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कोविड-19 के स्रोत के अध्ययन और भावी महामारियों की रोकथाम के लिये नया वैज्ञानिक समूह

कोविड-19 के लक्षणों की पहचान के लिये एयरपोर्ट पर तापमान जाँच की जा रही है.
WHO/P. Phutpheng
कोविड-19 के लक्षणों की पहचान के लिये एयरपोर्ट पर तापमान जाँच की जा रही है.

कोविड-19 के स्रोत के अध्ययन और भावी महामारियों की रोकथाम के लिये नया वैज्ञानिक समूह

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने महामारी फैलाव की वजह बनने वाले नए रोगाणुओं के मूल स्रोतों की पड़ताल के लिये बुधवार को एक नए विशेषज्ञ समूह के प्रस्तावित सदस्यों की घोषणा की है. ये समूह कोविड-19 महामारी के लिये ज़िम्मेदार कोरोनावायरस SARS-CoV-2 सहित अन्य रोगाणुओं का अध्ययन करेगा. 

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विश्व स्वास्थ्य संगठन के 'वैज्ञानिक परामर्शदाता समूह' (SAGO) के प्रस्तावित सदस्यों को महामारी विज्ञान, पशु स्वास्थ्य, मरीज़ों के उपचार, विषाणु विज्ञान, जैविक सुरक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य और जीनोमिक्स जैसे क्षेत्रों में उनकी विशेषज्ञता के आधार पर चुना गया है. 

इन विशेषज्ञों के चयन के दौरान भौगोलिक व लैंगिक विविधता का भी ध्यान रखा गया है.

इस समूह में 26 वैज्ञानिक अनेक देशों से हैं और एक वैश्विक आहवान के बाद प्राप्त 700 आवेदनों में से उनका चयन किया गया है. 

प्रस्तावित SAGO सदस्यों के चयन पर प्रतिक्रियाओं और टिप्पणियों के लिये सार्वजनिक स्तर पर राय व्यक्त करने का भी अवसर प्रदान किया गया है, जिसकी अवधि दो सप्ताह रखी गई है.  

प्रस्तावित सदस्यों की सूची के लिये यहाँ क्लिक कीजिये. 

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के प्रमुख टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने जिनीवा में अपनी नियमित पत्रकार वार्ता के दौरान इस आशय की घोषणा की है. 

“SAGO, विश्व स्वास्थ्य संगठन को SARS-CoV-2 सहित, महामारी और वैश्विक महामारी की आशंका वाले उभरते और फिर से उभर रहे रोगाणुओं के स्रोतों के अध्ययनों के लिये एक वैश्विक फ़्रेमवर्क विकसित करने पर परामर्श देगा.”

स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक के मुताबिक़ नए वायरसों का उभरना और उनसे महामारी व वैश्विक महामारी का फैलाव, प्रकृति का एक तथ्य है.

उन्होंने सचेत किया कि SARS-CoV-2 इस कड़ी में ऐसा ही एक नवीनतम वायरस है, मगर यह अन्तिम नहीं होगा.  

बेहतर तैयारी ज़रूरी

कोविड-19 के लिये यूएन स्वास्थ्य की तकनीकी प्रमुख डॉक्टर मारिया वान कर्कहॉव ने कहा कि दुनिया को भावी बीमारियों के लिये बेहतर ढँग से तैयारी रखनी होगी.

उन्होंने एक पत्रकार द्वारा पूछे गये सवाल के जवाब में सम्भावना जताई है कि SAGO विशेषज्ञों का समूह, चीन और सम्भवत: अन्य स्थानों पर और अध्ययन किये जाने की अनुशन्सा करेगा. 

इसके ज़रिये नए कोरोनावायरस के स्रोतों के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास किया जाएगा. 

इस क्रम में, SAGO समूह, यूएन स्वास्थ्य एजेंसी को परामर्श प्रदान करेगा, मगर उसके लिये भविष्य में किसी भी तरह के मिशन को यूएन एजेंसी और सम्बद्ध देश द्वारा आयोजित किया जाएगा. 

डॉक्टर कर्कहॉव ने ज़ोर देकर कहा कि वो यह स्पष्ट करना चाहती हैं कि SAGO, किसी अगले मिशन के लिये कोई एक टीम नहीं है.

बताया गया है कि SAGO विशेषज्ञों द्वारा यूएन स्वास्थ्य एजेंसी को परामर्श व समर्थन मुहैया कराया जाएगा, जिसके तहत भविष्य में, कोविड-19 और अन्य उभरते वायरसों के स्रोतों के अध्ययन के लिये WHO-अन्तरराष्ट्रीय मिशनों में भागीदारी हो सकती है.