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जबरन विस्थापितों के लिये रिकॉर्ड समर्थन, सहायता प्रयासों में मज़बूती आने की उम्मीद

मध्य अफ़्रीकी गणराज्य और दक्षिण सूडान से आए शरणार्थियों को सूडान के दक्षिण दारफ़ूर में आपात शरण प्रदान की गई है.
© UNHCR/Behrooz Taleb
मध्य अफ़्रीकी गणराज्य और दक्षिण सूडान से आए शरणार्थियों को सूडान के दक्षिण दारफ़ूर में आपात शरण प्रदान की गई है.

जबरन विस्थापितों के लिये रिकॉर्ड समर्थन, सहायता प्रयासों में मज़बूती आने की उम्मीद

प्रवासी और शरणार्थी

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने कहा है कि युद्ध, हिंसा और मानवाधिकार हनन के कारण विस्थापित हुए लोगों तक जीवनरक्षक सहायता पहुँचाने के लिये, देशों की सरकारों ने एक अरब 13 करोड़ अरब डॉलर की धनराशि का संकल्प लिया है.  

निजी सैक्टर में यूएन शरणार्थी एजेंसी के साझीदार संगठनों ने 40 करोड़ डॉलर की रक़म प्रदान करने की प्रतिबद्धता जताई है, जिसे मिलाकर 2023 के लिये कुल एक अरब 53 करोड़ डॉलर का संकल्प लिया गया है.

ये साझेदार संगठन अर्जेन्टीना, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, जापान, स्पेन, स्वीडन, स्विट्ज़रलैंड, ब्रिटेन और अमेरिका में स्वतंत्र ग़ैर-सरकारी संगठनों का एक समूह हैं, जिन्हें राष्ट्रीय साझीदार कहा जाता है.

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संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने भरोसा जताया है कि वर्ष 2023 के आरम्भ होने पर, इस धनराशि के साथ कुल अनुमानित आवश्यकताओं का 15 फ़ीसदी हिस्सा पूरा किया जा सकेगा.

यूएन एजेंसी के उच्चायुक्त फ़िलिपो ग्रैंडी ने कहा, हिंसक टकराव, जलवायु आपात स्थिति और अन्य संकटों के परिणामस्वरूप, विश्व भर में रिकॉर्ड संख्या में विस्थापितों को अभूतपूर्व आवश्यकताओं का सामना करना पड़ रहा है.”

उन्होंने कहा कि यूएन एजेंसी के उदार दानदाताओं ने इन कठिन दिनों में अपना समर्थन जारी रखा है, जिससे एक उजले भविष्य की आशा जन्मी है.

विशाल आवश्यकताएँ

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने दानदाताओं से वर्ष 2023 में 10 अरब 21 करोड़ डॉलर की रक़म का आग्रह किया है. यह पहली बार है जब वर्ष की शुरुआत में यूएन एजेंसी ने 10 अरब डॉलर का अनुरोध किया है.

अमेरिका ने यूएन शरणार्थी एजेंसी को इस वर्ष रिकॉर्ड दो अरब 10 करोड़ डॉलर प्रदान किये, और 2023 के लिये 20 करोड़ डॉलर का संकल्प लिया है, जिसके बाद जर्मनी और जापान का स्थान है.

पहले से जारी हिंसक संघर्षों और नए टकरावों के उभरने के कारण, विश्व भर में 10 करोड़ से अधिक लोग जबरन विस्थापन का शिकार हुए हैं, जोकि अभी तक की सबसे बड़ी संख्या है.

यूएन एजेंसी ज़रूरतमन्दों तक सहायता पहुँचाने के लिये विस्थापितों के सशक्तिकरण और समावेशन को बढ़ावा देती है, ताकि वे उनके समक्ष मौजूद चुनौतियों का हल निकालने में सक्षम हों, और मानवीय राहत पर उन की निर्भरता कम हो.

कठिनाई भरा दौर

संगठन ने विस्थापितों की सहायता के लिये कार्यक्रम के साथ-साथ मेज़बान देशों में समुदायों की मदद के प्रयासों पर भी ध्यान केन्द्रित किया है.

फ़िलिपो ग्रैंडी ने कहा, “हम उथलपुथल भरे दौर में रह रहे हैं. अनसुलझे टकराव, बढ़ती क़ीमतें और पहले से कहीं अधिक क्षति पहुँचाने वाली जलवायु घटनाएँ, सर्वाधिक निर्बलों पर बोझ बढ़ा रही हैं.”

“आज घोषित धनराशि से कुछ मुश्किल हालात के निवारण में मदद मिलेगी, लेकिन पूरे साल और अधिक की आवश्यकता होगी.”

सम्मेलन में हिस्सा लेने वाली सरकारों ने वर्ष 2024 और उससे परे की अवधि के लिये 72 करोड़ डॉलर से अधिक की धनराशि का संकल्प लिया है, जिससे संगठन के दीर्घकालीन समर्थन कार्यक्रमों को मज़बूती मिलेगी.

सीरिया से विस्थापित एक परिवार ने 2014 में लेबनान में शरण ली थी.
UNHCR/Andrew McConnell
सीरिया से विस्थापित एक परिवार ने 2014 में लेबनान में शरण ली थी.

भावी चुनौतियाँ

यूएन शरणार्थी एजेंसी की 2023 के लिये वैश्विक अपील में अगले साल में दिखाई दे रही चुनौतियों और उनसे निपटने के उपाय साझा किये गए हैं.

इनमें सहायता धनराशि, विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में एजेंसी के कामकाज के बारे में जानकारी समेत 16 विषयों में जानकारी प्रदान की गई है.

रिपोर्ट में यूएन कर्मचारियों के साथ इंटरव्यू भी प्रकाशित किये गए हैं, जिसमें आन्तरिक विस्थापन, राष्ट्रविहीनता, जलवायु कार्रवाई और विकास सम्बन्धी कार्यों पर ध्यान केन्द्रित किया गया है.

बताया गया है कि अफ़ग़ानिस्तान में हालात और यूक्रेन में युद्ध के साथ-साथ, अन्य संकटों के कारण, वर्ष 2023 के लिये यूएन एजेंसी का बजट इस वर्ष के लिये प्रस्तावित मूल बजट (आठ अरब 99 करोड़ डॉलर) से 13.5 प्रतिशत अधिक है.

दानदाताओं ने अपना योगदान बार-बार बढ़ाया है, मगर वैश्विक आवश्यकताएँ उससे अधिक तेज़ी से बढ़ी है.

यूएन एजेंसी ने वर्ष 2022 के लिये 10 अरब 71 करोड़ डॉलर की अपील की थी, मगर इसके 52 फ़ीसदी धनराशि का ही प्रबन्ध हो पाया था.