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बाहरी अन्तरिक्ष में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए निगरानी आवश्यक - महासचिव

अमेरिकी अन्तरिक्ष एजेंसी - नासा के यात्री स्कॉट कैली को, 21 दिसम्बर 2015 को, अन्तरिक्ष में तैरते हुुए देखा जा सकता है.
NASA/Johnson
अमेरिकी अन्तरिक्ष एजेंसी - नासा के यात्री स्कॉट कैली को, 21 दिसम्बर 2015 को, अन्तरिक्ष में तैरते हुुए देखा जा सकता है.

बाहरी अन्तरिक्ष में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए निगरानी आवश्यक - महासचिव

एसडीजी

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने बुधवार को प्रकाशित एक नए नीति संक्षेप में कहा है कि नवाचार को बढ़ावा देने और टिकाऊ विकास लक्ष्य (एसडीजी) प्राप्ति के लिए, बाहरी अन्तरिक्ष को प्रभावी रूप से नियंत्रित करना आवश्यक है.

महासचिव ने प्रस्तावना में लिखा, “मानव जाति को लाभान्वित करने वाले, बाहरी अन्तरिक्ष के इस क्षेत्र के संरक्षण में हमारी साझा दिलचस्पी लाज़मी है, लेकिन इसके लिए तेज़ व बहु-हितधारक शासन प्रतिक्रियाएँ बेहद आवश्यक हैं."

नीति संक्षेप में, बाहरी अन्तरिक्ष में चल रहे कुछ "अभूतपूर्व" परिवर्तनों की जाँच की गई है, जिसमें बड़ी मात्रा में उपग्रहों का प्रक्षेपण, निजी क्षेत्र की भागेदारी और लगभग आधी सदी पश्चात, अन्तरिक्ष की गहराइयों में अन्तरिक्ष यात्रियों की वापसी शामिल है.

इससे वो प्रमुख प्रवृत्तियाँ उजागर होती हैं, जो "अन्तरिक्ष में स्थिरता" पर असर डाल रही हैं और नीचे धरती पर 2030 तक, अधिक न्यायसंगत,समावेशी व हरित ग्रह का टिकाऊ विकास लक्ष्य हासिल करने के वादे को प्रभावित कर रही हैं. साथ ही इसमें, इन चुनौतियों का समाधान नहीं होने पर उत्पन्न होने वाले जोखिमों का आकलन भी किया गया है.

उपग्रह और अन्तरिक्ष पर्यटन

पिछले दशक में बाहरी अन्तरिक्ष में प्रक्षेपित उपग्रहों की संख्या में विशाल वृद्धि देखी गई है - 2013 में 210 की तुलना में, साल 2022 में, 2 हज़ार 470 उपग्रह प्रक्षेपित किए गए, जिनमें से ज़्यादातर निजी कम्पनियों ने किए थे.

इस अवधि में, अन्तरिक्ष में निजी मिशनों की संख्या में भी तेज़ी से विस्तार किया गया था, जिसमें 2021 में, अन्तरराष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन का पहला वाणिज्यिक मिशन भी शामिल है.

रिपोर्ट के अनुसार, संचार, संसाधन गतिविधियों, अन्तरिक्ष पर्यटन और विज्ञान के लिए निजी मिशनों की संख्या में वृद्धि हो रही है. जहाँ संयुक्त राज्य अमेरिका इसमें सबसे आगे है, वहीं चीन, भारत और जापान में भी अनेक नई वाणिज्यिक अन्तरिक्ष कम्पनियाँ उभरी हैं.

हालाँकि 1972 के अपोलो कार्यक्रम की अन्तिम उड़ान के बाद से मानव ने अन्तरिक्ष की गहराइयों में क़दम नहीं रखा है, लेकिन यह रिपोर्ट अन्वेषण के एक "नए युग" की ओर इशारा करती है. उदाहरण के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका की अन्तरिक्ष एजेंसी नासा, 2024 में चन्द्रमा के चारों ओर एक मानवयुक्त उड़ान की योजना बना रही है, वहीं निजी अमेरिकी कम्पनी, स्पेस-एक्स, स्टारशिप नामक एक पुनः प्रयोग योग्य परिवहन प्रणाली के ज़रिए, कलाकारों के एक दल को अन्तरिक्ष में भेजने की योजना बना रही है.

जोखिमों में वृद्धि

हालाँकि इन सभी विकास गतिविधियों में, मानवता के लिए असीम अवसर खोलने की क्षमता है, लेकिन रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि इससे जोखिमों में वृद्धि भी सम्भव है.

रिपोर्ट में कहा गया है, "अन्तरिक्ष में तेज़ी से बढ़ती वस्तुओं की संख्या और बार-बार होते बाहरी मिशनों से, दुर्घटना और मलबा फैलने के का ख़तरा भी बढ़ जाता है."

“अन्तरिक्ष के संचालकों द्वारा, मलबा हटाने, उपग्रहों की कक्षा की मरम्मत और विनिर्माण व अन्तरिक्ष पर्यटन जैसे नए मिशनों में बढ़ोत्तरी होने से यह मसला जल्दी ही अधिक प्रासंगिक हो सकता है.”

एक साझा ज़िम्मेदारी 

रिपोर्ट में, एसडीजी हासिल करने के लिए बाहरी अन्तरिक्ष की क्षमता का दोहन करने के लिए, महासचिव की कुछ सिफ़ारिशें भी दी गई हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक़, "यह सुनिश्चित करना हमारी साझा ज़िम्मेदारी है कि मौजूदा अन्तरराष्ट्रीय अन्तरिक्ष क़ानून पूरी तरह से लागू हो, और नवाचार को बढ़ावा देने व जोखिम कम करने के लिए, प्रभावी शासन व्यवस्था स्थापित हो."

एक विकल्प के रूप में, बाहरी अन्तरिक्ष के शान्तिपूर्ण उपयोग पर संयुक्त राष्ट्र की समिति से, अन्तरिक्ष में स्थिरता हेतु एकीकृत शासन विकसित करने का आहवान भी किया गया है.

अन्तरिक्ष यातायात

"इस तरह की शासन व्यवस्था ... चन्द्रमा और अन्य खगोलीय पिंडों समेत, पृथ्वी की कक्षा व उससे परे, अन्तरिक्ष संचालन में पारदर्शिता, विश्वास-निर्माण और परस्पर-संचालनीयता को बढ़ावा देगी."

या फिर यह समिति, अन्तरिक्ष यातायात प्रबन्धन, अन्तरिक्ष में मलबा हटाने और अन्य अन्तरिक्ष संसाधन गतिविधियों जैसी अन्तरिक्ष स्थिरता के विभिन्न आयामों के लिए, नया शासन ढाँचा विकसित करने पर भी विचार कर सकती है.

महिलाओं के लिए जगह

संयुक्त राष्ट्र की संस्थाओं से, एयरोस्पेस क्षेत्र में महिलाओं की समान भागेदारी के प्रयासों को बढ़ावा देने का आग्रह भी किया गया है. इसके लिए, लड़कियों के लिए, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) जैसे विषयों में शिक्षा को बढ़ावा देना शामिल है.