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यूक्रेन: मौजूदा संकट व तनाव के बीच अधिकतम संयम की अपील

यूक्रेन के दोनेत्सक क्षेत्र में एक सैनिक सरकारी सुरक्षा चौकी की निगरानी कर रहा है.
© UNICEF/Christopher Morris
यूक्रेन के दोनेत्सक क्षेत्र में एक सैनिक सरकारी सुरक्षा चौकी की निगरानी कर रहा है.

यूक्रेन: मौजूदा संकट व तनाव के बीच अधिकतम संयम की अपील

शान्ति और सुरक्षा

राजनैतिक व शान्तिनिर्माण मामलों के लिये संयुक्त राष्ट्र की अवर महासचिव रोज़मैरी डीकार्लो ने, यूक्रेन व उसके इर्द-गिर्द जारी तनाव, रूसी सुरक्षा बलों की वापसी और आसन्न हमले की आशंका पर दावों-प्रतिदावों के बीच, गुरूवार को, सभी पक्षों से 2015 के मिन्स्क समझौते को लागू किये जाने में अर्थपूर्ण प्रगति का आग्रह किया है.

संयुक्त राष्ट्र में राजनैतिक मामलों की शीर्ष अधिकारी ने जर्मनी के म्यूनिख़ शहर से गुरूवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के ज़रिये सुरक्षा परिषद को सम्बोधित किया, जहाँ उनका संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश के साथ सुरक्षा सम्मेलन में हिस्सा लेने का कार्यक्रम है. 

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अवर महासचिव ने आगाह किया है कि क्षेत्र में मौजूदा हालात बेहद ख़तरनाक है.

हाल के दिनों में पश्चिमी देशों और यूक्रेन की सरकार ने रूस द्वारा आक्रमण किये जाने की आशंका पर चिन्ता जताई है, लेकिन रूस ने ऐसी किसी भी योजना से इनकार किया है.

यूएन की वरिष्ठ अधिकारी ने ध्यान दिलाया कि यूक्रेन में और आस-पास, तनाव का स्तर, वर्ष 2014 के बाद से सबसे अधिक है और सैन्य टकराव पर क़यासबाज़ी व आरोप-प्रत्यारोप में तेज़ी आई है. 

संयम बरतने की अपील

पिछले कुछ घण्टों में सम्पर्क रेखा पर युद्धविराम उल्लंघन की बात कही गई है. यूएन अधिकारी ने कहा कि अगर ऐसी घटनाओं की पुष्टि होती है, तो फिर हालात को और बिगड़ने से रोका जाना होगा.

अवर महासचिव ने कहा कि यूएन प्रमुख सभी अहम पक्षों के साथ पूर्ण रूप से सम्पर्क में हैं और उन्हें सुस्पष्ट ढंग से कहा है: कूटनीति का कोई विकल्प नहीं है. 

अवर महासचिव ने सभी पक्षों से अधिकतम संयम बरतने का आग्रह किया है.

उन्होंने कहा कि मौजूदा संकट की वजह बनने वाले मुद्दे, जटिल और बहुत लम्बे समय से चले आ रहे हैं.

क्षेत्र में मौजूदा घटनाक्रम, पूर्वी यूक्रेन में आठ वर्ष से जारी टकराव और योरोपीय सुरक्षा ताने-बाने से जुड़े मुद्दों से सम्बद्ध है. 

उन्होंने कहा कि ये मुद्दे कठिन नज़र आते हैं, लेकिन सामूहिक सुरक्षा और योरोपीय स्थिरता को ध्यान में रखते हुए इन्हें कूटनीति और उपलब्ध क्षेत्रीय व अन्य तंत्रों और फ़्रेमवर्क के ज़रिये ही सुलझाया जाना होगा. 

मिन्स्क समझौते-आगे का रास्ता

उन्होंने कहा कि मिन्स्क समझौते, एकमात्र ऐस् फ़्रेमवर्क हैं जिन्हें सुरक्षा परिषद ने भी, प्रस्ताव 2202 के अन्तर्गत, अपना समर्थन दिया है, ताकि बातचीत के ज़रिये पूर्वी यूक्रेन में टकराव का शान्तिपूर्ण निपटारा हो सके. 

