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काला सागर: ओडेसा समेत अन्य यूक्रेनी बन्दरगाहों पर रूसी हमलों की कड़ी निन्दा

संयुक्त राष्ट्र द्वारा यूक्रेन के मिकोलाइव शहर में हमले से हुई क्षति का आकलन किया जा रहा है.
© UNOCHA/Volodymyr Tsololo
संयुक्त राष्ट्र द्वारा यूक्रेन के मिकोलाइव शहर में हमले से हुई क्षति का आकलन किया जा रहा है.

काला सागर: ओडेसा समेत अन्य यूक्रेनी बन्दरगाहों पर रूसी हमलों की कड़ी निन्दा

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने पिछले कुछ दिनों में ओडेसा समेत काला सागर में स्थित यूक्रेन के अन्य बन्दरगाह केन्द्रों पर रूसी हमलों की कठोर शब्दों में निन्दा की है. इससे पहले इसी सप्ताह, रूसी महासंघ ने संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता में हुए काला सागर अनाज निर्यात पहल में अपनी भागेदारी समाप्त करने की घोषणा की थी. 

इस निर्णय के बाद से ही, रूस ने काला सागर में अनाज व अन्य खाद्य सामग्री से लदे जहाज़ों को सुरक्षित गुज़रने देने की अनुमति भी वापिस ले ली है.

पिछले एक वर्ष में, काला सागर पहल के ज़रिये ओडेसा सहित अन्य बन्दरगाहों से तीन करोड़ टन से अधिक यूक्रेनी अनाज को वैश्विक बाज़ारों तक पहुँचाना सम्भव हुआ है.

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अनाज निर्यात पहल पर पिछले वर्ष जुलाई में, रूस, यूक्रेन, तुर्कीये और संयुक्त राष्ट्र के बीच इस्ताम्बूल शहर में सहमति बनी थी. साथ ही, अनाज व उर्वरक निर्यात पर रूस और संयुक्त राष्ट्र के बीच एक समानान्तर समझौता (सहमति-पत्र) भी हुआ था.

प्राप्त समाचारों के अनुसार, बुधवार देर रात फिर से यूक्रेन के बन्दरगाह शहरों में लगातार तीसरी रात हमले किए गए, जिनमें कम से कम तीन लोगों के मारे जाने की ख़बर है.

यूक्रेनी अधिकारियों के अनुसार, काला सागर के नज़दीक स्थित मिकोलाइव शहर में कम से कम 19 लोग घायल हुए हैं, जिनमें एक बच्चा भी है.

यूक्रेन में मानवीय राहत मामलों में संयोजन के लिए यूएन कार्यालय ने बताया है कि यह हमला देश के केन्द्रीय इलाक़े में रात को हुआ. मानवीय सहायताकर्मी प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान कर रहे हैं, जिनके घर इस हमले में क्षतिग्रस्त हुए हैं और उन्हें नक़दी समेत अन्य आपात सहायता प्रदान की गई है.

'संकल्पों के विपरीत'

संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता ने महासचिव गुटेरेश की ओर से गुरूवार को एक वक्तव्य जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि ये हमले, संयुक्त राष्ट्र के साथ हुए सहमति पत्र में रूसी महासंघ द्वारा व्यक्त किए गए संकल्पों के विपरीत हैं.

इस समझौते में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि रूसी महासंघ, काला सागर में यूक्रेनी नियंत्रण वाले बन्दरगाहों से खाद्य सामग्री, सूरजमुखी तेल और उर्वरक की निर्बाध आपूर्ति को सम्भव बनाने में सहयोग देगा.

महासचिव गुटेरेश ने ध्यान दिलाया कि नागरिक आबादी के विध्वंस को, अन्तरराष्ट्रीय मानव कल्याण के उल्लंघन की श्रेणी में रखा जा सकता है.

“इन हमलों का यूक्रेन की सीमाओं से परे भी असर हो रहा है.” 

खाद्य क़ीमतों पर असर

उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर गेहूँ और मक्का क़ीमतें नकारात्मक रूप से प्रभावित हुई हैं, जिसका दंश सभी को प्रभावित करता है, विशेष रूप से वैश्विक दक्षिणी गोलार्द्ध में स्थित निर्बल समुदायों को. 

यूएन महासचिव ने भरोसा दिलाया कि अन्तरराष्ट्रीय बाज़ारों में यूक्रेन और रूस की खाद्य सामग्री और उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित करने के प्रयासों में वह कोई कसर नहीं छोडेंगे.

हर स्थान पर उपभोक्ताओं के लिए खाद्य क़ीमतों में स्थिरता लाने और वैश्विक भूख के विरुद्ध लड़ाई की दिशा में जारी कोशिशों के नज़रिये से यह बहुत अहम है. 

निर्धनतम आबादी के लिए जीवनरेखा

यूक्रेन में संयुक्त राष्ट्र की रैज़िडेंट कोऑर्डिनेटर डेनिज़ ब्राउन ने इन हमलों की निन्दा की है और ओडेसा में हुई तबाही व विध्वंस की भयावह तस्वीरों पर क्षोभ प्रकट किया है. 

उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि यह लगातार दूसरा दिन है जब इस नागरिक बन्दरगाह को एक बड़े हमले में गम्भीर क्षति पहुँची है. 

यह यूक्रेन और विश्व में निर्धनतम आबादी के लिए एक अहम जीवनरेखा है, जोकि यूक्रेनी अनाज पर निर्भर हैं. “यह अमानवीय है और अन्तरराष्ट्रीय मानव कल्याण क़ानून के विरुद्ध है.”

यूएन की वरिष्ठ अधिकारी ने रूसी महासंघ से इन हमलों को रोके जाने की पुकार लगाई है.