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यूक्रेन संकट पर महासभा का सत्र: तनाव में कमी, संयम व तर्क की पुकार

यूक्रेन के दोनेत्स्क क्षेत्र में एक महिला गोलबारी में क्षतिग्रस्त हुए एक स्कूल के बाहर खड़ी है.
© UNICEF/Ashley Gilbertson
यूक्रेन के दोनेत्स्क क्षेत्र में एक महिला गोलबारी में क्षतिग्रस्त हुए एक स्कूल के बाहर खड़ी है.

यूक्रेन संकट पर महासभा का सत्र: तनाव में कमी, संयम व तर्क की पुकार

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने यूक्रेन में मौजूदा संकट के मुद्दे पर बुधवार को महासभा के एक सत्र को सम्बोधित करते हुए आगाह किया है कि दुनिया ख़तरों से भरे एक क्षण का सामना कर रही है. महासचिव ने सम्पर्क रेखा पर युद्धविराम उल्लंघन की बढ़ती घटनाओं पर चिन्ता जताते हुए कहा है कि यह समय संयम व तर्क से काम लेने और तनाव में कमी लाने का है.

रूसी महासंघ ने सोमवार को यूक्रेन के दो पूर्वी क्षेत्रों – दोनेत्स्क और लूहान्स्क के कुछ हिस्सों की कथित स्वतंत्रता को मान्यता देने की घोषणा की है, जिसके बाद से ही विश्व भर में चिन्ता व्याप्त है.

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महासचिव गुटेरेश ने नाज़ुक हालात के मद्देनज़र कहा, “ऐसे क़दमों और वक्तव्यों के लिये कोई स्थान नहीं है, जोकि इन ख़तरनाक हालात को रसातल में ले जाएँ.”

यूएन प्रमुख ने युद्धविराम, सम्वाद व वार्ता की पुकार लगाई है ताकि यूक्रेन और उससे परे, लोगों को युद्ध के दंश से बचाया जा सके.

साथ ही, उन्होंने सभी पक्षों को यूएन चार्टर के अनुच्छेद 33 और विवादों के निपटारे के लिये विविध औज़ारों को पूर्ण रूप से उपयोग करने के लिये प्रोत्साहित किया है.

गम्भीर चिन्ता

यूएन प्रमुख ने मौजूदा घटनाक्रम को एक गम्भीर चिन्ता की वजह बताया है.

ख़बरों के अनुसार सम्पर्क रेखा पर युद्धविराम उल्लंघन की घटनाएँ बढ़ी हैं और ज़मीनी स्तर पर हालात और अधिक बिगड़ने की आशंका है.

महासचिव ने कहा कि टकराव का इतिहास जटिल है, मगर वर्तमान परिस्थितियों में एक बात स्पष्ट है. “रूसी महासंघ का दोनेत्स्क और लूहान्स्क क्षेत्रों के कुछ हिस्सों की कथित स्वतंत्रता को मान्यता देने का निर्णय, और उसके बाद उठाए गए क़दम, यूक्रेन की क्षेत्रीय अखण्डता व सम्प्रभुता का हनन हैं.

उन्होंने बताया कि ये संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धान्तों के अनुरूप भी नहीं हैं.

समान सम्प्रभुता

महासचिव गुटेरेश ने ज़ोर देकर कहा कि रूसी संघ द्वारा उठाए गए क़दम, मैत्रीपूर्ण सम्बन्धों के सिलसिले में अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के सिद्धान्तों पर घोषणापत्र से भी मेल नहीं खाते हैं.

इस बेहद अहम प्रस्ताव को यूएन महासभा द्वारा आधी सदी से भी पहले पारित किया गया था.

उन्होंने देशों की सम्प्रभुता की समानता के सिद्धान्त का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी क्षेत्रीय अखण्डता और राजनैतिक स्वतंत्रता का उल्लंघन नहीं किया जा सकता है.

यूएन प्रमुख ने शान्तिरक्षा की सत्यनिष्ठा की रक्षा किये जाने की आवश्यकता पर बल दिया, और कहा कि शान्तिरक्षा मेज़बान देश की सहमति से ही की जा सकती है.