उन्होंने स्पष्ट किया कि इसके बावजूद, इस दिशा में प्रगति बहुत कम हुई है.

मिन्स्क II नामक इन समझौतों पर वर्ष 2015 में, योरोप में सुरक्षा व सहयोग के लिये संगठन (OSCE), रूसी महासंघ, यूक्रेन के प्रतिनिधियों और रूस समर्थक दो अलगाववादी क्षेत्रों के नेताओं ने हस्ताक्षर किये थे.  

इनमें सिलसिलेवार ढमग से राजनैतिक व सैन्य क़दमों का ब्यौरा दिया गया है, जिनके ज़रिये पूर्वी यूक्रेन में सरकारी सुरक्षा बलों और अलगाववादियों के बीच लड़ाई को सुलझाया जा सकता है. 

यूक्रेन में एक स्कूल के बाहर गश्त लगाता एक सशस्त्र पुलिस अधिकारी. (फ़ाइल)
© UNICEF/ Ashely Gilbertson V
यूक्रेन में एक स्कूल के बाहर गश्त लगाता एक सशस्त्र पुलिस अधिकारी. (फ़ाइल)

तत्काल उपायों पर बल

यूएन अवर महासचिव ने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर, यूक्रेन की सम्प्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखण्डता का प्रासंगिक महासभा प्रस्तावों के अनुरूप सम्मान किया जाना होगा.

उन्होंने सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों को बताया कि दुनिया योरोप में सामूहिक सुरक्षा तंत्रों के साथ-साथ सुरक्षा परिषद को भी देख रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि झड़पें, केवल कूटनैतिक झड़पों तक ही सीमित रह सकें. 

उन्होंने हाल के दिनों में राष्ट्राध्यक्षों के बीच कूटनैतिक सम्पर्क और कूटनैतिक प्रयास जारी रखने और सुरक्षा बलों की फिर से तैनाती पर केन्द्रित वक्तव्यों का स्वागत किया.

मगर, उन्होंने ध्यान दिलाया कि और ज़मीनी स्तर पर और अधिक क़दम उठाए जाने की आवश्यकता है. 

साथ ही, भड़काऊ बयानबाज़ी पर रोक लगाई जानी होगी, यूक्रेन में विशेष निगरानी मिशन को समर्थन दिया जाना होगा, और उसके कामकाज के लिये सुरक्षित परिस्थितियाँ सुनिश्चित की जानी होंगी.

एकजुटता

रोज़मैरी डीकार्लो ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र, यूक्रेन की जनता के साथ एकजुट है.

शान्तिनिर्माण व राजनैतिक मामलों की प्रमुख रोज़मैरी डीकार्लो ने यूक्रेन मुद्दे पर गुरूवार को सुरक्षा परिषद को सम्बोधित किया.
UN Photo/Mark Garten
शान्तिनिर्माण व राजनैतिक मामलों की प्रमुख रोज़मैरी डीकार्लो ने यूक्रेन मुद्दे पर गुरूवार को सुरक्षा परिषद को सम्बोधित किया.

उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में 29 लाख लोगों की मानवीय सहायता आवश्यकताओं का भी ख़याल रखा जाना होगा.

बताया गया है कि इस वर्ष अब तक, तीन मानवीय राहत क़ाफ़िलों के ज़रिये 140 मीट्रिक टन जीवनरक्षक सहायता, सरकारी और यूक्रेन के ग़ैर-सरकारी नियंत्रण वाले इलाक़ों में वितरित की गई है.

टकराव व लड़ाई से थक चुके, दोनेत्स्क व लुशान्स्क क्षेत्रों में कोविड-19 के कारण हालात और भी अधिक चुनौतीपूर्ण हुए हैं. 

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) के अनुसार मार्च 2014 में, रूस द्वारा क्रीमिया को छीने जाने के कुछ ही समय बाद शुरू हुए इस संकट के कारण, 14 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है.

इनमें लगभग तीन हज़ार आम नागरिक हैं और सात हज़ार से ज़्यादा लोग घायल भी हुए हैं.