वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

भीषण संकटों से प्रभावित बच्चों के लिये 10 अरब डॉलर की सहायता अपील  

एक नौ वर्षीय लड़का अपनी माँ के साथ, बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए अपने घर के मलबे की सफ़ाई कर रहा है.
© UNICEF/Diego Ibarra Sánchez
एक नौ वर्षीय लड़का अपनी माँ के साथ, बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए अपने घर के मलबे की सफ़ाई कर रहा है.

भीषण संकटों से प्रभावित बच्चों के लिये 10 अरब डॉलर की सहायता अपील  

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने वर्ष 2023 के दौरान हिंसक टकरावों, कोविड-19 महामारी और चरम मौसम घटनाओं समेत अन्य संकटों से प्रभावित 17 करोड़ से अधिक लोगों तक राहत पहुँचाने के लिये 10 अरब 30 करोड़ डॉलर की सहायता धनराशि की पुकार लगाई है. सोमवार को जारी की गई इस अपील के तहत, 155 देशों में 11 करोड़ से अधिक बच्चों तक मदद पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है.

यूनीसेफ़ ने बताया कि इस वर्ष की शुरुआत पर 27 करोड़ से अधिक लोगों को मानवीय सहायता व संरक्षण की आवश्यकता थी, और समय बीतने के साथ ज़रूरतमन्दों की संख्या बढ़ी है.

इसकी वजह मुख्य रूप से यूक्रेन में युद्ध समेत अन्य हिंसक टकराव, बढ़ती खाद्य असुरक्षा, जलवायु व्यवधानों व अन्य वजहों से अकाल का ख़तरा और पाकिस्तान में विनाशकारी बाढ़ है.

Tweet URL

यूनीसेफ़ की कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसैल ने कहा, “आज, हालिया इतिहास में किसी समय की तुलना में कहीं अधिक बच्चों को मानवीय सहायता की ज़रूरत है.”

“विश्व भर में, उन्हें अनेक प्रकार के जानलेवा संकटों का सामना करना पड़ रहा है, हिंसक टकराव और विस्थापन से लेकर बीमारी के प्रकोप और कुपोषण की बढ़ती दरों तक.”

इस बीच, जलवायु परिवर्तन इन सभी संकटों को बद से बदतर बना रहा है और नई चुनौतियों के पनपने की वजह बन रहा है.

यूनीसेफ़ के अनुसार यह अति आवश्यक है कि बच्चों के लिये निर्णायक व सामयिक मानवीय राहत कार्रवाई सुनिश्चित करने हेतु समुचित समर्थन हो.

विकराल संकट

दुनिया भर में, हैज़ा और खसरा समेत बीमारी फिर से उभर रही हैं, जिससे आपात हालात में जीवन गुज़ार रहे बच्चों के लिए विशेष रूप से कठिनाई बढ़ी है.

कोविड-19 महामारी, वैश्विक आर्थिक व्यवधान और अस्थिरता, और भोजन व ईंधन की बढ़ती क़ीमतों का सर्वाधिक निर्बल बच्चों के जीवन व कल्याण पर भीषण असर हुआ है.

जलवायु परिवर्तन के कारण आपात परिस्थितियों का स्तर और उनकी गहनता बढ़ी है. बताया गया है कि 40 करोड़ से अधिक बच्चों को जल उपलब्धता के नज़रिए से बेहद संवेदनशील परिस्थितियों में रहना पड़ रहा है.

रिकॉर्ड संख्या में बच्चे अपने परिवारों के साथ, या फिर अकेले ही देश की सीमाओं को पार कर रहे हैं.

अब तक, सिलसिलेवार संकटों के कारण तीन करोड़ 70 लाख से अधिक बच्चे विस्थापित हुए हैं – विस्थापित बच्चों का यह स्तर, दूसरे विश्व युद्ध के बाद से अब तक नहीं देखा गया था.  

