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WHO: ग़ैर-संचारी बीमारियाँ, अब सबसे ज़्यादा मौतों की वजह

ज़्यादा लम्बे समय तक काम करने से, हृदय की बीमारियों और दौरा पड़ने के जोखिम बढ़ते हैं.
ILO Photo/Marcel Crozet
ज़्यादा लम्बे समय तक काम करने से, हृदय की बीमारियों और दौरा पड़ने के जोखिम बढ़ते हैं.

WHO: ग़ैर-संचारी बीमारियाँ, अब सबसे ज़्यादा मौतों की वजह

स्वास्थ्य

संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी – WHO ने बुधवार को जारी एक नई रिपोर्ट में कहा है कि दुनिया भर में सबसे ज़्यादा मौतों का कारण बनने वाली बीमारियों में अब हृदय सम्बन्धित बीमारियों से लेकर कैंसर और डायबटीज़ व ग़ैर-संचारी बीमारियाँ (NCD) शीर्ष स्थान पर हैं, जिन्होंने वैश्विक स्तर पर संक्रामक बीमारियों को पीछे छोड़ दिया है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ये रिपोर्ट और डेटा वैबसाइट, यूएन महासभा के 77वें सत्र के मौक़े पर जारी किये गए हैं. इस बैठक का आयोजन यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के साथ-साथ ब्लूमबर्ग समाज कल्याण संगठन ने मिलकर किया.

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रिपोर्ट के मुख्य बिन्दु

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, ग़ैर-संचारी बीमारियाँ (NCD), इस सदी की सबसे विशाल स्वास्थ्य और विकास चुनौतियों में से एक पेश करती हैं. उनमें सबसे प्रमुख हैं – हृदय सम्बन्धी बीमारियाँ, जिनमें दिल की बीमारी और दिल का दौरा; कैंसर; और डायबटीज़ व साँस सम्बन्धित दीर्घकालीन बीमारियाँ शामिल हैं, साथ ही मानसिक स्वास्थ्य बीमारियाँ भी इनमें शामिल हैं.

कुल मिलाकर, ये बीमारियाँ दुनिया भर में होने वाली कुल मौतौं के तीन चौथाई हिस्से के लिये ज़िम्मेदार हैं, और ये बीमारियाँ हर साल लगभग 4 करोड़ 10 लाख लोगों का जीवन ख़त्म कर देती हैं.

इस रिपोर्ट का नाम है - Invisible numbers: The true extent of noncommunicable diseases and what to do about them.

रिपोर्ट में ग़ैर-संचारी बीमारियों से दरपेश ख़तरों और जोखिमों का वास्तविक स्तर दिखाने के लिये विस्तृत आँकड़े दिये गए हैं.

रिपोर्ट में ऐसे किफ़ायती और दुनिया भर में लागू किये जा सकने वाले उपाय भी दिखाए गए हैं जिनसे मौतों की संख्या कम की जा सकती है और जीवन के साथ-साथ, धन की भी बचत हो सकती है.

देशों से सम्बन्धित पोर्टल

इस रिपोर्ट में 194 देशों के लिये नवीनतम विशिष्ट आँकड़ों, जोखिम कारक और नीतिगत-उपाय प्रस्तुत किये गए हैं, इस तरह ग़ैर-संचारी बीमारियों सम्बन्धित डेटा दिखाने वाला ये पोर्टल, संख्याओं व आँकड़ों को जीवन्त बनाता है.

उससे भी ज़्यादा, इस पोर्टल पर, हृदय सम्बन्धित बीमारियों, कैंसर, डायबटीज़ और साँस सम्बन्धित दीर्घकालीन बीमारियों के बारे में विस्तृत आँकड़ों का भंडार मौजूद है.

इनमें इन बीमारियों के कारकों और जोखिमों से सम्बन्धित जानकारी भी उपलब्ध है. मसलन तम्बाकू, अस्वस्थ भोजन ख़ुराक, मदिरा का हानिकारक प्रयोग और शारीरिक सक्रियता व व्यायाम का अभाव.

इस पोर्टल पर, हर देश के रुझानों और चलन को भी रेखांकित किया गया है और देशों के दरम्यान व भौगोलिक क्षेत्रों के बीच तुलना करने की सुविधा भी है.

महत्वपूर्ण प्रासंगिकता

अभी तक, केवल मुट्ठी भर देश ही, 2030 के टिकाऊ विकास लक्ष्य (SDGs) प्राप्ति की दिशा में सही रास्ते पर हैं, जिनमें ग़ैर-संचारी बीमारियों से होने वाली मौतों में एक तिहाई की कमी करने का लक्ष्य शामिल है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के ग़ैर-संचारी बीमारियों से सम्बन्धित मामलों के निदेशक बेन्ते मिक्केलसेन का कहना है कि ये एक ग़लत अवधारणा है कि ये बीमारियाँ उच्च आय वाले देशों की हैं.

उन्होंने कहा कि समय से पूर्व होने वाली मौतों में से लगभग 85 प्रतिशत मौतें, निम्न व मध्यम आय वाले देशों में होती हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य के एक महत्वपूर्ण पड़ाव पर, ये सूचना, मुद्दे से निपटने का एक अवसर पेश करती है और रोकथाम पर ज़्यादा संसाधन ख़र्च करने की सिफ़ारिश करती है.

संगठन के अनुसार तमाम निम्न व मध्य आय वाले देशों में, प्रतिवर्ष 18 अरब डॉलर की रक़म का निवेश करने से, वर्ष 2030 तक, 2.7 ट्रिलियन डॉलर का नैट आर्थिक मुनाफ़ा अर्जित किया जा सकता है.

NCD के तथ्य

  • प्रति सैकण्ड,70 वर्ष की आयु के एक व्यक्ति की मृत्यु, ग़ैर-संचारी बीमारियों से होती है.
  • इनमें से 86 प्रतिशत मौतें, निम्न व मध्यम आय वाले देशों में होती हैं.
  • सार्वजनिक स्वास्थ्य सम्बन्धित इस प्रमुख बदलाव पर, दशकों से पूरा ध्यान नहीं रहा है.
  • तम्बाकू, हानिकारक मदिरा सेवन और अस्वस्थ भोजन ख़ुराकों से बचकर, ग़ैर-संचारी बीमारियों की रोकथाम की जा सकती है या उन्हें टाला जा सकता है और, समय से पूर्व होने वाली मौतों को भी टाला जा सकता है.