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कोविड-19: विज्ञान, एकता और एकजुटता, महामारी को हराने के कारगर औज़ार

बांग्लादेश में अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन रोहिंज्या शरणार्थियों की मेडिकल देखभाल को सुनिश्चित करने के लिये प्रयासरत है.
IOM/Abdullah Al Mashrif
बांग्लादेश में अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन रोहिंज्या शरणार्थियों की मेडिकल देखभाल को सुनिश्चित करने के लिये प्रयासरत है.

कोविड-19: विज्ञान, एकता और एकजुटता, महामारी को हराने के कारगर औज़ार

स्वास्थ्य

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि बेहतर तैयारी, विज्ञान को सुनने व समझने और एकजुट कार्रवाई ऐसे चन्द औज़ार हैं जिनका इस्तेमाल दुनिया भर में सभी देश कोरोनावायरस संकट पर क़ाबू पाने में कर सकते हैं. यूएन महासचिव गुटेरेश ने रविवार को विश्व स्वास्थ्य शिखर वार्ता को सम्बोधित करते हुए यह बात कही.

जर्मनी की राजधानी बर्लिन में हुई शिखर वार्ता को संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी (WHO) का समर्थन प्राप्त है, और इसमें 100 से ज़्यादा देश व क़रीब ढाई हज़ार प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया है.

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इस बैठक का लक्ष्य विश्व भर में बेहतर स्वास्थ्य सुनिश्चित करना और वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिये जवाबी कार्रवाई का ख़ाका तैयार करना है.

यूएन प्रमुख ने अपने वीडियो सन्देश में कोविड-19 महामारी से उत्पन्न हुए भीषण व्यवधान का ज़िक्र करते हुए कहा कि रविवार तक 11 लाख 47 हज़ार लोगों की मौत हो चुकी है और संक्रमण के चार करोड़ 25 लाख से ज़्यादा मामले सामने आए हैं.

कोविड-19 महामारी की वजह से 50 करोड़ रोज़गार ख़त्म हो गए हैं और विश्व अर्थव्यवस्था को हर महीने 375 अरब डॉलर का नुक़सान हो रहा है.

लिंग-आधारित हिंसा के मामलों में तेज़ी आई है और कोरोनावायरस संकट के दौरान मानसिक स्वास्थ्य व बीमारी एक और संकट के रूप में खड़ी हो गई है.

लगभग ढाई करोड़ बच्चे स्कूली शिक्षा के चक्र से हमेशा के लिये बाहर हो सकते हैं जिसका उन पर जीवन-पर्यन्त असर पड़ेगा.

"कोविड-19 हमें टिकाऊ विकास के लिये 2030 एजेण्डा के वादे और दूरदृष्टि को हासिल करने के रास्ते से दूर धकेल रहा है."

उन्होंने स्पष्ट किया कि इस संकट का सबसे पहला कठिन सबक़ यही था कि हम इसके लिये तैयार नहीं थे.

"वैश्विक स्वास्थ्य और आपात कार्रवाई प्रणालियों का परीक्षण हुआ और उनमें ख़ामियाँ पाई गईं. स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच एक मानवाधिकार है जोकि दुनिया भर में अरबों लोगों को हासिल नहीं है."

"सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज का रास्ता उच्च गुणवत्ता, न्यायोचित और किफ़ायती स्वास्थ्य देखभाल की ओर ले जाता है. मज़बूत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों और आपात हालात के लिये तैयारियाँ ज़्यादा सहनक्षमता की दिशा में ज़रूरी क़दम हैं."

विज्ञान पर ज़ोर

उन्होंने कहा कि विज्ञान को अहमियत देते हुए और एकता व एकजुटता प्रदर्शित करते हुए इस महामारी से निपटा जा सकता है.

"मास्क पहनने, शारीरिक दूरी, और हाथ धोने सहित अन्य सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय इस वायरस को दूर रखने के लिये कारगर व साबित औज़ार हैं."

महासचिव गुटेरेश ने आगाह किया कि निर्बलों की रक्षा किया जाना बेहद अहम है, और ये सुनिश्चित किया जाना ही होगा. साथ ही ऐसे आयोजनों से दूर रहना होगा जहाँ वायरस तेज़ी से फैल सकता है.

इस सिलसिले में सरकारों द्वारा समुदायों के साथ भरोसा क़ायम करने और विश्वसनीय सूचना को साझा करने पर बल दिया गया है.

"तीसरा, हमें इस रास्ते पर हर क़दम पर वैश्विक एकजुटता की दरकार है. विकसित देशों को संसाधन की कमी झेल रहे देशों में स्वास्थ्य प्रणालियों को सम्बल देना होगा."

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एंतोनियो गुटेरेश के मुताबिक कोरोनावायरस की सम्भावित वैक्सीन लोक कल्याण के लिये है और ये वैक्सीन हर स्थान पर हर एक व्यक्ति के लिये उपलब्ध करानी होगी.

जीवनरक्षकों से कहीं ज़्यादा

यूएन प्रमुख ने कहा कि वैक्सीन, टैस्ट और उपचार जीवनरक्षक उपायों से कहीं बढ़कर हैं. "वे अर्थव्यवस्था और समाज को बचाने वाले हैं."

"राहत किसी एक क़दम के ज़रिये नहीं मिलेगी, बल्कि आधुनिकतम शोध को बुनियादी सार्वजनिक स्वास्थ्य के साथ पारंगत ढँग से जोड़ने से सम्भव होगी."

महासचिव ने प्रतिनिधियों को बताया कि भ्रामक जानकारी और ग़लत सूचनाएँ वायरस के वो घातक साथी हैं जिनसे लोगों की मौतों और संक्रमणों की संख्या बढ़ रही है, साथ ही, सामाजिक तनाव बढ़ रहा है जिससे हिंसा भड़क रही है.

"जब तक अफ़वाहों, काल्पनिक कहानियों और झूठ का सामना नहीं किया जायेगा, हमारे प्रयासों व्यर्थ साबित होते रहेंगे."

यूएन प्रमुख ने संयुक्त राष्ट्र की "वैरीफ़ाइड" मुहिम का उल्लेख करते हुए बताया कि इससे यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है कि लोगों को सटीक परामर्श उपलब्ध हो ताकि स्वास्थ्य की रक्षा होने के साथ-साथ, उसे बढ़ावा मिल सके.