मानवीय सहायता संकल्प

महासचिव गुटेरेश के मुताबिक़, संगठन ने मानवाधिकार और मानवीय सहायता कार्य के ज़रिये, यूक्रेन की जनता के लिये अपना समर्थन जारी रखा है. एक अनुमान के अनुसार, यूक्रेन में नवीनतम घटनाक्रम से पहले भी, 20 लाख लोग मानवीय सहायता पर निर्भर थे.

“वर्ष 2022 की शुरुआत से अब तक, हमने और हमारे साझीदारों ने सम्पर्क रेखा के आर-पार, 140 मीट्रिक टन जीवनरक्षक सहायता वितरित की है.”

उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायता मिशन चार सिद्धान्तों पर आधारित है: मानवता, तटस्थता, निष्पक्षता, और स्वतंत्रता.

मानवाधिकार निगरानी मिशन ने यूक्रेन में सात कार्यालय स्थापित किये हैं और ये सम्पर्क रेखा के दोनों ओर स्थित हैं.

इनके माध्यम से, हताहत होने वाले आम नागरिकों, आवाजाही की स्वतंत्रता, मानवाधिकार हनन के मामलों का रिकॉर्ड दर्ज किया जाता है.

महासचिव ने कहा कि यूक्रेन में मानवीय राहत एजेंसियाँ, सभी ज़रूरतमन्दों तक समर्थन पहुँचाने के लिये प्रतिबद्ध हैं और आवश्यकता-अनुसार अपने अभियानों में बदलाव ला सकती हैं.  

Ukraine: "It is time to establish a ceasefire and return to dialogue and negotiations" - UN Chief

अनवरत प्रयास

यूएन प्रमुख ने कहा कि हिंसक टकराव के दौरान, आम लोग, विशेष रूप से महिलाएँ व बच्चे सबसे अधिक प्रभावित होते हैं.

उन्होंने आगाह किया कि अगर यूक्रेन में टकराव बढ़ता है तो उसका स्तर व गम्भीरता जैसी होगी, वैसा हाल के वर्षों में कहीं नहीं देखा गया है.

“मैं सभी पक्षों से मानवीय राहत एजेंसियों के लिये सुरक्षित व निर्बाध आवाजाही की अनुमति दिये जाने का आग्रह करता हूँ, जिनमें पूर्वी यूक्रेन में ग़ैर-सरकारी नियंत्रण वाले इलाक़े भी हैं.”

महासचिव ने सभी पक्षों से अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून के तहत तय दायित्वों का निर्वहन किये जाने का आग्रह किया है.

यूएन प्रमुख ने अपने सम्बोधन के समापन में ज़ोर देकर कहा कि वे बिना और रक्तपात के, संकट को सुलझाने के लिये हरसम्भव प्रयास करने के लिये प्रतिबद्ध हैं.

“हम एक शान्तिपूर्ण समाधान की तलाश में प्रयास ना छोड़ सकते हैं और ना ही छोड़ेंगे.”

यूक्रेन के मरिन्का इलाक़े में, गोलाबारी में ध्वस्त हुई एक रिहायशी इमारत के बाहर खड़े कुछ लोग. (फ़ाइल)
© UNICEF/Ashley Gilbertson
यूक्रेन के मरिन्का इलाक़े में, गोलाबारी में ध्वस्त हुई एक रिहायशी इमारत के बाहर खड़े कुछ लोग. (फ़ाइल)

शान्ति के लिये अवसर का इस्तेमाल

संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र का पिछले 76 वर्षों में अस्तित्व सिखाता है कि स्थाई शान्ति, सैन्य तौर-तरीक़ों से नहीं, बल्कि राजनैतिक समाधान के ज़रिये हासिल की जाती है.  

उन्होंने सदस्य देशों से उन सभी औज़ारों व उपायों का इस्तेमाल किये जाने का आग्रह किया, जिन्हें विवादों के निपटारे के लिये उपयोग किया जा सकता है.

साथ ही उन्होंने कूटनीति व मध्यस्थता और शान्ति प्रयासों को प्राथमिकता दिये जाने की बात कही है.

महासभा प्रमुख ने सभी पक्षों से वार्ता प्रक्रिया में तेज़ी लाने और टकराव के मौजूदा रास्ते से सम्वाद के ज़रिये वापिस लौटने का आहवान किया है.