सहायता अपील

सहायता धनराशि के अपील के आधार पर अफ़ग़ानिस्तान के लिये सबसे बड़ी अपील (एक अरब 65 करोड़ डॉलर), जारी की  गई है.

इसके बाद यूक्रेन और शरणार्थी सहायता के लिये 1.05 अरब डॉलर, सीरियाई शरणार्थी संकट के लिये 86 करोड़ डॉलर, काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य के लिये 86 करोड़ डॉलर और इथियोपिया में राहत प्रयासों के लिये 67 करोड़ डॉलर की अपील की गई है.

यूनीसेफ़ ने 2023 में ज़रूरतमन्द बच्चों के लिये मानव कल्याण कार्रवाई हेतु निम्न लक्ष्य साझा किए हैं:

- गम्भीर कुपोषण का सामना कर रहे 82 लाख बच्चों के लिए उपचार

- दो करोड़ 80 लाख बच्चों के लिए खसरा बचाव का टीकाकरण

- पेयजल व घरेलू आवश्यकताओं को पूरा करने की ख़ातिर, छह करोड़ 37 लाख लोगों के लिए जल सुलभता

- दो करोड़ 35 लाख बच्चों, किशोरों, व देखभालकर्मियों के लिए मानसिक स्वास्थ्य व मनोसामाजिक समर्थन की उपलब्धता

- दो करोड़ 57 लाख लोगों के लिए आरम्भिक शिक्षा समेत औपचारिक व अनौपचारिक शिक्षा

- एक करोड़ 62 लाख बच्चों व महिलाओं के लिए लिंग आधारित हिंसा के जोखिम को कम करने व रोकथाम उपायों की उपलब्धता

सोमालिया में गम्भीर सूखे के कारण हज़ारों लोगों को विस्थापन शिविरों में शरण लेने के लिये मजबूर होना पड़ा है.
IOM/Claudia Rosel
सोमालिया में गम्भीर सूखे के कारण हज़ारों लोगों को विस्थापन शिविरों में शरण लेने के लिये मजबूर होना पड़ा है.

साझेदारों की अहम भूमिका

यूनीसेफ़ प्रमुख ने आगाह किया कि जलवायु परिवर्तन के विनाशकारी प्रभाव बच्चों के लिए हमेशा मौजूद रहने वाला ख़तरा है. इसके मद्देनज़र, जलवायु अनुकूलन और सहनक्षमता निर्माण को प्राथमिकता दी जाएगी, मौजूदा संकटों के साथ-साथ भावी संकटों के लिए भी समुदायों को तैयार किया जाएगा.

यूनीसेफ़ का कहना है कि मानवीय सहायता प्रयासों में राष्ट्रीय व स्थानीय संगठनों को केन्द्र में रखना उसकी रणनीति का एक अहम हिस्सा है.

यूएन बाल कोष ने वर्ष 2022 में अन्य यूएन एजेंसियों, नागरिक समाज व ग़ैर-सरकारी संगठनों व अन्य साझीदारों के साथ मिलकर दो करोड़ 38 लाख बच्चों का, खसरा से बचाव के लिए टीकाकरण, 26 लाख बच्चों में गम्भीर कुपोषण के उपचार, और दो करोड़ 80 लाख बच्चों के लिए औपचारिक व अनौपचारिक शिक्षा सुनिश्चित करने समेत, अन्य राहत उपायों में अहम भूमिका निभाई.

यूनीसेफ़ ने मानवीय राहत आवश्यकताएँ अभूतपूर्व स्तर पर पहुँच जाने के कारण, सभी साझेदार संगठनों से बच्चों के लिए जीवनदाई मानवीय सहायता बढ़ाने का आग्रह किया है.

इस क्रम में, सहायता धनराशि के उपयोग में लचीलापन लाना, जलवायु अनुकूलन प्रयासों व तैयारियों को प्राथमिकता देना, और मानवीय सहायता वितरण प्रयासों को न्यायसंगत व सिद्धान्त आधारित बनाना है.