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नए महासभा अध्यक्ष के लिए, ‘शान्ति, समृद्धि, प्रगति व सततता’ हैं प्राथमिकताएँ

त्रिनिदाद और टोबेगो के राजनयिक डेनिस फ़्रांसिस को, यूएन महासभा के 78वें सत्र (2023-24) का अध्यक्ष चुना गया है.
UN Photo/Loey Felipe
त्रिनिदाद और टोबेगो के राजनयिक डेनिस फ़्रांसिस को, यूएन महासभा के 78वें सत्र (2023-24) का अध्यक्ष चुना गया है.

नए महासभा अध्यक्ष के लिए, ‘शान्ति, समृद्धि, प्रगति व सततता’ हैं प्राथमिकताएँ

यूएन मामले

त्रिनिदाद और टोबेगो के एक वयोवृद्ध राजनयिक डेनिस फ़्रांसिस को, संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र का अध्यक्ष चुना गया है, जो सितम्बर 2023 में शुरू होकर एक वर्ष तक चलेगा.

राजदूत डेनिस फ्रांसिस को कूटनैतिक क्षेत्र का लगभग 40 वर्ष का अनुभव है और वो सितम्बर में शुरू होने वाले 78वें सत्र में, संयुक्त राष्ट्र की प्रमुख नीति निर्माता संस्था की अध्यक्षता सम्भालेंगे.

राजदूत डेनिस फ्रांसिस को गुरूवार को, न्यूयॉर्क स्थित यूएन महासभागार में एक समारोह के दौरान, महासभा अध्यक्ष (PGA) के पद के लिए चुना गया.

सार्थक संवाद को प्रोत्साहन

दुनिया के 193 देश, यूएन महासभा के सदस्य हैं और उन सभी को, अध्यक्ष के चुनाव के लिए समान मत हासिल हैं.

यूएन महासभा के कर्तव्यों में, यूएन महासचिव की नियुक्ति की ज़िम्मेदारी भी शामिल है, जिसे वो सुरक्षा परिषद की सिफ़ारिश पर अंजाम देती है.

महासभा, साथ ही, संयुक्त राष्ट्र का वार्षिक बजट भी स्वीकृत करती है.

राजदूत डेनिस फ्रांसिस ने अपने चुनाव के बाद कहा कि वो सार्थक संवाद के प्रोत्साहन और उसकी सुलभता को प्राथमिकता पर रखेंगे.

उन्होंने कहा, “ये मेरी आशा है कि मैं बहुत सी चुनौतियों का सामना करने के लिए, आपकी सहायता और समर्थन से, सुलह-सफ़ाई, सहयोग व साझा प्रतिबद्धता का एक नया माहौल आगे बढ़ाउंगा, और महासभा के लिए उपलब्ध हर एक अवसर का लाभ उठाउंगा...”

राजदूत डेनिस फ्रांसिस ने अपने जीवन और सफलता में शिक्षा की महती भूमिका के बारे में भी बात की, और साथ ही ये सुनिश्चित किए जाने की ज़रूरत को भी रेखांकित किया कि सभी को, टिकाऊ विकास लक्ष्यों (SDGs) के अनुरूप, शिक्षा प्राप्ति का अवसर अवश्य मिले...”

ग़ौरतलब है कि टिकाऊ विकास लक्ष्यों में निर्धनता और अन्य अभावों को, वर्ष 2030 तक ख़त्म करने की पुकार लगाई गई है.

विश्वास पुनर्निर्माण

यूएन महासभा के मौजूदा अध्यक्ष कसाबा कोरोसी (हंगरी) ने ज़ोर देकर कहा कि उनके उत्तराधिकारी, इस पद के लिए ज्ञान व अनुभव का ख़ज़ाना लेकर आ रहे हैं.

उन्होंने कहा, “78वें सत्र के लिए श्री फ़्रांसिस का आदर्श – ‘शान्ति, समृद्धि, प्रगति और सततता’ – यूएन महासभा के कामकाज का एक वृहद परिदृश्य प्रस्तुत करता है.”

“यह ऐसे समय में है जब हम इस संस्थान में और इसके भीतर विश्वास का पुनर्निर्माण कर रहे हैं, जलवायु परिवर्तन का सामना कर रहे हैं और टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के प्रयासों को फिर से पटरी पर लाने की कोशिश कर रहे हैं.”

आलोचनात्मक दृष्टिकोण

यूएन महासचिव एंतोनियो नमे इस अवसर पर कहा कि डेनिस फ़्रांसिस का कार्यकाल टकराव, जलवायु उथल-पुथल, और बढ़ती निर्धनता, खाद्य अभाव और असमानता, एक बहुत ही गहन चुनौतीपूर्ण दौर में शुरू हो रहा है, जबकि टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति भी पहुँच से बाहर होती जा रही है.

उन्होंने कहा कि आगामी महासभा अध्यक्ष अपने साथ एक आलोचनात्मक नज़रिया भी लेकर आ रहे हैं और ये ऐसे समय में और भी ज़्यादा महत्वपूर्ण है कि महासभा में जलवायु परिवर्तन और अन्यायपूर्ण वैश्विक वित्तीय व्यवस्था जैसे जिन मुद्दों पर चर्चा होती है, और वो त्रिनिदाद और टोबेगो जैसे लघु द्वीपीय विकासशील देशों को सर्वाधिक प्रभावित करते हैं.

उन्होंने कहा, “हम आशा करते हैं कि नव-निर्वाचित अध्यक्ष, आने वाले वर्ष के दौरान, शान्ति, समृद्धि, प्रगति और सततता की अपनी अध्यक्षता थीम को आगे बढ़ाएंगे और इस कठिन दौर में वैश्विक सहयोग को और ज़्यादा मज़बूत करने के लिए, महासभा को एकजुट करेंगे.”

एक लम्बी राजनयिक यात्रा

राजदूत डेनिस फ़्रांसिस, इस समय संयुक्त राष्ट्र में त्रिनिदाद और टोबेगो के स्थाई प्रतिनिधि हैं, और उनका राजनयिक जीवन लगभग चार दशकों तक फैला हुआ है.

इस अवधि के दौरान, वो लगातार 18 वर्षों तक राजदूत रहे और 2016 में सेवानिवृत्त हुए. इसके साथ वो देश के सबसे लम्बे समय तक सेवा करने वाले राजदूत बने.

उन्होंने बहुपक्षवाद सम्बन्धों के निदेशक का पद छोड़ने से पहले, देश के विदेश मंत्रालय में बहुपक्षवाद से सम्बन्धित तमाम मामलों पर वरिष्ठ सलाहकार के रूप में काम किया, जिनमें जलवायु परिवर्तन और 2030 के टिकाऊ विकास एजेंडा पर वार्ताएँ भी शामिल थीं. टिकाऊ विकास लक्ष्य इसी एजेंडा का हिस्सा हैं.