्रांसिस ने वैश्विक चुनौतियों का ज़िक्र करते हुए, शान्ति स्थापना और संघर्षग्रस्त देशों या समूहों के दरम्यान मैत्री संवाद में अपनी मदद पेश की. “आश्वस्त रहें कि मैं अपनी सेवा में तत्पर हूँ.”

भारी उपस्थिति

प्राथमिक आँकड़ों से मालूम होता है कि इस वर्ष के उच्च स्तरीय सप्ताह में, कोविड-19 महामारी के बाद, न्यूयॉर्क स्थित यूएन मुख्यालय में सबसे अधिक विश्व नेताओं की निजी मौजूदगी रही. इनमें 88 देशों के राष्ट्र प्रमुख, 42 देशों का सरकार प्रमुख, और 650 मंत्रियों ने यूएन मुख्यालय में उपस्थिति दर्ज कराई.

शीर्ष अधिकारियों ने इस विशाल उपस्थिति का लाभ उठाते हुए, दो हज़ार से अधिक द्विपक्षीय बैठकों का रास्ता आसान किया.

उससे भी अधिका, देशों के 13 हज़ार प्रतिनिधियों, मीडिया के 2,600 सदस्यों और 40 हज़ार से अधिक अन्य प्रतिभागियों ने, जनरल डिबेट व 100 से अधिक अन्य सम्बन्धित कार्यक्रमों के लिए पंजीकरण कराया था.

इसी तरह का एक बड़ा सम्मेलन था – 16-17 सितम्बर को, एसडीजी कार्रवाई सप्ताहान्त, जिसमें सिविल सोसायटी, व्यवसायों, युवजन, वैज्ञानिक, स्थानीय और क्षेत्रीय सरकारों व अन्य हितधारकों ने शिरकत की. इसमें 2030 के सतत विकास एजेंडा को वास्तविक रूप देने के लिए समन्वित प्रयासों को सक्रिय किया गया. ग़ौरतलब है कि सतत विकास एजेंडा, वर्ष 2015 में, 193 देशों ने अपनाया था.

दृढ़ संकल्प और प्रतिबद्धता

उप महासचिव आमिना जे मोहम्मद ने, उच्च स्तरीय सप्ताह के समापन पर पत्रकारों से बातचीत में, संसाधनों की महत्ता को रेखांकित किया.

उन्होंने कहा, “हमारे पास संसाधनों की क़िल्लत है, मगर इसीलिए तो हम एसडीजी प्रोत्साहन के लिए दम लगा रहे हैं. वो आसानी से पहुँच में आने वाला फल है. ये ऐसा कुछ है जो हम मौजूदा संसाधनों और संस्थाओं के सहारे कर सकते हैं. और मुझे आशा है कि वर्ष 2023 के अन्त तक, उस बारे में, हमारे पास कुछ कहने के लिए होगा.”

उप महासचिव ने इसके अलावा ध्यान दिलाया कि जलवायु महत्वाकांक्षा सम्मेलन में भी अनेक संकल्प लिए गए.