कॉप26: ग्लासगो की सड़कों पर उतरे हज़ारों युवा कार्यकर्ता, जलवायु कार्रवाई की मांग

स्कॉटलैण्ड के ग्लासगो शहर में संयुक्त राष्ट्र के वार्षिक जलवायु सम्मेलन कॉप26 के दौरान शुक्रवार, 5 नवम्बरका दिन, ‘युवजन’ के नाम समर्पित रहा और हज़ारों प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर उतर कर, जलवायु कार्रवाई के समर्थन में प्रदर्शन किया. ग्लासगो का केन्द्रीय इलाक़ा इन नारों से गूंज उठा: “हम क्या चाहते हैं? जलवायु न्याय! हम यह कब चाहते हैं? अभी!”
शुक्रवार को इस मार्च का आयोजन, 'Fridays for Future' नामक युवाओं के एक अभियान ने किया था, जोकि स्वीडन की जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग से प्रेरित है.
मगर, इस मार्च में सभी आयु वर्ग के लोग जियॉर्ड चौराहे पर जलवायु कार्रवाई की मांग में एकत्रित हुए.
हाथों में तख़्तियाँ व बैनर थामे छोटे बच्चों से लेकर, भावी पीढ़ियों के लिये बेहतर भविष्य की मांग करते वयस्कों तक, कॉप26 के मेज़बान ग्लासगो शहर ने अभूतपूर्व संख्या में नागरिक कार्यकर्ताओं की भागीदारी को देखा.
वहाँ जैसे हर कोई अपनी आवाज़ सुनाना चाहते थे. शनिवार को इससे भी बड़ा एक अन्य मार्च होने की सम्भावना है.
लातिन-अमेरिकी आदिवासी नेताओं ने भी शुक्रवार को हुए प्रदर्शनों में शिरकत की.
उन्होंने विश्व नेताओं तक बुलन्द आवाज़ में अपना सन्देश पहुँचाया: संसाधनों का दोहन बन्द कीजिये और कार्बन को भूमि में ही रहने दीजिये.
जियॉर्ज चौराहे के एक मंच पर जुटे कार्यकर्ताओं ने क्षोभ जताया कि आदिवासी लोग नदियों में अपनी ज़िन्दगी गँवा रहे हैं, वे विकराल बाढ़ में बह रहे हैं, उनके घर तबाह हो रहे हैं, भोजन, पुल, फ़सलें सभी कुछ नष्ट हो रहा है.
स्वीडन की कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग, मंच पर आने वाली अन्तिम प्रदर्शनकारी थीं.
उन्होंने 26 वर्षों के जलवायु सम्मेलनों के बावजूद कथित तौर पर “आँय, बाँय, शाँय” जारी रखने वाले नेताओं की आलोचना की और कॉप बैठकों के दौरान किये जाने वाले वादों की पारदर्शिता पर सन्देह जताया.
ग्रेटा ने कहा कि नेतागण कुछ भी नहीं कर रहे हैं. वे बस ऐसे रास्ते तैयार कर रहे हैं, जिनसे उन्हें फ़ायदा मिलता हो, और विनाशकारी प्रणाली से मुनाफ़ा मिलना जारी रह सके.
“प्रकृति व लोगों का दोहन और मौजूदा व भावी जीवन की परिस्थितियों की तबाही जारी रखने के लिये, नेताओं द्वारा किये जाने वाला यह एक सक्रिय चयन है.”
यही पुकार, सम्मेलन के ‘ब्लू ज़ोन’ में भी सुनाई दी, जहाँ YOUNGO नामक पहल के युवा जलवायु कार्यकर्ताओं ने कॉप अध्यक्ष और अन्य नेताओं को एक वक्तव्य सौंपा.
बदलाव की मांग करने वाले 40 हज़ार से अधिक युवाओं ने इस वक्तव्य पर हस्ताक्षर किये हैं, जिसमें मौजूदा परिस्थितियों पर अनेक चिन्ताएँ जताई गई हैं.
साथ ही जलवायु परिवर्तन मामलों पर यूएन संस्था की कार्यकारी सचिव पैट्रीशिया ऐस्पिनोसा से आग्रह किया गया है कि कॉप26 के समापन पर घोषणा-पत्र के मसौदे में, युवजन की अहमियत का भी उल्लेख किया जाए.
उन्होंने युवजन के साथ एक पैनल विचार-विमर्श में कहा, “हम इन मुद्दों और मांगों को प्रतिनिधियों के ध्यानार्थ लाएंगे, इनमें से सभी परम तार्किक व न्यायोचित हैं.”
युवा कार्यकर्ताओं द्वारा मंत्रियों को सौंपे गए इस वक्तव्य में, जलवायु वित्त पोषण, आवाजाही, परिवहन, वन्य जीव रक्षा और पर्यावरण संरक्षण के लिये कार्रवाई का आग्रह किया गया है.
इस बीच, ब्रिटेन और इटली ने, संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (UNESCO), Youth4Climate और Mock COP के साथ साझीदारी में, नई वैश्विक कार्रवाई की पहल की है.
इसके ज़रिये, एक नैट-शून्य उत्सर्जन विश्व के सृजन के लिये, भावी पीढ़ियों में ज्ञान व कौशल विकसित करने पर बल दिया जाएगा.
23 से अधिक देशों में शिक्षा मंत्रियों व युवाओं ने राष्ट्रीय जलवायु शिक्षा प्रतिज्ञाएँ पेश किये हैं.
इनमें शिक्षा सैक्टर की कार्बन पर निर्भरता घटाने और स्कूल के लिये संसाधन विकास को अहम बताया गया है.
जलवायु मामलों पर यूएन की संस्था (UNFCCC) ने कार्बन उत्सर्जन में कटौती लाने पर आधारित, राष्ट्रीय संकल्पों पर अपनी नवीनतम रिपोर्ट जारी की है.
बताया गया है कि सम्मेलन में हुई कुछ प्रगति के बावजूद, अभी पर्याप्त कार्रवाई होती नहीं दिख रही है.
रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2010 की तुलना में, 2030 तक वैश्विक ग्रीनहाउस उत्सर्जनों में 13 प्रतिशत से अधिक वृद्धि होने की सम्भावना है.
कॉप से पहले यह बढ़ोत्तरी 16 प्रतिशत आँकी गई थी.
हालाँकि वैश्विक तापमान में बढ़ोत्तरी को नियंत्रण में लाने और विनाशकारी दुष्प्रभावों से बचने के लिये, अगले नौ सालों में कार्बन उत्सर्जन में 50 प्रतिशत की कटौती किये जाने की आवश्यकता है.