वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

इथियोपिया: टीगरे में हवाई कार्रवाई में अनेक हताहत, राहत अभियान रोका गया 

इथियोपिया के टीगरे क्षेत्र में एक बख़्तरबन्द वाहन. (20 जुलाई 2021)
© UNICEF/Christine Nesbitt
इथियोपिया के टीगरे क्षेत्र में एक बख़्तरबन्द वाहन. (20 जुलाई 2021)

इथियोपिया: टीगरे में हवाई कार्रवाई में अनेक हताहत, राहत अभियान रोका गया 

मानवीय सहायता

इथियोपिया के उत्तरी क्षेत्र टीगरे में हाल के दिनों में हवाई कार्रवाई में, विस्थापितों और शरणार्थियों के लिये बनाए गए शिविरों को निशाना बनाया गया है, जिसमें बच्चों समेत अनेक आम लोगों की मौत हुई है, और अन्य अनेक घायल हुए हैं. मौजूदा हालात में कुछ राहत एजेंसियों ने अपना सहायता अभियान फ़िलहाल रोक दिया है.

मानवीय राहत मामलों में समन्वय के लिये संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (OCHA) ने पत्रकारों को बताया कि कुछ राहत एजेंसियों ने उस इलाक़े में सहायता अभियान रोकने की बात कही है, जहाँ एक शिविर में विस्थापित लोगों के एक शिविर पर जानलेवा हवाई कार्रवाई की गई है. 

“मानवीय राहत साझीदार संगठनों ने, ड्रोन के ज़रिये कार्रवाई के ख़तरे के मद्देनज़र, अपनी गतिविधियाँ रोक दी हैं.”

हालाँकि इलाक़े में कुछ साझीदार संगठनों ने अपना काम जारी रखा है.

एजेंसी के अनुसार, यह हमला शुक्रवार मध्य रात्रि को, डेडेबिट नामक नगर में हुआ और इससे अनेक आम लोग हताहत हुए है. 

विद्रोही गुट टीगरे पीपल्स लिबरेशन फ़्रण्ट (TPLF) का कहना है कि इस हमले में 56 लोगों की मौत हुई है.

टीगरे की राजधानी मेकैल्ले के मुख्य अस्पताल में एक अधिकारी के मुताबिक़ 55 लोगों की मौत हुई है और 126 घायल हुए हैं. 

मानवीय राहत संगठनों द्वारा सहायता अभियान रोके जाने की ख़बरों के बावजूद, यूएन एजेंसी ने ज़ोर देकर कहा है कि कुछ साझीदार संगठनों ने डेडेबिट इलाक़े के आसपास अपना कामकाज जारी रखा है. 

इलाक़े में ड्रोन के ज़रिये फिर से हमले का जोखिम मंडरा रहा है.  

सुरक्षा और सुलभता कारणों से, यूएन एजेंसी के लिये हताहतों की संख्या की पुष्टि कर पाना सम्भव नहीं हो पाया है.

दक्षिण पश्चिम टीगरे में सामरे से एक परिवार, दो दिन पैदल चलकर म्कैले के शिविर में पहुँचा.
© UNOCHA/Saviano Abreu
दक्षिण पश्चिम टीगरे में सामरे से एक परिवार, दो दिन पैदल चलकर म्कैले के शिविर में पहुँचा.

बच्चे भी हताहत

रविवार को जारी एक वक्तव्य में, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने हमले और दो दिन पहले, 5 जनवरी को हुए एक अन्य हमले पर गहरा क्षोभ व्यक्त किया है. 

यूएन बाल कोष ने ज़ोर देकर कहा कि शरणार्थियों व घरेलू विस्थापितों के लिये बनाए गए इस शिविर में, स्कूल और अन्य बुनियादी सेवाएँ भी उपलब्ध हैं, और वे नागरिक प्रतिष्ठान हैं.

संगठन ने आगाह किया है कि लड़ाकों द्वारा इन इलाक़ों की सुरक्षा व सम्मान किये जाने में विफलता को, अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून के उल्लंघन की श्रेणी में रखा जा सकता है. 

यूनीसेफ़ के मुताबिक़, उत्तरी इथियोपिया में सभी युद्धरत पक्षों द्वारा, बच्चों के अधिकार हनन समेत, हिंसक कृत्य के मामलों को अंजाम दिया जाना जारी है. 

14 महीनों से हिंसक टकराव

इथियोपिया में सरकारी सुरक्षा बलों और टीगरे पीपल्स लिबरेशन फ़्रण्ट (TPLF) के वफ़ादार लड़ाकों के बीच 14 महीने पहले हिंसा भड़क उठी थी.

यूनीसेफ़ ने हिंसा पर तत्काल विराम लगाए जाने की पुकार दोहराई है और सभी पक्षों से पिछले कुछ हफ़्तों में हुई प्रगति के शुरुआती संकेतों पर आगे बढ़ने की अपील की है.

दिसम्बर 2021 में, इथियोपियाई सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा बलों के मार्च के थमने की घोषणा की थी, जबकि TPLF ने पड़ोसी अफ़ार और अमहारा क्षेत्रों से अपने लड़ाके वापिस बुलाने की बात कही थी. 

यूएन आपदा राहत कोष (CERF), इथियोपिया के अनेक जल वंचित इलाक़ों में ज़िन्दगियाँ और आजीविकाएँ बचाने के लिये दो करोड़ डॉलर की सहायता मुहैया करा रहा है.
FAO/Michael Tewelde
यूएन आपदा राहत कोष (CERF), इथियोपिया के अनेक जल वंचित इलाक़ों में ज़िन्दगियाँ और आजीविकाएँ बचाने के लिये दो करोड़ डॉलर की सहायता मुहैया करा रहा है.

इसी बीच, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने युद्धरत पक्षों से, एक साल से अधिक समय से चले आ रहे संघर्ष पर, मौजूदा अवसर का लाभ उठाते हुए, विराम लगाने का आग्रह किया है. 

मानवीय संकट

इथियोपिया के कुछ हिस्से, व्यापक पैमाने पर मानवीय संकट से त्रस्त हैं. बताया गया है कि टीगरे, अमहारा और अफ़ार क्षेत्रों में 52 लाख से अधिक लोगों को राहत की आवश्यकता है.

मानवाधिकार हनन के आरोपों के बीच, हज़ारों की संख्या में लोगों के मारे जाने की आशंका जताई गई है, जबकि 20 लाख से अधिक लोग अपने घर छोड़कर जाने के लिये मजबूर हुए हैं. 

पिछले कुछ महीनों में लोगों के मारे जाने, लूटपाट होने और स्वास्थ्य केन्द्रों व कृषि सम्बन्धी बुनियादी ढाँचे को क्षति पहुँचाए जाने की ख़बरें सामने आई हैं, जिनसे मानवीय ज़रूरतों का दायरा बढ़ा है.

यूएन मानवीय राहतकर्मियों के मुताबिक़, देश के उत्तरी हिस्से में हालात, चिन्ताजनक हैं और किसी भी समय कुछ भी घट सकता है.