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परमाणु परीक्षण: 'विध्वसंक विरासत' पर विराम लगाए जाने का आहवान

जिनीवा में जुटे प्रदर्शनकारी परमाणु हथियारों का विरोध कर रहे हैं. (फ़ाइल)
ICAN/Lucero Oyarzun
जिनीवा में जुटे प्रदर्शनकारी परमाणु हथियारों का विरोध कर रहे हैं. (फ़ाइल)

परमाणु परीक्षण: 'विध्वसंक विरासत' पर विराम लगाए जाने का आहवान

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने मंगलवार, 29 अगस्त, को ‘परमाणु परीक्षणों के विरुद्ध अन्तरराष्ट्रीय दिवस पर’, इस विध्वंसक विरासत का अन्त किए जाने के लिए वैश्विक कार्रवाई का आहवान किया है.

यूएन प्रमुख ने इस अन्तरराष्ट्रीय दिवस पर अपने सन्देश में परमाणु परीक्षणों के पीड़ितों को याद करते हुए प्रमुख देशों से शान्तिपूर्ण व सैन्य उद्देश्यों के लिए इन परीक्षणों पर पाबन्दी लगाने वाली अन्तरराष्ट्रीय सन्धि पर मुहर लगाने का आग्रह किया है.

“आइए, हम परमाणु परीक्षण का सदैव के लिए अन्त करें.”

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महासचिव गुटेरेश ने कहा कि इस वर्ष, विश्व भर में चिन्ताजनक रफ़्तार से भरोसा दरक रहा है और विभाजन गहराता जा रहा है.

“दुनिया में फ़िलहाल लगभग 13 हज़ार परमाणु हथियारों का भंडार है और अनेक देश उनकी सटीकता, पहुँच और विध्वंस क्षमता को बेहतर बनाने के काम में जुटे हैं.” 

“यह सर्वनाश की तैयारी है.”

यूएन प्रमुख ने मौजूदा चुनौतियों के मद्देनज़र, और विश्व को परमाणु हथियारों से मुक्त एक विश्व की दिशा में क़दम बढ़ाने के लिए क़ानूनी रूप से बाध्यकारी, परमाणु परीक्षणों के उन्मूलन उपाय बल दिया है.

महासचिव गुटेरेश ने कहा कि ‘व्यापक परमाणु-परीक्षण प्रतिबन्ध सन्धि’ (CTBT) अभी लागू नहीं हुई है, मगर यह दुनिया को परमाणु सर्वनाश की छाया से बचाने के लिए मानवता की इच्छाशक्ति का परिचायक है.

यह सन्धि सितम्बर 1996 में हस्ताक्षर के लिए तैयार थी, मगर अभी यह अमल में नहीं आ पाई है, चूँकि इसे उन 44 देशों के हस्ताक्षर व अनुमोदन की प्रतीक्षा है, जिनके पास परमाणु टैक्नॉलॉजी है.

सन्धि के अनुमोदन पर ज़ोर

इनमें से आठ देशों – चीन, मिस्र, भारत, ईरान, इसराइल, कोरिया लोकतांत्रिक जनगणराज्य, पाकिस्तान, अमेरिका -- ने अभी तक इस सन्धि का अनुमोदन नहीं किया है.

महासचिव ने कहा कि वर्ष 1945 के बाद से अब तक, दो हज़ार से अधिक परमाणु परीक्षण किए गए हैं, जिनकी वजह से आम लोगों के लिए भयावह पीड़ा उत्पन्न हुई है.

जिस हवा में लोग साँस लेते हैं, वो ज़हरीली हो गई और विश्व भर में भूदृश्य तबाह हो गए.  

संयुक्त राष्ट्र के शीर्षतम अधिकारी ने कहा कि परमाणु परीक्षणों के विरुद्ध अन्तरराष्ट्रीय दिवस पर, दुनिया को इस विध्वंसक विरासत का अन्त करने के लिए एक स्वर में आवाज़ उठानी होगी. 

परमाणु हथियारों की छाया

संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष कसाबा कोरोसी ने न्यूयॉर्क में यूएन मुख्यालय में इस अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में महासचिव के सन्देश को दोहराया. 

उन्होंने कहा कि भरोसे की कमी है, भूराजनैतिक प्रतिस्पर्धा और सशस्त्र टकराव बढ़ रहे हैं, जिससे दुनिया में ख़तरे और भी बढ़े हैं, विशेष रूप से यूक्रेन में युद्ध के दौरान परमाणु हमले की धमकी के मद्देनज़र.

महासभा अध्यक्ष ने निरस्त्रीकरण की दिशा में व्यक्ति-केन्द्रित उपायों पर बल दिया है और कहा कि परमाणु हथियारों में निवेश, वैश्विक स्तर पर लिए जाने वाले संकल्पों से मेल नहीं खाता है, जिनमें सर्वजन के लिए एक सतत विश्व का सपना साकार करने की बात कही जाती है.

उनके अनुसार CTBT सन्धि दर्शाती है कि अभी कार्य पूरा नहीं हुआ है और शेष देशों को भी सन्धि पर हस्ताक्षर व उसका अनुमोदन करना होगा. 

वर्ष 2010 के बाद से यह अन्तरराष्ट्रीय दिवस हर साल 29 अगस्त को मनाया जाता है, जिस दिन 1991 में कज़ाख़्स्तान में सेमीपालातिन्स्क नामक एक परमाणु परीक्षण स्थल को बन्द कर दिया गया था. 

यहाँ चार दशकों के दौरान पूर्व सोवियत संघ में 450 से अधिक परमाणु उपकरणों में विस्फोट किया गया था.